01-01-2020, 12:07 PM
चौहान सुरिंदर की बहन सोनिया के घर की तरफ निकल पड़ता है. आशु भी अपनी इन्वेस्टिगेशन के लिए निकल देता है.
चौहान कुछ ही देर में सोनिया के घर पहुँच जाता है. सुबह के दस बाज चुके हैं. चौहान डोर बेल बजाता है.
अंदर डोर बेल सुनते ही सोनिया हड़बड़ाहत में सोवर बंद करती है. वो आनन फानन में कपड़े पहनती है और बेडरूम की तरफ भागती है.
"उठो...कोई बेल बजा रहा है...जल्दी उठो." सोनिया कहती है.
"तुम्हारा घर है तुम जा कर देखो मैं देखूँगा तो दिक्कत हो जाएगी."
"बेवकूफ़ मैं दरवाजा खोलने को नही कह रही हूँ...जल्दी कही छुप जाओ."
"तुम तो कह रही थी की पूरी रात और पूरा दिन मस्ती करेंगे. काम वाली की भी छुट्टी कर रखी थी तुमने अब ये कौन आ गया."
"देख कर ही बताउन्गि ना नरेश...तुम कही छुप जाओ."
"ठीक है यार जो कोई भी हो जल्दी से रफ़ा दफ़ा करो सारा दिन मस्ती करनी है हमें आज." नरेश ने कहा.
चौहान बेल बजा बजा कर थक गया है.
"कहा है घर के सब लोग कोई दरवाजा क्यों नही खोल रहा." चौहान इरिटेट हो गया.
तभी सोनिया ने दरवाजा खोला. पोलीस की वर्दी में चौहान को देख कर वो सकपका गयी.
"कहिए क्या बात है?"
"क्या आप ही सोनिया हैं?" चौहान ने पूछा.
"जी हां...बोलिए क्या बात है."
"मुझे आपके भाई के बारे में कुछ पूछताछ करनी है आपसे क्या मैं अंदर आ सकता हूँ."
"जी बिल्कुल आईए."
चौहान अंदर आ गया. उसने घर को पूरे गौर से देखा.
"बहुत देर लगाई आपने दरवाजा खोलने में."
"वो...वो मैं नहा रही थी."
"आप घबराओ मत मैं तो यू ही पूछ रहा था."
"क्या जान-ना चाहते हैं आप मुझसे?" सोनिया ने कहा.
चौहान बोलने ही वाला होता है कि बेडरूम से नरेश बाहर आता है. वो सिर्फ़ चढ़ि और बनियान पहने था. उसे लगा कि सोनिया ने अब तक जो कोई भी आया होगा उसे रफ़ा दफ़ा कर दिया होगा.
चौहान कुछ ही देर में सोनिया के घर पहुँच जाता है. सुबह के दस बाज चुके हैं. चौहान डोर बेल बजाता है.
अंदर डोर बेल सुनते ही सोनिया हड़बड़ाहत में सोवर बंद करती है. वो आनन फानन में कपड़े पहनती है और बेडरूम की तरफ भागती है.
"उठो...कोई बेल बजा रहा है...जल्दी उठो." सोनिया कहती है.
"तुम्हारा घर है तुम जा कर देखो मैं देखूँगा तो दिक्कत हो जाएगी."
"बेवकूफ़ मैं दरवाजा खोलने को नही कह रही हूँ...जल्दी कही छुप जाओ."
"तुम तो कह रही थी की पूरी रात और पूरा दिन मस्ती करेंगे. काम वाली की भी छुट्टी कर रखी थी तुमने अब ये कौन आ गया."
"देख कर ही बताउन्गि ना नरेश...तुम कही छुप जाओ."
"ठीक है यार जो कोई भी हो जल्दी से रफ़ा दफ़ा करो सारा दिन मस्ती करनी है हमें आज." नरेश ने कहा.
चौहान बेल बजा बजा कर थक गया है.
"कहा है घर के सब लोग कोई दरवाजा क्यों नही खोल रहा." चौहान इरिटेट हो गया.
तभी सोनिया ने दरवाजा खोला. पोलीस की वर्दी में चौहान को देख कर वो सकपका गयी.
"कहिए क्या बात है?"
"क्या आप ही सोनिया हैं?" चौहान ने पूछा.
"जी हां...बोलिए क्या बात है."
"मुझे आपके भाई के बारे में कुछ पूछताछ करनी है आपसे क्या मैं अंदर आ सकता हूँ."
"जी बिल्कुल आईए."
चौहान अंदर आ गया. उसने घर को पूरे गौर से देखा.
"बहुत देर लगाई आपने दरवाजा खोलने में."
"वो...वो मैं नहा रही थी."
"आप घबराओ मत मैं तो यू ही पूछ रहा था."
"क्या जान-ना चाहते हैं आप मुझसे?" सोनिया ने कहा.
चौहान बोलने ही वाला होता है कि बेडरूम से नरेश बाहर आता है. वो सिर्फ़ चढ़ि और बनियान पहने था. उसे लगा कि सोनिया ने अब तक जो कोई भी आया होगा उसे रफ़ा दफ़ा कर दिया होगा.