01-01-2020, 12:13 PM
आशुतोष मोबायल ऑपरेटर रोडफोने के ऑफीस से उस मोबायल नंबर की सारी डीटेल्स निकलवाता है.
"सर इस नंबर में जिन जिन जगह से पैसे डलवाए गये हैं वो सारी डीटेल इस पेज में है."
"ओह थॅंक यू, शायद इस से काम बन जाएगा"
"माइ प्लेषर सर."
आशुतोष रोडफोने के ऑफीस से बाहर आता है और उस पेज को ध्यान से देखता है,
"ह्म्म मॅग्ज़िमम टाइम एक ही वेंडर से पैसे डलवाए गये हैं. सबसे पहले इसे ही चेक करता हूँ." आशुतोष सोचता है.
आशुतोष जल्दी ही उस वेंडर के पास पहुँच जाता है. ये एक मेडिकल स्टोर था जहा पर की मोबायल में टॉक टाइम भरने का काम भी होता था.
"एक्सक्यूस मी ये नंबर किसका है" आशुतोष ने पूछा.
"आप नंबर ले कर घूम रहे हैं आपको पता होगा." स्टोर वाले ने कहा.
"देखो मैं पोलीस से हू. जल्दी इस नंबर के बारे में बताओ वरना..." आशुतोष ने कहा.
"सॉरी सर पहले बताना था ना...ये नंबर उँ...अरे हां ये तो मोनिका जी का है."
"कौन मोनिका और कहा रहती है ये.?"
"कोई सीरीयस बात है क्या सर?"
"तुम उसका अड्रेस बताओ सीरीयस है या नही उस से तुम्हे क्या लेना देना."
"सॉरी सर वैसे ही पूछ रहा था. मोनिका जी का घर यही नज़दीक ही है. मैं आपको दिखा देता हूँ."
"ठीक है जल्दी चलो."
स्टोर वाला आशुतोष के साथ चल कर आशुतोष को मोनिका का घर दिखा देता है.
आशुतोष डोर बेल बजाता है. मोनिका दरवाजा खोलती है.
"जी कहिए."
"क्या आप ही मोनिका हैं."
"हां क्यों? क्या काम है."
"आप ने मुझे पहचाना नही..."
"नही...कौन हैं आप. मैं आपको नही जानती"
"कुछ दिन पहले फोन पे बात हुई थी. आप ने सुरिंदर को फोन मिलाया था. ग़लती से मैने उठा लिया. आय ऍम सब इनस्पेक्टर आशुतोष . कुछ याद आया."
मोनिका के तो पाँव के नीचे से जैसे ज़मीन ही निकल गयी. लेकिन फिर भी वो बोली,"आप क्या कह रहे हैं मुझे कुछ समझ नही आ रहा."
"आप झूठ बोल कर अपनी ही दिक्कत बढ़ा रही हैं. पहले आपने मोबायल सिम सहित जंगल में फेंक दिया और अब आप झूठ बोल रही हैं. इस सब से तो यही लगता है कि आप बहुत कुछ छुपा रही हैं. अगर आप यहाँ सच नही बताएँगी तो पोलीस स्टेशन में बताएँगी. सच तो आपको बोलना ही पड़ेगा. मर्ज़ी आपकी है."
मोनिका घबरा जाती है और बोलती है, "सर आप अंदर आईए"
"अंदर तो आ जाउन्गा पहले आप सच स्वीकार कीजिए."
"क्या चाहिए आपको मुझसे?"
"ये हुई ना बात...चलिए बैठ कर बात करते हैं." आशुतोष ने कहा.
"आप कुछ लेंगे चाय...ठंडा." मोनिका ने पूछा.
"बस एक गिलाश पानी दे दीजिए."
मोनिका पानी का गिलाश लाती है. "आप काफ़ी यंग ऑफीसर हैं."
"हां बस अभी भरती हुआ हूँ...आप भी काफ़ी यंग हैं...आर यू मॅरीड." आशुतोष ने कहा.
"यस आय ऍम मॅरीड."
"आपके हज़्बेंड कहा हैं....जॉब पे गये होंगे शायद"
"हां...वो बाहर गये हैं."
"बाहर मतलब घर से बाहर या बाहर से बाहर."
"देल्ही गये हैं वो. उनके अक्सर टूर लगते रहते हैं."
"तभी आपने सुरिंदर के साथ एक्सट्रा मेरिटल रिश्ता बना लिया."
"उस बारे में मैं बात नही करना चाहती. आप काम की बात कीजिए."
"सॉरी अगर आपको बुरा लगा तो. मेरे मूह से वैसे ही निकल गया."
"इट्स ओके."
