01-01-2020, 11:27 AM
आशु डीटेल में सारी कहानी अंकिता को सुनाता है. अंकिता उसकी पूरी बात बड़े ध्यान से सुनती है.
"ह्म्म अगर ये सच है तो बहुत बुरा हुआ तुम्हारे साथ अपर्णा...पर तुम्हे पहले ही पोलीस को सच बता देना चाहिए था." अंकिता ने कहा.
"कुछ समझ नही आ रहा था की क्या करें....टीवी पर अपनी फोटो देख कर डर गयी थी मैं. पोलीस कातिल समझ कर मुझे ढूँढ रही थी ऐसे में कैसे आती पोलीस के पास मैं" अपर्णा ने कहा.
"आज जब उस ने ये काग़ज़ पत्थर में लपेट कर फेंका तो मुझे आइडिया आया कि मुझे आपसे बात करनी चाहिए. देखिए सिर्फ़ ये जानती हैं कि कातिल कौन है...इसलिए वो इनके पीछे पड़ा है...अब आप ही डिसाइड कीजिए कि क्या किया जाए."
"तुम्हारे पास चौहान का नंबर है." अंकिता ने कहा.
"जी मेडम है" आशु ने जवाब दिया.
"उसे तुरंत यहा आने को कहो"
"जी मेडम"
आशु ने चौहान को फोन मिलाया, "अब तो मिल गया पहले नही मिल रहा था."
आशु ने चौहान को वहां आने को बोल दिया.
"क्या मैं अब अपने घर जा सकती हूँ?" अपर्णा ने पूछा.
"हां बिल्कुल...पर पूरी सुरक्षा के साथ जाओगी तुम अपने घर. 2 पोलीस वाले तो वहां पहले से हैं 2 और लगाने पड़ेंगे....अच्छा एक बात बताओ." अंकिता ने कहा.
"जी पूछिए"
"क्या तुम उस किलर का स्केच बनवा सकती हो."
"कोशिश करूँगी...पर मेरे लिए उसके चेहरे को डिस्क्राइब करना थोड़ा मुश्किल है" अपर्णा ने कहा.
"चलो बाद में देखते हैं ये सब"
तभी चौहान भी वहां आ गया. उसने आशु और अपर्णा को घूर कर देखा.
"मिस्टर चौहान किस तरह से हैंडल कर रहे हैं आप इस केस को"
"क्या हुआ मेडम?" चौहान गिड़गिदाया.
"क्या कोई और सबूत था तुम्हारे पास अपर्णा के खिलाफ उस विटनेस के सिवा."
"जी नही मेडम बस वही काफ़ी था."
"कैसे काफ़ी था..आशुतोष जो तुमने मुझे बताया इनको भी बताओ"
आशु चौहान को भी सारी कहानी बता देता है.
"कुछ समझ में आया की क्या हो रहा है?"
"हां मेडम पर अगर कोई पोलीस को आके बताएगा ही नही तो हमे कैसे पता चलेगा" चौहान ने कहा.
"जो भी हो तुम ठीक से हैंडल नही कर रहे हो इस केस को."
"मुझे एक और मोका दीजिए मेडम...असली कातिल जल्द से जल्द पोलीस की हिरासत में होगा."
"ठीक है दिया एक और मोका...पहले अपर्णा को इनके घर छोड़ने का इंतज़ाम करो और इनके घर पर सुरक्षा बढ़ा दो."
"मेडम मीडीया वालो को क्या कहेंगे."
"अभी किसी को कुछ नही कहना...ये बात पोलीस डिपार्टमेंट से बाहर नही जाएगी."
"जी मेडम." चौहान ने कहा.
अपर्णा और आशु उसी जीप में बैठ गये जिस में आए थे. साथ में चौहान की जीप थी. अंधेरी रात में दोनो जीपे अपर्णा के घर की ओर बढ़ रही थी. अपर्णा की ख़ुशी का ठीकाना नही था. उसे ऐसा लग रहा था कि वो वरसो बाद घर जा रही है.
