01-01-2020, 11:14 AM
"मुझे पता था कि कोई ना कोई तेरी ज़रूर ले रहा है बड़ी साज धज के जाती थी तू कॉलेज हा"
"दीदी ऐसी बाते मत करो मुझे वो दिन याद मत दिलाओ."
"अच्छा मेरी कहानी सुनेगी."
"बिल्कुल भी नही जाओ सो जाओ."
पर श्रद्धा कहा मान-ने वाली थी उसने कहानी सुनानी शुरू कर दी.
(तुझे याद होगा मैं 3 साल पहले बापू के साथ देल्ही गयी थी शादी में. वहां शादी में एक अंकल मेरे पीछे पड़ गया. हर वक्त मुझे घूरता रहता था. काई बार उसने मुझसे बेवजह बात भी करने की कोशिश की. पर मैं बिना कोई जवाब दिए निकल लेती थी. पर वो तो जैसे मेरे पीछे ही पड़ा था. जहा भी जाओ वही आ जाता था. मैं तंग आ कर शादी के माहौल को छोड़ कर जिनके यहा हम गये थे उनके घर की छत पर आ गयी. बापू अपने दोस्तो में व्यस्त थे. पर उस अंकल ने वहां भी मेरा पीछा नही छ्चोड़ा. मेरे पीछे पीछे वही आ गया. शाम का वक्त था छत पर कोई नही था. मैने सोचा की मैं तो बुरी तरह फँस गयी. मैं मूड कर वापिस जाने लगी.
अंकल ने मुझे पीछे से आवाज़ दी, "बेटा आप मुझसे डर क्यों रहे हो."
"एक तो मुझे बेटा कहते हो और उपर से मुझ पर ग़लत नज़र रखते हो शरम नही आती आपको"
अंकल मेरे पास आया और बोला,"बेटा ऐसी बात नही है...मैं तो तुझे तुझे अपने बेटे की बहू बनाना चाहता हूँ. अब शादी के लिए बहू को तो अच्छे से देखना ही पड़ता है ना."
मुझे बात कुछ अटपटी सी तो लगी पर फिर भी मैने ना जाने क्यों मान ली.
"मुझे अभी शादी नही करनी अंकल"
"कोई बात नही बेटा अभी सगाई कर लो शादी बाद में कर लेना. मेरा बेटा बिल्कुल मेरे जैसा ही है" अंकल ने कहा.
"वो सब ठीक है पर मेरा कोई इरादा नही अभी"
"अभी तक कुँवारी हो क्या."
"क्यों आपको क्या लेना देना"
"तभी बोल रही हो जिसे गरम बिस्तर मिल जाता है वो शादी से मना नही करता"
"गरम बिस्तर?"
"आदमी का लंड देखा है तूने कभी"
मैं तो वहां से भाग खड़ी हुई और वापिस शादी की भीड़ में शामिल हो गयी. पर अंकल फिर मेरे पीछे पीछे. थक कर मैने पूछ ही लिया "क्या चाहिए आपको?"
"तुम्हारी चूत चाहिए.... दोगि क्या?" अंकल ने जवाब दिया.
मुझे समझ नही आया की क्या जवाब दू अंकल को. मैं चुप ही रही.
अंकल ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला, "चल मेरे साथ शर्मा मत तुझे बहुत मज़ा आएगा."
मैने पूछा, "आप तो कह रहे थे कि आप मुझे अपने बेटे के लिए देख रहे है अब ये सब क्या है"
"मैं मज़ाक कर रहा था चल आजा शर्मा मत"
मुझ पर ना जाने क्या जादू किया अंकल ने मैं उनके साथ चल दी.
"छत ही ठीक रहेगी क्यों क्या कहती हो" अंकल ने कहा.
मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहु. अंकल वापिस मुझे उसी छत पर ले आया.
अंकल ने छत पर आते ही अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरे हाथ में रख दिया. पहली बार मेरे हाथ में लंड था. मैं हैरानी मे उसे हर तरफ छू कर देख रही थी.
अंकल ने मेरा नाडा खोल दिया और बोला, "चल जल्दी से काम ख़तम करते हैं कही कोई आ जाए."
मुझे क्या पता था कि काम क्या है और कैसे होगा मैं तो अपने हाथ में लंड पा कर ही खुश थी. अंकल ने मुझे घुमा कर अपने आगे झुका दिया और बोला, "सच बता कुँवारी है क्या तू."
"हां" मैने कहा.
"तब तो बहुत मज़ा आएगा"
अंकल ने मेरी चूत पर थूक लगाया और लंड घुस्सा दिया. लंड आशु के जितना बड़ा तो नही था फिर भी बहुत दर्द हुआ. पहली बार जो ले रही थी.
मेरे मूह से चीख ना निकले इसलिए उसने मेरे मूह पर हाथ रख लिया था और पूरे ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल दिया था. दर्द तो बहुत हुआ पर मैने अंकल को रोका नही. थोड़ी ही देर में मज़ा भी आने लगा. अंकल मेरी चुचियों को पकड़ कर मेरी चूत में बार बार लंड के धक्के मार रहा था और मेरी सिसकिया निकल रही थी. कोई 10 मिनट तक वो मेरी चूत में लंड घुमाता रहा फिर अचानक रुक गया. मुझे मेरी चूत में गरम गरम महसूस हुआ. उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दिया था.