"आपने क्यों किया ऐसा. मोबायल सिम सहित फेंक दिया. क्या डर था आपको."
"सर इस नंबर में जिन जिन जगह से पैसे डलवाए गये हैं वो सारी डीटेल इस पेज में है."
"ओह थॅंक यू, शायद इस से काम बन जाएगा"
"माइ प्लेषर सर."
आशुतोष रोडफोने के ऑफीस से बाहर आता है और उस पेज को ध्यान से देखता है,
"ह्म्म मॅग्ज़िमम टाइम एक ही वेंडर से पैसे डलवाए गये हैं. सबसे पहले इसे ही चेक करता हूँ." आशुतोष सोचता है.
आशुतोष जल्दी ही उस वेंडर के पास पहुँच जाता है. ये एक मेडिकल स्टोर था जहा पर की मोबायल में टॉक टाइम भरने का काम भी होता था.
"एक्सक्यूस मी ये नंबर किसका है" आशुतोष ने पूछा.
"आप नंबर ले कर घूम रहे हैं आपको पता होगा." स्टोर वाले ने कहा.
"देखो मैं पोलीस से हू. जल्दी इस नंबर के बारे में बताओ वरना..." आशुतोष ने कहा.
"सॉरी सर पहले बताना था ना...ये नंबर उँ...अरे हां ये तो मोनिका जी का है."
"कौन मोनिका और कहा रहती है ये.?"
"कोई सीरीयस बात है क्या सर?"
"तुम उसका अड्रेस बताओ सीरीयस है या नही उस से तुम्हे क्या लेना देना."
"सॉरी सर वैसे ही पूछ रहा था. मोनिका जी का घर यही नज़दीक ही है. मैं आपको दिखा देता हूँ."
"ठीक है जल्दी चलो."
स्टोर वाला आशुतोष के साथ चल कर आशुतोष को मोनिका का घर दिखा देता है.
आशुतोष डोर बेल बजाता है. मोनिका दरवाजा खोलती है.
"जी कहिए."
"क्या आप ही मोनिका हैं."
"हां क्यों? क्या काम है."
"आप ने मुझे पहचाना नही..."
"नही...कौन हैं आप. मैं आपको नही जानती"
"कुछ दिन पहले फोन पे बात हुई थी. आप ने सुरिंदर को फोन मिलाया था. ग़लती से मैने उठा लिया. आय ऍम सब इनस्पेक्टर आशुतोष . कुछ याद आया."
मोनिका के तो पाँव के नीचे से जैसे ज़मीन ही निकल गयी. लेकिन फिर भी वो बोली,"आप क्या कह रहे हैं मुझे कुछ समझ नही आ रहा."
"आप झूठ बोल कर अपनी ही दिक्कत बढ़ा रही हैं. पहले आपने मोबायल सिम सहित जंगल में फेंक दिया और अब आप झूठ बोल रही हैं. इस सब से तो यही लगता है कि आप बहुत कुछ छुपा रही हैं. अगर आप यहाँ सच नही बताएँगी तो पोलीस स्टेशन में बताएँगी. सच तो आपको बोलना ही पड़ेगा. मर्ज़ी आपकी है."
मोनिका घबरा जाती है और बोलती है, "सर आप अंदर आईए"
"अंदर तो आ जाउन्गा पहले आप सच स्वीकार कीजिए."
"क्या चाहिए आपको मुझसे?"
"ये हुई ना बात...चलिए बैठ कर बात करते हैं." आशुतोष ने कहा.
"आप कुछ लेंगे चाय...ठंडा." मोनिका ने पूछा.
"बस एक गिलाश पानी दे दीजिए."
मोनिका पानी का गिलाश लाती है. "आप काफ़ी यंग ऑफीसर हैं."
"हां बस अभी भरती हुआ हूँ...आप भी काफ़ी यंग हैं...आर यू मॅरीड." आशुतोष ने कहा.
"यस आय ऍम मॅरीड."
"आपके हज़्बेंड कहा हैं....जॉब पे गये होंगे शायद"
"हां...वो बाहर गये हैं."
"बाहर मतलब घर से बाहर या बाहर से बाहर."
"देल्ही गये हैं वो. उनके अक्सर टूर लगते रहते हैं."
"तभी आपने सुरिंदर के साथ एक्सट्रा मेरिटल रिश्ता बना लिया."
"उस बारे में मैं बात नही करना चाहती. आप काम की बात कीजिए."
"सॉरी अगर आपको बुरा लगा तो. मेरे मूह से वैसे ही निकल गया."
"इट्स ओके."
"आपने क्यों किया ऐसा. मोबायल सिम सहित फेंक दिया. क्या डर था आपको."
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