01-01-2020, 11:35 AM
सरिता को बबलू का लंड अपनी गान्ड पर महसूस हुआ.
बबलू ने हल्का सा थूक अपने लंड पे लगाया और सरिता की चूत पर लंड को टीका दिया.
"वाओ आज तो अलग ही मज़ा आ रहा है तेरे साथ ऊओ." बबलू ने कहा.
बबलू ने लंड सरिता की चूत में घुसेड दिया.
"आआहह अभी मैं तैयार नही थी ऊओ." सरिता फिर से कराह उठी.
"उस से क्या फर्क पड़ता है खि...खि..खि.."
"तुम एक नंबर के कामीने हो आअहह."
"तू क्या है फिर...अपने पति को धोका दे रही है...क्यों आई है यहा हे..हे..हे."
"मैं अपनी मर्ज़ी से नही आई आअहह."
बबलू ने सरिता की चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में सरिता भी बहकने लगी. उसके दर्द की आहें अब मज़े की आआहएं बन गयी.
"तेरे उस बाय्फ्रेंड से अच्छा मज़ा देता हूँ ना मैं आअहह."
"ऐसा कुछ नही है आअहह"
"अच्छा ऐसी बात है साली अभी बताता हूँ" बबलू ने सरिता के बॉल नोच लिए और तेज तेज उसकी चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा.
"आआहह मेरे बाल छोड़ दो...आअहह"
"क्या हुआ अब साली रंडी."
"आआहह मुझे गाली मत दो प्लीज़."
बबलू लगातार सरिता को झुकाए हुए उसके पीछे से धक्के मारता रहा.
अचानक उसने सरिता की चूत से लंड निकाल लिया और सरिता की गान्ड को फैला कर गान्ड के के छेद पर रख दिया.
"ये क्या कर रहे हो तुम्हे कहा था ना मैने मुझे अनल पसंद नही है"
"आज तेरी गान्ड भी रागडूंगा चुप कर..." बबलू ने कहा.
बबलू ने सरिता को कंधे से जाकड़ लिया ताकि वो हिले नही और लंड को उसकी गान्ड में घुसा दिया. सरिता छटपताई पर लंड आधा गान्ड में घुस चुका था.
"उूउऊययययीी निकालो...आआहह" सरिता ने बबलू को ज़ोर से धक्का मारा. बबलू का लंड सरिता की गान्ड से निकल गया और बबलू सर के बल लड़खड़ा कर पीछे गिर गया. उसका सर सोफे की लकड़ी से टकराया और उसका सर खून से लत्पथ हो गया.
सरिता ने मूड कर देखा तो पाया कि बबलू ज़मीन पर बेहोश पड़ा है और उसके सर से खून बह रहा है.
"ओह माय गॉड...क्या ये मर गया."
सरिता ने बबलू को हिलाया पर उसके शरीर में कोई हरकत नही हुई.
"हे भगवान अब मेरा क्या होगा?" सरिता सर पकड़ कर बैठ गयी.
बबलू के नीचे गिरने की आवाज़ सौरभ को भी सुनाई दी.
"उफ्फ अब क्या कर दिया इस बबलू ने."
सौरभ बिस्तर से उठा और लड़खदाता हुआ वापिस वही आ गया.
वहाँ पहुँच कर सौरभ के होश उड़ गये. बबलू ज़मीन पर पड़ा था और उसके पास सरिता सर पकड़े बैठी थी.
"ये सब कैसे हुआ.?" सौरभ ने पूछा.
सरिता ने सौरभ की तरफ देखा. वो कुछ भी बोलने की हालत में नही थी.
सौरभ का तो जैसे नशा ही उतर गया. वो बबलू के पास आया और उसकी साँसे चेक की.
"हे भगवान ये तो मर चुका है...क्या किया तुमने इसके साथ." सौरभ ने कहा.
सरिता फूट फूट कर रोने लगी. उस से कुछ भी बोले नही बन रहा था.
"अरे मेरी मा कुछ बोलेगी भी या यू ही रोती रहेगी...ओफ कहा फँस गया मैं."
"य...य..ये मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था...मैने इसे धक्का दिया था बस. इसका सर सोफे की लकड़ी से टकरा गया शायद और...." सरिता फिर रोने लगी.