"दीदी ऐसी बाते मत करो मुझे वो दिन याद मत दिलाओ."
"अच्छा मेरी कहानी सुनेगी."
"बिल्कुल भी नही जाओ सो जाओ."
पर श्रद्धा कहा मान-ने वाली थी उसने कहानी सुनानी शुरू कर दी.
(तुझे याद होगा मैं 3 साल पहले बापू के साथ देल्ही गयी थी शादी में. वहां शादी में एक अंकल मेरे पीछे पड़ गया. हर वक्त मुझे घूरता रहता था. काई बार उसने मुझसे बेवजह बात भी करने की कोशिश की. पर मैं बिना कोई जवाब दिए निकल लेती थी. पर वो तो जैसे मेरे पीछे ही पड़ा था. जहा भी जाओ वही आ जाता था. मैं तंग आ कर शादी के माहौल को छोड़ कर जिनके यहा हम गये थे उनके घर की छत पर आ गयी. बापू अपने दोस्तो में व्यस्त थे. पर उस अंकल ने वहां भी मेरा पीछा नही छ्चोड़ा. मेरे पीछे पीछे वही आ गया. शाम का वक्त था छत पर कोई नही था. मैने सोचा की मैं तो बुरी तरह फँस गयी. मैं मूड कर वापिस जाने लगी.
अंकल ने मुझे पीछे से आवाज़ दी, "बेटा आप मुझसे डर क्यों रहे हो."
"एक तो मुझे बेटा कहते हो और उपर से मुझ पर ग़लत नज़र रखते हो शरम नही आती आपको"
अंकल मेरे पास आया और बोला,"बेटा ऐसी बात नही है...मैं तो तुझे तुझे अपने बेटे की बहू बनाना चाहता हूँ. अब शादी के लिए बहू को तो अच्छे से देखना ही पड़ता है ना."
मुझे बात कुछ अटपटी सी तो लगी पर फिर भी मैने ना जाने क्यों मान ली.
"मुझे अभी शादी नही करनी अंकल"
"कोई बात नही बेटा अभी सगाई कर लो शादी बाद में कर लेना. मेरा बेटा बिल्कुल मेरे जैसा ही है" अंकल ने कहा.
"वो सब ठीक है पर मेरा कोई इरादा नही अभी"
"अभी तक कुँवारी हो क्या."
"क्यों आपको क्या लेना देना"
"तभी बोल रही हो जिसे गरम बिस्तर मिल जाता है वो शादी से मना नही करता"
"गरम बिस्तर?"
"आदमी का लंड देखा है तूने कभी"
मैं तो वहां से भाग खड़ी हुई और वापिस शादी की भीड़ में शामिल हो गयी. पर अंकल फिर मेरे पीछे पीछे. थक कर मैने पूछ ही लिया "क्या चाहिए आपको?"
"तुम्हारी चूत चाहिए.... दोगि क्या?" अंकल ने जवाब दिया.
मुझे समझ नही आया की क्या जवाब दू अंकल को. मैं चुप ही रही.
अंकल ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला, "चल मेरे साथ शर्मा मत तुझे बहुत मज़ा आएगा."
मैने पूछा, "आप तो कह रहे थे कि आप मुझे अपने बेटे के लिए देख रहे है अब ये सब क्या है"
"मैं मज़ाक कर रहा था चल आजा शर्मा मत"
मुझ पर ना जाने क्या जादू किया अंकल ने मैं उनके साथ चल दी.
"छत ही ठीक रहेगी क्यों क्या कहती हो" अंकल ने कहा.
मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहु. अंकल वापिस मुझे उसी छत पर ले आया.
अंकल ने छत पर आते ही अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरे हाथ में रख दिया. पहली बार मेरे हाथ में लंड था. मैं हैरानी मे उसे हर तरफ छू कर देख रही थी.
अंकल ने मेरा नाडा खोल दिया और बोला, "चल जल्दी से काम ख़तम करते हैं कही कोई आ जाए."
मुझे क्या पता था कि काम क्या है और कैसे होगा मैं तो अपने हाथ में लंड पा कर ही खुश थी. अंकल ने मुझे घुमा कर अपने आगे झुका दिया और बोला, "सच बता कुँवारी है क्या तू."
"हां" मैने कहा.
"तब तो बहुत मज़ा आएगा"
अंकल ने मेरी चूत पर थूक लगाया और लंड घुस्सा दिया. लंड आशु के जितना बड़ा तो नही था फिर भी बहुत दर्द हुआ. पहली बार जो ले रही थी.
मेरे मूह से चीख ना निकले इसलिए उसने मेरे मूह पर हाथ रख लिया था और पूरे ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल दिया था. दर्द तो बहुत हुआ पर मैने अंकल को रोका नही. थोड़ी ही देर में मज़ा भी आने लगा. अंकल मेरी चुचियों को पकड़ कर मेरी चूत में बार बार लंड के धक्के मार रहा था और मेरी सिसकिया निकल रही थी. कोई 10 मिनट तक वो मेरी चूत में लंड घुमाता रहा फिर अचानक रुक गया. मुझे मेरी चूत में गरम गरम महसूस हुआ. उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दिया था.