01-01-2020, 11:41 AM
Update 40
"डॉक्टर ये बच तो जाएगा ना?" आशु ने पूछा.
"खून काफ़ी बह गया है...ही ईज़ इन क्रिटिकल सिचुयेशन..तुरंत ऑपरेशन करना होगा."
"कुछ भी कीजिए डॉक्टर साहब पर मेरे दोस्त को बचा लीजिए."
सौरभ को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जाता है. बाहर श्रद्धा और आशु बेसब्री से ऑपरेशन ख़तम होने का वेट करते हैं.
"तुम आज रात फिर भोलू के पास गयी...कभी तो चैन से बैठा करो." आशु ने कहा.
"नही आशु मैं उसके पास नही गयी थी...वही मुझे ले गया था." श्रद्धा आशु को पूरी बात बताती है.
"भोलू आख़िर गया कहा तुझे छोड़ कर." आशु ने पूछा.
"वही सोच कर मैं भी परेशान हूँ...मैं तो गहरी नींद में सोई थी...पता नही कब गया वो."
"ह्म्म...भोलू पर मुझे फिर से शक हो रहा है" आशु ने कहा.
"मुझे भी उस पर पहले से ही शक है."
"तभी खूब मस्ती की तूने रात उसके साथ हूँ."
"सॉरी आशु..वो मुझे ले आया तो...पर तुमसे ज़्यादा मुझे किसी के साथ अच्छा नही लगता." श्रद्धा ने कहा.
"सब कहने की बाते हैं."
तभी ऑपरेशन थियेटर से डॉक्टर बाहर आया और बोला, "मैं जो कर सकता था मैने कर दिया...अभी वो बेहोश है...होश आने पर ही क्लियर हो पाएगा कि वो बचेगा की नही."
"ऑपरेशन तो ठीक हो गया ना डॉक्टर?" आशु ने पूछा.
"ऑपरेशन बिल्कुल ठीक हो गया है...पर अभी वो अनकनसियस है. देखते है अब सब भगवान के उपर है."
डॉक्टर वहाँ से चला गया. सौरभ को आइक्यू में शिफ्ट कर दिया गया.
"तुम चिंता मत करो उसे होश आ जाएगा." श्रद्धा ने कहा.
"तुमने बहुत अच्छा काम किया श्रद्धा आज...मुझे वक्त पर फोन ना करती तो गुरु का बचना और भी मुश्किल हो जाता."
"ये तो मेरा फ़र्ज़ था आशु...मैं इतनी बुरी भी नही हूँ."
"मैने कब तुम्हे बुरा कहा पगली कही की...चल थोड़ी चाय पी कर आते हैं"
आशु और श्रद्धा चाय पी कर वापिस आइक्यू के बाहर बैठ जाते हैं.
"डॉक्टर ये बच तो जाएगा ना?" आशु ने पूछा.
"खून काफ़ी बह गया है...ही ईज़ इन क्रिटिकल सिचुयेशन..तुरंत ऑपरेशन करना होगा."
"कुछ भी कीजिए डॉक्टर साहब पर मेरे दोस्त को बचा लीजिए."
सौरभ को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जाता है. बाहर श्रद्धा और आशु बेसब्री से ऑपरेशन ख़तम होने का वेट करते हैं.
"तुम आज रात फिर भोलू के पास गयी...कभी तो चैन से बैठा करो." आशु ने कहा.
"नही आशु मैं उसके पास नही गयी थी...वही मुझे ले गया था." श्रद्धा आशु को पूरी बात बताती है.
"भोलू आख़िर गया कहा तुझे छोड़ कर." आशु ने पूछा.
"वही सोच कर मैं भी परेशान हूँ...मैं तो गहरी नींद में सोई थी...पता नही कब गया वो."
"ह्म्म...भोलू पर मुझे फिर से शक हो रहा है" आशु ने कहा.
"मुझे भी उस पर पहले से ही शक है."
"तभी खूब मस्ती की तूने रात उसके साथ हूँ."
"सॉरी आशु..वो मुझे ले आया तो...पर तुमसे ज़्यादा मुझे किसी के साथ अच्छा नही लगता." श्रद्धा ने कहा.
"सब कहने की बाते हैं."
तभी ऑपरेशन थियेटर से डॉक्टर बाहर आया और बोला, "मैं जो कर सकता था मैने कर दिया...अभी वो बेहोश है...होश आने पर ही क्लियर हो पाएगा कि वो बचेगा की नही."
"ऑपरेशन तो ठीक हो गया ना डॉक्टर?" आशु ने पूछा.
"ऑपरेशन बिल्कुल ठीक हो गया है...पर अभी वो अनकनसियस है. देखते है अब सब भगवान के उपर है."
डॉक्टर वहाँ से चला गया. सौरभ को आइक्यू में शिफ्ट कर दिया गया.
"तुम चिंता मत करो उसे होश आ जाएगा." श्रद्धा ने कहा.
"तुमने बहुत अच्छा काम किया श्रद्धा आज...मुझे वक्त पर फोन ना करती तो गुरु का बचना और भी मुश्किल हो जाता."
"ये तो मेरा फ़र्ज़ था आशु...मैं इतनी बुरी भी नही हूँ."
"मैने कब तुम्हे बुरा कहा पगली कही की...चल थोड़ी चाय पी कर आते हैं"
आशु और श्रद्धा चाय पी कर वापिस आइक्यू के बाहर बैठ जाते हैं.