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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
अचानक उसकी नज़र सड़क किनारे पेड़ का सहारा ले कर खड़े एक साए पर गयी. सौरभ के दिल की धड़कन तेज हो गयी. "इतनी रात को कौन खड़ा है, पेड़ के सहारे ये." सौरभ ने सोचा.

 
सौरभ ने थोड़ा गोर से देखा तो पाया कि वो साया सिगरेट पी रहा था.
 
"पागल है क्या ये बंदा जो कि इतनी रात को यहा खड़ा हुआ सिगरेट पी रहा है."
 
अंधेरा इतना था कि सौरभ को उस आदमी का चेहरा साफ दिखाई नही दे रहा था. पर जब सौरभ चलते चलते थोड़ा और नज़दीक पहुँचा तो उसके होश उड़ गये. उस साए के कदमो में कोई आदमी पड़ा था और उस साए ने उसकी छाती पर पाँव रख रखा था. उस साए के चेहरे पर नकाब था.
 
सौरभ को समझते देर नही लगी कि वो साया कौन है. मुश्किल वाली बात ये थी कि उसे समझ नही रहा था कि वो क्या करे.
 
"कहा जा रहे हो इतनी रात को." साइको ने पूछा.
 
"तेरी मा चोद्ने जा रहा हूँ...तू है कौन एक बार शक्ल तो दिखा दे."
 
"हा...हा..हा..हे..हे तुझे मारने से पहले तेरी ज़ुबान काटुंगा"
 
"यार तू है कौन तेरी शक्ल तो दिखा दे...बाद में मुझे आराम से मारते रहना."
 
"तेरे पीछे कोई है मूड के देख." साइको चिल्लाया.
 
सौरभ ने पीछे मूड के देखा. वो साइको की चाल में फँस गया था. पूरा का पूरा चाकू सौरभ के पेट में घुस गया था.
 
"आअहह बहुत मक्कार हो तुम आहह" सौरभ दर्द से कराह उठा. लेकिन उसने हिम्मत करके साइको को ज़ोर से एक तरफ धक्का दे दिया और एक झटके में अपने पेट में घुसा चाकू बाहर निकाल लिया.
 
"आआहह..." सौरभ चाकू निकलने पर कराह उठा.
 
अब सौरभ के हाथ में चाकू था और साइको उसके सामने गिरा पड़ा था. सौरभ आगे बढ़ा. पर साइको ने सौरभ की आँख में मिट्टी डाल दी. सौरभ ने आँखे बंद कर ली. पर चाकू को हाथ में तान लिया. साइको दबे पाँव सौरभ के पीछे गया और उसके सर पर बंदूक तान दी.
 
"जो चाकू से बच जाता है...उसे मैं गोली मार देता हूँ"
 
सौरभ ने फुर्ती से घूम कर चाकू का वार किया. साइको के पेट पर चाकू ने गहरा घाव बना दिया. साइको लड़खड़ा कर ज़मीन पर गिर गया.
 
सौरभ को साइको गिरता हुआ दिखा. अगले ही पल सौरभ के कंधे में एक गोली कर गढ़ गयी.
 
"आअहह" सौरभ फिर से कराह उठा.
 
सौरभ ने पाँव से ढेर सारी मिट्टी साइको की तरफ उछाल दी और भाग कर सड़क किनारे पेड़ के पीछे छुप गया. इतने में पोलीस के सायरन की आवाज़ वहाँ गूंजने लगी.
 
साइको फ़ौरन वहाँ से भाग निकला. रात के अंधेरे में वो कहा गायब हो गया पता ही नही चला. पोलीस की जीप आगे बढ़ गयी.
 
सौरभ ने जैसे तैसे अपने पेट पर अपनी शर्ट को बाँध लिया ताकि खून का बहाव कम हो जाए. उसके कंधे से भी खून बह रहा था.
 
"यहा आस पास कोई भी क्लिनिक या हॉस्पिटल नही है...मेरा मोबायल ओह कहा गया. शायद कही गिर गया. उफ्फ आज क्या हो रहा है मेरे साथ."
 
सौरभ लड़खड़ाते हुए दर्द से कराहते हुए अपनी कॉलोनी के पास पहुँच गया. उसे सामने भोलू का घर दिखाई दिया.
 
"भोलू को ही उठाता हूँ आशु तक पहुँचते पहुँचते कही मेरी जान ना चली जाए."
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 01-01-2020, 11:39 AM



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