01-01-2020, 12:09 PM
Update 44
नरेश की चौहान को देखते ही फूँक सरक गयी. सोनिया की तो हालत ही पतली हो गयी.
"ये कौन है सोनिया जी." चौहान ने पूछा.
"ये मेरे पति के दोस्त है." सोनिया ने किसी तरह हिम्मत जुटा कर कहा.
"क्या नाम है तुम्हारा?" चौहान ने पूछा.
"जी नरेश." नरेश ने जवाब दिया.
"अच्छा...आपके पति कहा हैं...उन्हे बुलाओ." चौहान ने सोनिया से कहा.
"वो किसी काम से बाहर गये हैं...कल शाम को लोटेंगे." सोनिया ने कहा.
"वाह भाई वाह मिया घर नही आपको किसी का डर नही...मस्ती हो रही है पति की पीठ पीछे हा....हा...हा...हा" चौहान हस्ने लगता है.
नरेश फ़ौरन बेडरूम में जाकर कपड़े पहनकर बाहर आता है और कहता है, "थॅंक यू सोनिया जो तुमने मुझे कल रात यहाँ रुकने दिया...अब मैं चलता हूँ....बाद में मिलते हैं."
"ठीक है...कुछ खा कर जाते तो अच्छा था." सोनिया ने कहा.
"नही अभी लेट हो रहा हूँ...मैं चलता हूँ." नरेश वहाँ से चला जाता है.
"क्या नाटक कर रहे हो मेरे सामने." चौहान ने कहा.
"ये नाटक नही है...वो मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त है. कल देर रात मुंबई से आया था. उसे नही पता था कि मेरे पति घर पे नही है. मैने उसे यही सोने के लिए अपना बेडरूम दे दिया."
"आप भी अपने बेडरूम में ही सोई." चौहान ने कहा.
"आप जो जान-ना चाहते हैं वो पूछिए मेरी निजी जिंदगी से आपको कोई मतलब नही होना चाहिए."
"मतलब निकल आता है सोनिया जी...कभी भी कही भी कोई मतलब निकल सकता है."
"आप क्या जान-ना चाहते हैं मुझसे." सोनिया ने कहा.
"एक गिलाश पानी मिलेगा पहले बहुत प्यास लगी है." चौहान ने कहा.
सोनिया ने चौहान को घूर के देखा और बोली,"अभी लाती हूँ."
सोनिया किचन की तरफ बढ़ती है. चौहान सोनिया को जाते हुए देखता है. उसकी नज़रे सोनिया की चलकती गान्ड पर पड़ती है और वही फिक्स हो जाती है.
"उफ्फ व्हाट आ शेकिंग बट शी हॅज़...गुड वन."
सोनिया पानी लाती है. इस बार चौहान सोनिया के फ्रंट का नज़ारा लेता है. सोनिया जब हाथ में पानी की ट्रे लिए आगे बढ़ रही थी तो उसके बूब्स उपर नीचे छलक रहे थे. दरअसल जल्दबाज़ी में सोनिया ब्रा पहन-ना भूल गयी थी...जिसके कारण उसके फ्री बूब्स कुछ ज़्यादा ही उछल रहे थे.
"उफ्फ व्हाट आ जंपिंग टिट्स शी हॅज़...गुड वन." चौहान ने कहा.
"लीजिए पानी पीजिए." सोनिया ने कहा.
"सब कुछ ऐसे ही हिलता है क्या यहाँ.?"
"क्या हिलता है...मैं कुछ समझी नही." सोनिया ने कहा.
नरेश की चौहान को देखते ही फूँक सरक गयी. सोनिया की तो हालत ही पतली हो गयी.
"ये कौन है सोनिया जी." चौहान ने पूछा.
"ये मेरे पति के दोस्त है." सोनिया ने किसी तरह हिम्मत जुटा कर कहा.
"क्या नाम है तुम्हारा?" चौहान ने पूछा.
"जी नरेश." नरेश ने जवाब दिया.
"अच्छा...आपके पति कहा हैं...उन्हे बुलाओ." चौहान ने सोनिया से कहा.
"वो किसी काम से बाहर गये हैं...कल शाम को लोटेंगे." सोनिया ने कहा.
"वाह भाई वाह मिया घर नही आपको किसी का डर नही...मस्ती हो रही है पति की पीठ पीछे हा....हा...हा...हा" चौहान हस्ने लगता है.
नरेश फ़ौरन बेडरूम में जाकर कपड़े पहनकर बाहर आता है और कहता है, "थॅंक यू सोनिया जो तुमने मुझे कल रात यहाँ रुकने दिया...अब मैं चलता हूँ....बाद में मिलते हैं."
"ठीक है...कुछ खा कर जाते तो अच्छा था." सोनिया ने कहा.
"नही अभी लेट हो रहा हूँ...मैं चलता हूँ." नरेश वहाँ से चला जाता है.
"क्या नाटक कर रहे हो मेरे सामने." चौहान ने कहा.
"ये नाटक नही है...वो मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त है. कल देर रात मुंबई से आया था. उसे नही पता था कि मेरे पति घर पे नही है. मैने उसे यही सोने के लिए अपना बेडरूम दे दिया."
"आप भी अपने बेडरूम में ही सोई." चौहान ने कहा.
"आप जो जान-ना चाहते हैं वो पूछिए मेरी निजी जिंदगी से आपको कोई मतलब नही होना चाहिए."
"मतलब निकल आता है सोनिया जी...कभी भी कही भी कोई मतलब निकल सकता है."
"आप क्या जान-ना चाहते हैं मुझसे." सोनिया ने कहा.
"एक गिलाश पानी मिलेगा पहले बहुत प्यास लगी है." चौहान ने कहा.
सोनिया ने चौहान को घूर के देखा और बोली,"अभी लाती हूँ."
सोनिया किचन की तरफ बढ़ती है. चौहान सोनिया को जाते हुए देखता है. उसकी नज़रे सोनिया की चलकती गान्ड पर पड़ती है और वही फिक्स हो जाती है.
"उफ्फ व्हाट आ शेकिंग बट शी हॅज़...गुड वन."
सोनिया पानी लाती है. इस बार चौहान सोनिया के फ्रंट का नज़ारा लेता है. सोनिया जब हाथ में पानी की ट्रे लिए आगे बढ़ रही थी तो उसके बूब्स उपर नीचे छलक रहे थे. दरअसल जल्दबाज़ी में सोनिया ब्रा पहन-ना भूल गयी थी...जिसके कारण उसके फ्री बूब्स कुछ ज़्यादा ही उछल रहे थे.
"उफ्फ व्हाट आ जंपिंग टिट्स शी हॅज़...गुड वन." चौहान ने कहा.
"लीजिए पानी पीजिए." सोनिया ने कहा.
"सब कुछ ऐसे ही हिलता है क्या यहाँ.?"
"क्या हिलता है...मैं कुछ समझी नही." सोनिया ने कहा.