01-01-2020, 11:34 AM
Update 38
बबलू ने दरवाजा खोला. सामने स्काइ ब्लू साड़ी में लिपटी सरिता खड़ी थी.
"वाओ क्या मस्त साड़ी पहन के आई है...आजा आजा मेरा दोस्त तुझे देखेगा तो मर मिटेगा तुझपे."
"क्या!.... तुम्हारा दोस्त साथ में है क्या?"
"हां...आजा मिलवाता हूँ...बहुत स्मार्ट है तुझे पसंद आएगा." बबलू ने सरिता का हाथ पकड़ कर कहा.
"रूको...मुझे नही मिलना किसी से...मुझे बदनाम करवाओगे क्या?"
"आबे चुप कर तुझ से पूछा है किसी ने चुपचाप मेरे साथ चल." बबलू ने कहा.
बबलू सरिता को घसीट कर उस कमरे में ले आया जहा सौरभ बैठा था.
"ये देख...ये है मेरी मस्त आइटम...बीवी से भी ज़्यादा काम की है...जब चाहे बुला लेता हू इसे." बबलू ने कहा.
सरिता ने किसी तरह अपना हाथ बबलू के हाथ से छुड़ा लिया. सरिता को देखते ही सौरभ लड़खड़ाते कदमो से खड़ा हो गया.
"क्या हुआ...अब बता कैसी लगी मेरी आइटम...मस्त है ना...इसकी छाती की गोलाई देख...है ना जबरदस्त. अब बता मन है कि नही तेरा." बबलू ने कहा.
सरिता की आँखो में शरम, डर और गुस्सा तीनो एक साथ नज़र आ रहे थे. सौरभ भाँप गया था कि उसे उसका वहाँ होना अच्छा नही लग रहा. हालाँकि उसका लंड उसकी पेण्ट में कूदने लगा था फिर भी वो बबलू को ऐसे ही सो कर रहा था जैसे की उसका कोई इंटेरेस्ट नही है. शायद पूजा के लिए उसके दिल में उठी हलचल भी इसका कारण था. पर जो भी हो सरिता कि खूबसूरती को वो बड़े गौर से निहार रहा था.
"क्या सोच रहा है यार आगे बढ़ और थाम ले इसके गोल गोल सन्तरो को." बबलू ने कहा.
सरिता ने बबलू को घूर के देखा.
"अबे देख क्या रही है...अपना बहुत ख़ास दोस्त है...इसे भी जलवे दिखा अपने."
"देखो तुम ये ठीक नही कर रहे" सरिता ने कहा.
"अच्छा अब तू मुझे बताएगी कि क्या ठीक है और क्या ग़लत...तू बड़ा ठीक कर रही थी उस दिन छत पर. बहुत बेशर्मी से पिलवा रही थी अपनी हा भूल गयी."
सरिता कुछ नही बोल पाई.
बबलू सरिता के पीछे गया और उसे पीछे से जाकड़ लिया. उसके दोनो हाथ सरिता के बूब पर थे और उसका लंड साड़ी के उपर से सरिता की गान्ड को महसूस कर रहा था.
"छोडो मुझे...इनके सामने ये सब मत करो." सरिता ने छटपटाते हुए कहा.
"बहुत गर्मी दिखा रही है आज हा... देख ले तेरे पति को कल सब कुछ बता दूँगा..फिर देखते हैं तेरी गर्मी."
"बबलू आराम से यार...मेरे सामने ज़बरदस्ती मत कर...मुझे अच्छा नही लगता." सौरभ ने कहा.
"तुझे नही पता ये इसी तरह काबू में आती है" बबलू ने कहा.
बबलू ने सरिता के बूब्स को ज़ोर से दबाया उसका इरादा उसे दर्द देने का था.
"आआहह...नही..." सरिता कराह उठी.
बबलू ने दरवाजा खोला. सामने स्काइ ब्लू साड़ी में लिपटी सरिता खड़ी थी.
"वाओ क्या मस्त साड़ी पहन के आई है...आजा आजा मेरा दोस्त तुझे देखेगा तो मर मिटेगा तुझपे."
"क्या!.... तुम्हारा दोस्त साथ में है क्या?"
"हां...आजा मिलवाता हूँ...बहुत स्मार्ट है तुझे पसंद आएगा." बबलू ने सरिता का हाथ पकड़ कर कहा.
"रूको...मुझे नही मिलना किसी से...मुझे बदनाम करवाओगे क्या?"
"आबे चुप कर तुझ से पूछा है किसी ने चुपचाप मेरे साथ चल." बबलू ने कहा.
बबलू सरिता को घसीट कर उस कमरे में ले आया जहा सौरभ बैठा था.
"ये देख...ये है मेरी मस्त आइटम...बीवी से भी ज़्यादा काम की है...जब चाहे बुला लेता हू इसे." बबलू ने कहा.
सरिता ने किसी तरह अपना हाथ बबलू के हाथ से छुड़ा लिया. सरिता को देखते ही सौरभ लड़खड़ाते कदमो से खड़ा हो गया.
"क्या हुआ...अब बता कैसी लगी मेरी आइटम...मस्त है ना...इसकी छाती की गोलाई देख...है ना जबरदस्त. अब बता मन है कि नही तेरा." बबलू ने कहा.
सरिता की आँखो में शरम, डर और गुस्सा तीनो एक साथ नज़र आ रहे थे. सौरभ भाँप गया था कि उसे उसका वहाँ होना अच्छा नही लग रहा. हालाँकि उसका लंड उसकी पेण्ट में कूदने लगा था फिर भी वो बबलू को ऐसे ही सो कर रहा था जैसे की उसका कोई इंटेरेस्ट नही है. शायद पूजा के लिए उसके दिल में उठी हलचल भी इसका कारण था. पर जो भी हो सरिता कि खूबसूरती को वो बड़े गौर से निहार रहा था.
"क्या सोच रहा है यार आगे बढ़ और थाम ले इसके गोल गोल सन्तरो को." बबलू ने कहा.
सरिता ने बबलू को घूर के देखा.
"अबे देख क्या रही है...अपना बहुत ख़ास दोस्त है...इसे भी जलवे दिखा अपने."
"देखो तुम ये ठीक नही कर रहे" सरिता ने कहा.
"अच्छा अब तू मुझे बताएगी कि क्या ठीक है और क्या ग़लत...तू बड़ा ठीक कर रही थी उस दिन छत पर. बहुत बेशर्मी से पिलवा रही थी अपनी हा भूल गयी."
सरिता कुछ नही बोल पाई.
बबलू सरिता के पीछे गया और उसे पीछे से जाकड़ लिया. उसके दोनो हाथ सरिता के बूब पर थे और उसका लंड साड़ी के उपर से सरिता की गान्ड को महसूस कर रहा था.
"छोडो मुझे...इनके सामने ये सब मत करो." सरिता ने छटपटाते हुए कहा.
"बहुत गर्मी दिखा रही है आज हा... देख ले तेरे पति को कल सब कुछ बता दूँगा..फिर देखते हैं तेरी गर्मी."
"बबलू आराम से यार...मेरे सामने ज़बरदस्ती मत कर...मुझे अच्छा नही लगता." सौरभ ने कहा.
"तुझे नही पता ये इसी तरह काबू में आती है" बबलू ने कहा.
बबलू ने सरिता के बूब्स को ज़ोर से दबाया उसका इरादा उसे दर्द देने का था.
"आआहह...नही..." सरिता कराह उठी.