01-01-2020, 12:21 PM
मोनिका चाय लाई और आशुतोष ने चुपचाप दरवाजे पर खड़े खड़े चाय पी बारिश की बूँदो को देखते हुए.
"मोनिका जी मुझे लगता है कि मुझे निकलना चाहिए. मेरा यहाँ रुकना ठीक नही."
" जैसी आपकी मर्ज़ी."
"मेरा नंबर रख लीजिए आपको कुछ और याद आए तो प्लीज़ ज़रूर बताना. उस साइको को पकड़ना बहुत ज़रूरी है."
"जी बिल्कुल"
आशुतोष बारिश में ही निकल पड़ा. जीप तक पहुँचते-पहुँचते आशुतोष पूरी तरह भीग गया. जैसे ही वो जीप में बैठा उसका मोबायल बज उठा.
"हेलो"
"मैं मोनिका बोल रही हूँ...एक बात बताना भूल गयी आपको."
"कुछ इम्पोर्टेन्ट है क्या."
"हां."
"रूको मोबायल में आवाज़ साफ नही आ रही मैं जीप लेकर वही आता हूँ."
आशुतोष ने जीप घुमाई और वापिस मोनिका के घर के बाहर आ गया.
आशुतोष बुरी तरह से भीगा हुआ मोनिका के घर में परवेश करता है.
"एयेए चाइयीयियी....कहिए क्या बात है?" आशुतोष को छींक आ गयी.
"आप तो पूरे भीग गये हैं...मैं तोलिया लाती हूँ." मोनिका ने कहा.
"वो मेरी जीप ज़रा दूर खड़ी थी. वहाँ तक पहुँचते-पहुँचते पूरा भीग गया."
मोनिका ने टोलिया ला कर आशुतोष के हाथ में दे दिया, "लीजिए आप अपना सर सूखा लीजिए"
आशुतोष ने तोलिया पकड़ा और बोला, "थॅंक यू सो मच. आप बहुत अच्छी हैं"
मोनिका नज़रे झुका कर हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली,"आप भी बहुत अच्छे हैं."
"हां तो बोलिए अब. क्या बताना भूल गयी थी आप?" आशुतोष सर पर तोलिया रगड़ते हुए बोला.
तभी अचानक बहुत ज़ोर की बिजली कदकी. बहुत ही भयानक आवाज़ हुई. मोनिका इतनी डर गयी कि वो फ़ौरन आशुतोष से चिपक गयी.
"मुझे कोई प्रॉब्लम नही है आपको गले लगाने में लेकिन आपके कपड़े गीले हो जाएँगे." आशुतोष ने हंसते हुए कहा.
मोनिका तुरंत आशुतोष से दूर हो गयी और नज़र झुका कर बोली, "ओह सॉरी मैं बिजली की आवाज़ से डर गयी थी."
आशुतोष मोनिका के करीब आता है और कहता है, "कोई बात नही मोनिका जी. मुझे अच्छा लगा कि आपने मुझे इस काबिल समझा. आप नज़दीक आई तो सर्दी दूर भाग गयी. एक बात कहु अगर बुरा ना माने तो"
"जी कहिए."
"हमारे बीच बहुत सुंदर संभोग की संभावना बन रही है. मैं आपके लिए बहक रहा हूँ. इस से पहले कि कुछ हो जाए आप मुझे वो बात बता दो ताकि मैं चुपचाप जल्द से जल्द यहाँ से चला जाऊ."
"वही बताने जा रही थी कि कदक्ति बिजली ने डरा दिया."
"कोई बात नही ऐसी बिजली किसी को भी डरा सकती है. एक पल को तो मैं भी डर गया था. लगता है कही नज़दीक ही गिरी है बिजली."
"मोनिका जी मुझे लगता है कि मुझे निकलना चाहिए. मेरा यहाँ रुकना ठीक नही."
" जैसी आपकी मर्ज़ी."
"मेरा नंबर रख लीजिए आपको कुछ और याद आए तो प्लीज़ ज़रूर बताना. उस साइको को पकड़ना बहुत ज़रूरी है."
"जी बिल्कुल"
आशुतोष बारिश में ही निकल पड़ा. जीप तक पहुँचते-पहुँचते आशुतोष पूरी तरह भीग गया. जैसे ही वो जीप में बैठा उसका मोबायल बज उठा.
"हेलो"
"मैं मोनिका बोल रही हूँ...एक बात बताना भूल गयी आपको."
"कुछ इम्पोर्टेन्ट है क्या."
"हां."
"रूको मोबायल में आवाज़ साफ नही आ रही मैं जीप लेकर वही आता हूँ."
आशुतोष ने जीप घुमाई और वापिस मोनिका के घर के बाहर आ गया.
आशुतोष बुरी तरह से भीगा हुआ मोनिका के घर में परवेश करता है.
"एयेए चाइयीयियी....कहिए क्या बात है?" आशुतोष को छींक आ गयी.
"आप तो पूरे भीग गये हैं...मैं तोलिया लाती हूँ." मोनिका ने कहा.
"वो मेरी जीप ज़रा दूर खड़ी थी. वहाँ तक पहुँचते-पहुँचते पूरा भीग गया."
मोनिका ने टोलिया ला कर आशुतोष के हाथ में दे दिया, "लीजिए आप अपना सर सूखा लीजिए"
आशुतोष ने तोलिया पकड़ा और बोला, "थॅंक यू सो मच. आप बहुत अच्छी हैं"
मोनिका नज़रे झुका कर हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली,"आप भी बहुत अच्छे हैं."
"हां तो बोलिए अब. क्या बताना भूल गयी थी आप?" आशुतोष सर पर तोलिया रगड़ते हुए बोला.
तभी अचानक बहुत ज़ोर की बिजली कदकी. बहुत ही भयानक आवाज़ हुई. मोनिका इतनी डर गयी कि वो फ़ौरन आशुतोष से चिपक गयी.
"मुझे कोई प्रॉब्लम नही है आपको गले लगाने में लेकिन आपके कपड़े गीले हो जाएँगे." आशुतोष ने हंसते हुए कहा.
मोनिका तुरंत आशुतोष से दूर हो गयी और नज़र झुका कर बोली, "ओह सॉरी मैं बिजली की आवाज़ से डर गयी थी."
आशुतोष मोनिका के करीब आता है और कहता है, "कोई बात नही मोनिका जी. मुझे अच्छा लगा कि आपने मुझे इस काबिल समझा. आप नज़दीक आई तो सर्दी दूर भाग गयी. एक बात कहु अगर बुरा ना माने तो"
"जी कहिए."
"हमारे बीच बहुत सुंदर संभोग की संभावना बन रही है. मैं आपके लिए बहक रहा हूँ. इस से पहले कि कुछ हो जाए आप मुझे वो बात बता दो ताकि मैं चुपचाप जल्द से जल्द यहाँ से चला जाऊ."
"वही बताने जा रही थी कि कदक्ति बिजली ने डरा दिया."
"कोई बात नही ऐसी बिजली किसी को भी डरा सकती है. एक पल को तो मैं भी डर गया था. लगता है कही नज़दीक ही गिरी है बिजली."