"ह्म्म अगर ये सच है तो बहुत बुरा हुआ तुम्हारे साथ अपर्णा...पर तुम्हे पहले ही पोलीस को सच बता देना चाहिए था." अंकिता ने कहा.
"कुछ समझ नही आ रहा था की क्या करें....टीवी पर अपनी फोटो देख कर डर गयी थी मैं. पोलीस कातिल समझ कर मुझे ढूँढ रही थी ऐसे में कैसे आती पोलीस के पास मैं" अपर्णा ने कहा.
"आज जब उस ने ये काग़ज़ पत्थर में लपेट कर फेंका तो मुझे आइडिया आया कि मुझे आपसे बात करनी चाहिए. देखिए सिर्फ़ ये जानती हैं कि कातिल कौन है...इसलिए वो इनके पीछे पड़ा है...अब आप ही डिसाइड कीजिए कि क्या किया जाए."
"तुम्हारे पास चौहान का नंबर है." अंकिता ने कहा.
"जी मेडम है" आशु ने जवाब दिया.
"उसे तुरंत यहा आने को कहो"
"जी मेडम"
आशु ने चौहान को फोन मिलाया, "अब तो मिल गया पहले नही मिल रहा था."
आशु ने चौहान को वहां आने को बोल दिया.
"क्या मैं अब अपने घर जा सकती हूँ?" अपर्णा ने पूछा.
"हां बिल्कुल...पर पूरी सुरक्षा के साथ जाओगी तुम अपने घर. 2 पोलीस वाले तो वहां पहले से हैं 2 और लगाने पड़ेंगे....अच्छा एक बात बताओ." अंकिता ने कहा.
"जी पूछिए"
"क्या तुम उस किलर का स्केच बनवा सकती हो."
"कोशिश करूँगी...पर मेरे लिए उसके चेहरे को डिस्क्राइब करना थोड़ा मुश्किल है" अपर्णा ने कहा.
"चलो बाद में देखते हैं ये सब"
तभी चौहान भी वहां आ गया. उसने आशु और अपर्णा को घूर कर देखा.
"मिस्टर चौहान किस तरह से हैंडल कर रहे हैं आप इस केस को"
"क्या हुआ मेडम?" चौहान गिड़गिदाया.
"क्या कोई और सबूत था तुम्हारे पास अपर्णा के खिलाफ उस विटनेस के सिवा."
"जी नही मेडम बस वही काफ़ी था."
"कैसे काफ़ी था..आशुतोष जो तुमने मुझे बताया इनको भी बताओ"
आशु चौहान को भी सारी कहानी बता देता है.
"कुछ समझ में आया की क्या हो रहा है?"
"हां मेडम पर अगर कोई पोलीस को आके बताएगा ही नही तो हमे कैसे पता चलेगा" चौहान ने कहा.
"जो भी हो तुम ठीक से हैंडल नही कर रहे हो इस केस को."
"मुझे एक और मोका दीजिए मेडम...असली कातिल जल्द से जल्द पोलीस की हिरासत में होगा."
"ठीक है दिया एक और मोका...पहले अपर्णा को इनके घर छोड़ने का इंतज़ाम करो और इनके घर पर सुरक्षा बढ़ा दो."
"मेडम मीडीया वालो को क्या कहेंगे."
"अभी किसी को कुछ नही कहना...ये बात पोलीस डिपार्टमेंट से बाहर नही जाएगी."
"जी मेडम." चौहान ने कहा.
अपर्णा और आशु उसी जीप में बैठ गये जिस में आए थे. साथ में चौहान की जीप थी. अंधेरी रात में दोनो जीपे अपर्णा के घर की ओर बढ़ रही थी. अपर्णा की ख़ुशी का ठीकाना नही था. उसे ऐसा लग रहा था कि वो वरसो बाद घर जा रही है.