01-01-2020, 11:25 AM
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आशु और अपर्णा एएसपी अंकिता के घर के बाहर पहुँच गये.
"क्या सोच रहे हो बेल बजाओ."
"बहुत कड़क मेडम हैं डर लगता है."
"तुम हटो पीछे मुझे बेल बजाने दो."
अपर्णा ने बेल बजाई. पर किसी ने दरवाजा नही खोला.
"लगता है मेडम सो रही हैं" आशु ने कहा.
अपर्णा ने फिर से बेल बजाई. किसी के आने की आहट सुनाई दी.
आशु का दिल बैठ गया वो डर रहा था की ना जाने एएसपी साहिबा उनकी बात को किस तरह से लेंगी. उसे विश्वास तो था कि वो उनकी बात समझेंगी लेकिन फिर भी उनके गरम मिज़ाज से घबरा रहा था.
दरवाजा खुलता है.
"जी कहिए क्या काम है?" अंकिता की मैड ने पूछा.
"क्या अंकिता जी घर पे हैं?" आशु ने कहा.
"हां हैं...क्या काम है?" मैड ने कहा.
"मेडम की तो मैड भी कड़क है" आशु सोचने लगा.
"हमे उनसे मिलना है" अपर्णा ने कहा.
"ये वक्त है मिलने का...सुबह आना...जाओ यहा से" मैड ने कहा.
"हमे क्या भीकारी समझ रखा है, मैं सब इनस्पेक्टर आशुतोष हूँ ...हमारा मेडम से मिलना बहुत ज़रूरी है...जाओ मेडम को मेसेज दे दो."
"मेडम मुझे गुस्सा करेंगी" मैड ने कहा.
"कौन है माला?" घर के अंदर से आवाज़ आई.
"मेमसाहब आपसे मिलना चाहते हैं ये लोग."
"ये मिलने का वक्त है क्या रात के सादे ग्यारा हो रहे हैं." अंकिता बोलते बोलते दरवाजे पर आ गयी.
"आशु तुम...और ये लड़की कौन है? अंकिता ने कहा.
"मेडम बात ज़रा कॉंप्लिकेटेड है...अगर हम बैठ कर बात करें तो ठीक होगा" आशु ने कहा.
"हां-हां आओ अंदर आ जाओ...माला जाओ इनके लिए चाय पानी का इंतज़ाम करो"
मैड ने आशु और अपर्णा को घूर कर देखा और अपना नाक शिकोड कर वहां से चली गयी.
आशु और अपर्णा एक ही सोफे पर बैठ गये...अंकिता दूसरे सोफे पर बैठ गयी.
"इन्हे कहीं देखा है" अंकिता ने अपर्णा की तरफ इशारा करते हुए कहा.
"यही अपर्णा है...जिन्हे पूरा पोलीस डिपार्टमेंट ढूँढ रहा है" आशु ने कहा.
"क्या?" अंकिता फ़ौरन खड़ी हो गयी. "ये तुम्हारे साथ क्या कर रही है?"
"मेडम इन्होने किसी का खून नही किया...बल्कि सच तो ये है कि सिर्फ़ यही जानती हैं कि किलर कौन है"
आशु और अपर्णा एएसपी अंकिता के घर के बाहर पहुँच गये.
"क्या सोच रहे हो बेल बजाओ."
"बहुत कड़क मेडम हैं डर लगता है."
"तुम हटो पीछे मुझे बेल बजाने दो."
अपर्णा ने बेल बजाई. पर किसी ने दरवाजा नही खोला.
"लगता है मेडम सो रही हैं" आशु ने कहा.
अपर्णा ने फिर से बेल बजाई. किसी के आने की आहट सुनाई दी.
आशु का दिल बैठ गया वो डर रहा था की ना जाने एएसपी साहिबा उनकी बात को किस तरह से लेंगी. उसे विश्वास तो था कि वो उनकी बात समझेंगी लेकिन फिर भी उनके गरम मिज़ाज से घबरा रहा था.
दरवाजा खुलता है.
"जी कहिए क्या काम है?" अंकिता की मैड ने पूछा.
"क्या अंकिता जी घर पे हैं?" आशु ने कहा.
"हां हैं...क्या काम है?" मैड ने कहा.
"मेडम की तो मैड भी कड़क है" आशु सोचने लगा.
"हमे उनसे मिलना है" अपर्णा ने कहा.
"ये वक्त है मिलने का...सुबह आना...जाओ यहा से" मैड ने कहा.
"हमे क्या भीकारी समझ रखा है, मैं सब इनस्पेक्टर आशुतोष हूँ ...हमारा मेडम से मिलना बहुत ज़रूरी है...जाओ मेडम को मेसेज दे दो."
"मेडम मुझे गुस्सा करेंगी" मैड ने कहा.
"कौन है माला?" घर के अंदर से आवाज़ आई.
"मेमसाहब आपसे मिलना चाहते हैं ये लोग."
"ये मिलने का वक्त है क्या रात के सादे ग्यारा हो रहे हैं." अंकिता बोलते बोलते दरवाजे पर आ गयी.
"आशु तुम...और ये लड़की कौन है? अंकिता ने कहा.
"मेडम बात ज़रा कॉंप्लिकेटेड है...अगर हम बैठ कर बात करें तो ठीक होगा" आशु ने कहा.
"हां-हां आओ अंदर आ जाओ...माला जाओ इनके लिए चाय पानी का इंतज़ाम करो"
मैड ने आशु और अपर्णा को घूर कर देखा और अपना नाक शिकोड कर वहां से चली गयी.
आशु और अपर्णा एक ही सोफे पर बैठ गये...अंकिता दूसरे सोफे पर बैठ गयी.
"इन्हे कहीं देखा है" अंकिता ने अपर्णा की तरफ इशारा करते हुए कहा.
"यही अपर्णा है...जिन्हे पूरा पोलीस डिपार्टमेंट ढूँढ रहा है" आशु ने कहा.
"क्या?" अंकिता फ़ौरन खड़ी हो गयी. "ये तुम्हारे साथ क्या कर रही है?"
"मेडम इन्होने किसी का खून नही किया...बल्कि सच तो ये है कि सिर्फ़ यही जानती हैं कि किलर कौन है"