बबलू ने हल्का सा थूक अपने लंड पे लगाया और सरिता की चूत पर लंड को टीका दिया.
"वाओ आज तो अलग ही मज़ा आ रहा है तेरे साथ ऊओ." बबलू ने कहा.
बबलू ने लंड सरिता की चूत में घुसेड दिया.
"आआहह अभी मैं तैयार नही थी ऊओ." सरिता फिर से कराह उठी.
"उस से क्या फर्क पड़ता है खि...खि..खि.."
"तुम एक नंबर के कामीने हो आअहह."
"तू क्या है फिर...अपने पति को धोका दे रही है...क्यों आई है यहा हे..हे..हे."
"मैं अपनी मर्ज़ी से नही आई आअहह."
बबलू ने सरिता की चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में सरिता भी बहकने लगी. उसके दर्द की आहें अब मज़े की आआहएं बन गयी.
"तेरे उस बाय्फ्रेंड से अच्छा मज़ा देता हूँ ना मैं आअहह."
"ऐसा कुछ नही है आअहह"
"अच्छा ऐसी बात है साली अभी बताता हूँ" बबलू ने सरिता के बॉल नोच लिए और तेज तेज उसकी चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा.
"आआहह मेरे बाल छोड़ दो...आअहह"
"क्या हुआ अब साली रंडी."
"आआहह मुझे गाली मत दो प्लीज़."
बबलू लगातार सरिता को झुकाए हुए उसके पीछे से धक्के मारता रहा.
अचानक उसने सरिता की चूत से लंड निकाल लिया और सरिता की गान्ड को फैला कर गान्ड के के छेद पर रख दिया.
"ये क्या कर रहे हो तुम्हे कहा था ना मैने मुझे अनल पसंद नही है"
"आज तेरी गान्ड भी रागडूंगा चुप कर..." बबलू ने कहा.
बबलू ने सरिता को कंधे से जाकड़ लिया ताकि वो हिले नही और लंड को उसकी गान्ड में घुसा दिया. सरिता छटपताई पर लंड आधा गान्ड में घुस चुका था.
"उूउऊययययीी निकालो...आआहह" सरिता ने बबलू को ज़ोर से धक्का मारा. बबलू का लंड सरिता की गान्ड से निकल गया और बबलू सर के बल लड़खड़ा कर पीछे गिर गया. उसका सर सोफे की लकड़ी से टकराया और उसका सर खून से लत्पथ हो गया.
सरिता ने मूड कर देखा तो पाया कि बबलू ज़मीन पर बेहोश पड़ा है और उसके सर से खून बह रहा है.
"ओह माय गॉड...क्या ये मर गया."
सरिता ने बबलू को हिलाया पर उसके शरीर में कोई हरकत नही हुई.
"हे भगवान अब मेरा क्या होगा?" सरिता सर पकड़ कर बैठ गयी.
बबलू के नीचे गिरने की आवाज़ सौरभ को भी सुनाई दी.
"उफ्फ अब क्या कर दिया इस बबलू ने."
सौरभ बिस्तर से उठा और लड़खदाता हुआ वापिस वही आ गया.
वहाँ पहुँच कर सौरभ के होश उड़ गये. बबलू ज़मीन पर पड़ा था और उसके पास सरिता सर पकड़े बैठी थी.
"ये सब कैसे हुआ.?" सौरभ ने पूछा.
सरिता ने सौरभ की तरफ देखा. वो कुछ भी बोलने की हालत में नही थी.
सौरभ का तो जैसे नशा ही उतर गया. वो बबलू के पास आया और उसकी साँसे चेक की.
"हे भगवान ये तो मर चुका है...क्या किया तुमने इसके साथ." सौरभ ने कहा.
सरिता फूट फूट कर रोने लगी. उस से कुछ भी बोले नही बन रहा था.
"अरे मेरी मा कुछ बोलेगी भी या यू ही रोती रहेगी...ओफ कहा फँस गया मैं."
"य...य..ये मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था...मैने इसे धक्का दिया था बस. इसका सर सोफे की लकड़ी से टकरा गया शायद और...." सरिता फिर रोने लगी.