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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
"मैं बाहर टॉयलेट में जा रही हूँ. जाओ पूरा अंदर ले लूँगी." कविता ने कहा.

 
"तू तो मुझे भी अंदर ले लेगी पूरा. मुझे माफ़ करो मेरा कोई इंटेरेस्ट नही है. आपने बहुत मनोरंजन कर दिया मेरा अब प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो. मुझे मूवी देखनी है."
 
"मूवी देखने तो नही आए थे तुम. झूठ बोल रहे हो."
 
सौरभ ने अपने लंड को वापिस पेण्ट में डाल लिया और चुपचाप बैठ गया. कविता भी चुपचाप वही बैठी रही.
 
"पूजा सॉरी, ये सब कविता ने किया. सच में मेरी कोई मर्ज़ी नही थी." सौरभ ने पूजा की तरफ झुक कर कहा.
 
"आइ डोंट गिव डॅम अबौट इट. लीव मी अलोन." पूजा ने गुस्से में कहा.
 
कविता ये देखते हुए भी की सौरभ उसमे कोई इंटेरेस्ट नही ले रहा है फिर भी उसके पास से नही उठी. सौरभ तो हैरान और परेशान बैठा था. पूजा के सामने उसकी छवि और खराब हो गयी थी.
 
"लगता है कोई चान्स नही है मेरा अब. अब तो और भी मुश्किल हो गयी है. क्या करू अब?" सौरभ सोच में डूबा था.
 
"तुम कहा खो गये? इस पूजा की चिंता आप मत कीजिए, ये ऐसी ही है तुनक मिज़ाज़."
 
"फिर किसकी चिंता करू अगर उसकी नही करू तो" सौरभ इरिटेटेड टोन में बोला.
 
"मुझमे क्या कमी है. मुझे तुम्हारा शायराना अंदाज़ पसंद आया. मुझे लगा कि हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं. लेकिन तुम तो खफा ही हो गये."
 
"देखो मैं सिर्फ़ पूजा के लिए यहाँ बैठा हूँ वरना कब का चला जाता. मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज़."
 
"मज़ा तो तुम्हे खूब रहा था जब मैं सक कर रही थी. पूजा ने देख लिया तो तुम अपना मज़ा भूल गये. मैं हर किसी को ब्लो जॉब नही देती हूँ. रही बात पूजा की तो सुनो उसका अफेर है एक लड़के से. खूब अच्छे से देती है ये उसे. तुम उस पर वक्त बर्बाद मत करो. मेरा ब्रेकप हो चुका है और मैं अभी फ्री हूँ. मुझे यकीन है कि हमारी खूब जमेगी."
 
"किसके साथ अफेर है पूजा...विक्की के साथ?" सौरभ ने पूछा.
 
"हां हां, तुम्हे कैसे पता?"
 
"तुम्हे उस से कोई लेना देना नही है."
 
"उफ्फ यही अदा तुम्हारी जान ले रही है. जालिम हो एक नंबर के तुम तो."
 
"मेरी मा छोड़ दे अकेला मुझे तू अब. मुझे पूजा के साथ सेट्टिंग करनी है जो कि तुम्हारे होते नही हो पाएगी."
 
"पूजा के चक्कर में तुम वेट एन्ड हॉट पुश्सी से हाथ धो बैठोगे. आय ऍम रेडी फॉर यू. टेक मी."
 
"माइ गॉड...तुम्हारे जैसी लड़की नही देखी मैने आज तक जो खुद अपनी चूत पारोष दे बिना माँगे."
 
"अब पारोष दी है तो ये बताओ कि खाओगे की नही."
 
ना चाहते हुए भी इन बातो से सौरभ के अंदर बेचैनी होने लगी थी. उसका लंड हरकत करने लगा था. कविता शायद ये समझ रही थी. उसने सौरभ के घुटने पर हाथ रख कर धीरे धीरे हाथ को सौरभ के लंड तक सरका लिया था. उसके उत्तेजित लंड को वो महसूस कर रही थी.
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 01-01-2020, 12:35 PM



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