01-01-2020, 12:39 PM
बाहर तो कोई नही आया लेकिन एक गोली तेज़ी से अंकिता की और आई और उसके सर के बिल्कुल बाजू से निकल गयी. अंकिता फ़ौरन ज़मीन पर लेट गयी. आशुतोष के पास तो कुछ था नही. वो जीप के पीछे छुप गया."मेडम सही कह रही थी. कौन है ये बंदा जो सारे आम पोलीस पर गोली चला रहा है."
अंकिता धीरे धीरे झुके झुके हाथ में पिस्टल लिए आगे बढ़ रही थी. अंकिता ने फाइयर किया. फाइयर होते ही किसी के भागने की आहट हुई. आशुतोष भी नीचे झुक कर धीरे धीरे अंकिता के पास आ गया.
"आप सही कह रही थी मेडम"
"मैं हमेशा सही कहती हूँ. आगे से मेरी स्टेट्मेंट पर डाउट किया तो सस्पेंड कर दूँगी"
"नही करूँगा मेडम. बिल्कुल नही करूँगा. लगता है वो भाग गया."
"मेरे उपर गोली चलाने वाले को मैं छोड़ूँगी नही...चलो पकड़ते हैं उसे."
"मेडम हम सिर्फ़ 2 हैं. और लोगो को बुला लूँ क्या."
"हां चौहान को फोन करो...तब तक हम कोशिश करते हैं उसे पकड़ने की."
"मेडम देख लो ये जंगल है. वो छुपा बैठा होगा कही और हमें निशाने पर ले लेगा. मेरे पास तो कुछ भी नही है. अभी तक सर्विस पिस्टल नही मिली मुझे."
"तुम मेरे पीछे पीछे आओ मैं हूँ ना साथ"
आशुतोष चौहान को फोन करता है और उसे सारी सिचुयेशन बता देता है. वो कहता है कि 20 मिनिट में पोलीस की 2 पार्टीस पहुँच जाएँगी वहाँ.
"मेडम कही ये साइको ही तो नही है. बिना सोचे समझे पोलीस पर गोली चला दी इसने. ऐसा कोई पागल ही कर सकता है. उसे बाहर आने को ही तो बोल रही थी आप. कुछ और तो नही कहा था उसे."
"सही कह रहे हो शायद ये साइको ही है." अंकिता का ध्यान बोलते वक्त भटक जाता है और वो एक . से टकरा कर गिरने लगती है. आशुतोष उसे संभालने की कोशिश करता है लेकिन उसका बॅलेन्स भी डगमगा जाता है और वो अंकिता को संभालने की बजाए उसको साथ लेकर उसके उपर गिरता है. बहुत ही चिंता ज़नक और नाज़ुक स्थिति बन जाती है. ए एस पी साहिबा नीचे पड़ी है और अपना आशुतोष उसके उपर.
अंकिता धीरे धीरे झुके झुके हाथ में पिस्टल लिए आगे बढ़ रही थी. अंकिता ने फाइयर किया. फाइयर होते ही किसी के भागने की आहट हुई. आशुतोष भी नीचे झुक कर धीरे धीरे अंकिता के पास आ गया.
"आप सही कह रही थी मेडम"
"मैं हमेशा सही कहती हूँ. आगे से मेरी स्टेट्मेंट पर डाउट किया तो सस्पेंड कर दूँगी"
"नही करूँगा मेडम. बिल्कुल नही करूँगा. लगता है वो भाग गया."
"मेरे उपर गोली चलाने वाले को मैं छोड़ूँगी नही...चलो पकड़ते हैं उसे."
"मेडम हम सिर्फ़ 2 हैं. और लोगो को बुला लूँ क्या."
"हां चौहान को फोन करो...तब तक हम कोशिश करते हैं उसे पकड़ने की."
"मेडम देख लो ये जंगल है. वो छुपा बैठा होगा कही और हमें निशाने पर ले लेगा. मेरे पास तो कुछ भी नही है. अभी तक सर्विस पिस्टल नही मिली मुझे."
"तुम मेरे पीछे पीछे आओ मैं हूँ ना साथ"
आशुतोष चौहान को फोन करता है और उसे सारी सिचुयेशन बता देता है. वो कहता है कि 20 मिनिट में पोलीस की 2 पार्टीस पहुँच जाएँगी वहाँ.
"मेडम कही ये साइको ही तो नही है. बिना सोचे समझे पोलीस पर गोली चला दी इसने. ऐसा कोई पागल ही कर सकता है. उसे बाहर आने को ही तो बोल रही थी आप. कुछ और तो नही कहा था उसे."
"सही कह रहे हो शायद ये साइको ही है." अंकिता का ध्यान बोलते वक्त भटक जाता है और वो एक . से टकरा कर गिरने लगती है. आशुतोष उसे संभालने की कोशिश करता है लेकिन उसका बॅलेन्स भी डगमगा जाता है और वो अंकिता को संभालने की बजाए उसको साथ लेकर उसके उपर गिरता है. बहुत ही चिंता ज़नक और नाज़ुक स्थिति बन जाती है. ए एस पी साहिबा नीचे पड़ी है और अपना आशुतोष उसके उपर.