01-01-2020, 11:10 AM
Update 34
मैने कहा ना मैं चली जाउंगी मेरे पीछे मत पाडो" पूजा ने कहा.
"तुमसे ज़रूरी बात करनी थी" सौरभ ने कहा.
"मैं जानती हूँ तुम्हारी ज़रूरी बात, मेरा पीछा छोड़ दो मुझे तुम्हारे अंदर कोई इंटेरेस्ट नही है" पूजा ने कहा.
"तुम कैसे तैयार हो गयी ड्प के लिए हमसे तो बात भी करने को तैयार नही हो" सौरभ ने कहा.
"ड्प मतलब...मुझे कुछ समझ नही आया." पूजा ने कहा.
"ड्प मतलब डबल पेनेट्रेशन एक लंड चूत में और एक गान्ड में आया समझ अब. मैं तो हैरान हूँ कि तुमने ये सब किया."
पूजा के पाँव के नीचे से जैसे ज़मीन निकल गयी. वो हैरान थी कि आख़िर सौरभ को ये सब कैसे पता चल गया.
"तुम्हे किसने बताया ये सब?"
"उस से क्या फर्क पड़ता है ये सच है कि नही ये बताओ" सौरभ ने कहा.
"मैं तुम्हे क्यों बताउ कौन होते हो तुम ये सब पूछने वाले"
"मैं तुम्हारा आशिक हूँ और मैं जान-ना चाहता हूँ कि तुमने ये सब क्यों किया." सौरभ ने कहा.
"आइ वांटेड टू डिक्स अट दा सेम टाइम. आय ऍम स्लट एन्ड वन ईज़ नोट एनफ फॉर मी. इज़ देट फाइन वित यू...नाओ गेट दा हेल आउट ऑफ हियर"
"ये सच नही है...तुम्हारी कोई मजबूरी रही होगी" सौरभ ने कहा.
"उस से तुम्हे क्या लेना देना मुझे परेशान मत करो...लीव मी अलोन" पूजा ने कहा.
"देखो पूजा मेरा यकीन करो मैं सच में तुम्हे चाहने लगा हूँ और तुम्हारा भला चाहता हूँ. मुझे सारी बात बताओ मैं तुम्हारी मदद करूँगा"
"मुझे किसी की मदद की ज़रूरत नही है...अब मैं उस मुसीबत से निकल चुकी हूँ"
"क्या तुम्हे ब्लॅकमेल किया गया था?"
पूजा ने गहरी साँस ली और बोली, "हां...लेकिन अब मेरी बात ध्यान से सुनो...तुम बहुत अच्छा फ्लर्ट कर लेते हो...मुझे ये फ्लर्ट बिल्कुल पसंद नही"
"बट दिस ईज़ नोट फ्लर्ट.... ये मेरा प्यार है" सौरभ ने कहा.
"अच्छा कितनी लड़कियों को बोल चुके हो ये लाइन ये भी बता दो"
"तुम तीसरी हो"
"शूकर है तुमने सच तो बोला." पूजा ने कहा.
"पर उन दोनो के लिए मैं इतना पागल नही था जितना तुम्हारे लिए हूँ"
मेरा घर आ गया...अब तुम जाओ.
"मूवी देखने चलोगि मेरे साथ" सौरभ ने पूछा.
"ऑफ कोर्स नोट" पूजा ने कहा और अपने घर की तरफ चल दी.
सौरभ खड़ा खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा. "असली मज़ा तो ऐसी लड़की को ठोकने का है बाकी सब तो बकवास है" सौरभ ने सोचा.
मैने कहा ना मैं चली जाउंगी मेरे पीछे मत पाडो" पूजा ने कहा.
"तुमसे ज़रूरी बात करनी थी" सौरभ ने कहा.
"मैं जानती हूँ तुम्हारी ज़रूरी बात, मेरा पीछा छोड़ दो मुझे तुम्हारे अंदर कोई इंटेरेस्ट नही है" पूजा ने कहा.
"तुम कैसे तैयार हो गयी ड्प के लिए हमसे तो बात भी करने को तैयार नही हो" सौरभ ने कहा.
"ड्प मतलब...मुझे कुछ समझ नही आया." पूजा ने कहा.
"ड्प मतलब डबल पेनेट्रेशन एक लंड चूत में और एक गान्ड में आया समझ अब. मैं तो हैरान हूँ कि तुमने ये सब किया."
पूजा के पाँव के नीचे से जैसे ज़मीन निकल गयी. वो हैरान थी कि आख़िर सौरभ को ये सब कैसे पता चल गया.
"तुम्हे किसने बताया ये सब?"
"उस से क्या फर्क पड़ता है ये सच है कि नही ये बताओ" सौरभ ने कहा.
"मैं तुम्हे क्यों बताउ कौन होते हो तुम ये सब पूछने वाले"
"मैं तुम्हारा आशिक हूँ और मैं जान-ना चाहता हूँ कि तुमने ये सब क्यों किया." सौरभ ने कहा.
"आइ वांटेड टू डिक्स अट दा सेम टाइम. आय ऍम स्लट एन्ड वन ईज़ नोट एनफ फॉर मी. इज़ देट फाइन वित यू...नाओ गेट दा हेल आउट ऑफ हियर"
"ये सच नही है...तुम्हारी कोई मजबूरी रही होगी" सौरभ ने कहा.
"उस से तुम्हे क्या लेना देना मुझे परेशान मत करो...लीव मी अलोन" पूजा ने कहा.
"देखो पूजा मेरा यकीन करो मैं सच में तुम्हे चाहने लगा हूँ और तुम्हारा भला चाहता हूँ. मुझे सारी बात बताओ मैं तुम्हारी मदद करूँगा"
"मुझे किसी की मदद की ज़रूरत नही है...अब मैं उस मुसीबत से निकल चुकी हूँ"
"क्या तुम्हे ब्लॅकमेल किया गया था?"
पूजा ने गहरी साँस ली और बोली, "हां...लेकिन अब मेरी बात ध्यान से सुनो...तुम बहुत अच्छा फ्लर्ट कर लेते हो...मुझे ये फ्लर्ट बिल्कुल पसंद नही"
"बट दिस ईज़ नोट फ्लर्ट.... ये मेरा प्यार है" सौरभ ने कहा.
"अच्छा कितनी लड़कियों को बोल चुके हो ये लाइन ये भी बता दो"
"तुम तीसरी हो"
"शूकर है तुमने सच तो बोला." पूजा ने कहा.
"पर उन दोनो के लिए मैं इतना पागल नही था जितना तुम्हारे लिए हूँ"
मेरा घर आ गया...अब तुम जाओ.
"मूवी देखने चलोगि मेरे साथ" सौरभ ने पूछा.
"ऑफ कोर्स नोट" पूजा ने कहा और अपने घर की तरफ चल दी.
सौरभ खड़ा खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा. "असली मज़ा तो ऐसी लड़की को ठोकने का है बाकी सब तो बकवास है" सौरभ ने सोचा.