01-01-2020, 11:19 AM
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"ये गुरु कहाँ रह गया...10 बज चुके हैं." आशु ने कहा.
अपर्णा अपने ही ख़यालो में खोई थी. उसने कोई रिक्ट नही किया.
"अपर्णा जी आप खाना खाओ ना कब तक आप यू ही चुपचाप बैठी रहेंगी."
"मुझे भूक नही है तुम खा लो"
"आपके बिना नही खाउन्गा मैं"
अपर्णा ने आशु की तरफ देखा और बोली,"मुझे भूक नही है कहा ना"
"थोड़ा तो ले लीजिए ऐसा कैसे चलेगा...आज भूक क्यों नही है"
"मुझे अब पोलीस में जा कर सारी सच्चाई बता देनी चाहिए"
"बात तो ठीक है मैं आपके साथ हूँ...पर इस से कुछ हाँसिल नही होगा. आपको पकड़ कर बंद कर दिया जाएगा और केस क्लोज़ कर दिया जाएगा."
"तो मैं क्या करूँ यही पड़ी रहू सारी उमर"
"मुझ पर यकीन रखिए मैं हू ना. मैं उसी इनस्पेक्टर के साथ हूँ जो इस केस को हैंडल कर रहा है"
"तुम्हारा गुरु कहा है?"
"पता नही पूजा को छोड़ने गया था...ना जाने कहा रह गया"
तभी आशु का मोबायल बज उठा. आशु ने फोन उठाया और सुन कर रख दिया.
"गुरु घर नही आएगा आज" आशु ने कहा.
"क्यों क्या हुआ?"
"अपने किसी दोस्त के साथ बैठा पी रहा है."
"बहुत बढ़िया मुझे मुसीबत में फँसा के जनाब दारू पी रहे हैं"
"आप कुछ खाओ ना" आशु ने कहा.
आशु के इतना कहने के बाद थोड़ा खा लेती है. आशु भी खा लेता है.
"कल रात सुरिंदर के साथ कोई लड़की थी. उसे ढूँढना पड़ेगा. हो सकता है उसे कुछ पता हो के बारे में"
"वो वहां क्या कर रही थी." अपर्णा ने पूछा.
"बेडरूम का बिस्तर उथल पुथल था और...."
"बस बस समझ गयी" अपर्णा ने आशु को टोक दिया.
"अभी उस लड़की का कुछ आता पता नही लेकिन उम्मीद है की जल्दी पता चल जाएगा."
"ह्म....ठीक है आशु तुम अब जाओ...मुझे नींद आ रही है"
"मैं आपको अकेला छोड़ कर नही जाउन्गा"
"नही तुम जाओ मुझे अकेला छोड़ दो" अपर्णा बोल ही रही थी कि उसके सर से अचानक कुछ टकराया.
"आअहह" अपर्णा दर्द से कराह उठी
"ये गुरु कहाँ रह गया...10 बज चुके हैं." आशु ने कहा.
अपर्णा अपने ही ख़यालो में खोई थी. उसने कोई रिक्ट नही किया.
"अपर्णा जी आप खाना खाओ ना कब तक आप यू ही चुपचाप बैठी रहेंगी."
"मुझे भूक नही है तुम खा लो"
"आपके बिना नही खाउन्गा मैं"
अपर्णा ने आशु की तरफ देखा और बोली,"मुझे भूक नही है कहा ना"
"थोड़ा तो ले लीजिए ऐसा कैसे चलेगा...आज भूक क्यों नही है"
"मुझे अब पोलीस में जा कर सारी सच्चाई बता देनी चाहिए"
"बात तो ठीक है मैं आपके साथ हूँ...पर इस से कुछ हाँसिल नही होगा. आपको पकड़ कर बंद कर दिया जाएगा और केस क्लोज़ कर दिया जाएगा."
"तो मैं क्या करूँ यही पड़ी रहू सारी उमर"
"मुझ पर यकीन रखिए मैं हू ना. मैं उसी इनस्पेक्टर के साथ हूँ जो इस केस को हैंडल कर रहा है"
"तुम्हारा गुरु कहा है?"
"पता नही पूजा को छोड़ने गया था...ना जाने कहा रह गया"
तभी आशु का मोबायल बज उठा. आशु ने फोन उठाया और सुन कर रख दिया.
"गुरु घर नही आएगा आज" आशु ने कहा.
"क्यों क्या हुआ?"
"अपने किसी दोस्त के साथ बैठा पी रहा है."
"बहुत बढ़िया मुझे मुसीबत में फँसा के जनाब दारू पी रहे हैं"
"आप कुछ खाओ ना" आशु ने कहा.
आशु के इतना कहने के बाद थोड़ा खा लेती है. आशु भी खा लेता है.
"कल रात सुरिंदर के साथ कोई लड़की थी. उसे ढूँढना पड़ेगा. हो सकता है उसे कुछ पता हो के बारे में"
"वो वहां क्या कर रही थी." अपर्णा ने पूछा.
"बेडरूम का बिस्तर उथल पुथल था और...."
"बस बस समझ गयी" अपर्णा ने आशु को टोक दिया.
"अभी उस लड़की का कुछ आता पता नही लेकिन उम्मीद है की जल्दी पता चल जाएगा."
"ह्म....ठीक है आशु तुम अब जाओ...मुझे नींद आ रही है"
"मैं आपको अकेला छोड़ कर नही जाउन्गा"
"नही तुम जाओ मुझे अकेला छोड़ दो" अपर्णा बोल ही रही थी कि उसके सर से अचानक कुछ टकराया.
"आअहह" अपर्णा दर्द से कराह उठी