01-01-2020, 11:08 AM
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"फोटो लाया कि नही या फिर मस्ती में सब भूल गया" सौरभ ने पूछा.
"लाया हूँ गुरु लाया हूँ ये देखो" आशु ने जेब से फोटो निकाल कर दीखाई.
"शूकर है"
"गुरु मेरी पीठ पर इतनी ज़ोर से मारने की क्या ज़रूरत थी"
"तू रुक ही नही रहा था...और क्या करता मैं"
आशु और सौरभ बाते करते हुए घर वापिस आ गये. आशु ने परवीन की फोटो अपर्णा को थमा दी.
अपर्णा ने फोटो को गौर से देखा
"यही है ना वो ?" आशु ने पूछा.
"नही ये वो नही है" अपर्णा ने गहरी साँस ले कर कहा.
"क्या? ऐसा कैसे हो सकता है पूजा तो कह रही थी कि यही कातिल है" आशु ने कहा.
सौरभ अपना सर पकड़ कर बैठ गया, "सारी मेहनत बेकार गयी"
कमरे में सन्नाटा हो गया. आशु कुछ देर तक तस्वीर को निहारता रहा
फिर उसने तस्वीर वापिस अपनी जेब में रख ली.
"फेंक दो इस तस्वीर को अब क्या करोगे इसका" सौरभ ने कहा.
"वापिस कर देंगे गुरु....अच्छा थोड़ी लगता है की किसी की तस्वीर चुरा कर डॅस्टबिन में फेंक दो"
अपर्णा हतास और निराश हो कर बेड पर बैठ गयी और किन्ही ख़यालो में खो गयी. उसके चेहरे पर चिंता और परेशानी साफ झलक रही थी. "क्या होगा अब?" अपर्णा ने कहा.
आशु ने सौरभ की तरफ देखा पर उसने भी अपना चेहरा अपने हाथो में छिपा लिया.
"आज गुरु पहली बार इतना परेशान लग रहा है" आशु ने सोचा.
तभी दरवाजे पर नॉक होती है.
"कौन हो सकता है" आशु ने कहा.
"दरवाजा खोलो और देख लो" सौरभ ने कहा.
"फोटो लाया कि नही या फिर मस्ती में सब भूल गया" सौरभ ने पूछा.
"लाया हूँ गुरु लाया हूँ ये देखो" आशु ने जेब से फोटो निकाल कर दीखाई.
"शूकर है"
"गुरु मेरी पीठ पर इतनी ज़ोर से मारने की क्या ज़रूरत थी"
"तू रुक ही नही रहा था...और क्या करता मैं"
आशु और सौरभ बाते करते हुए घर वापिस आ गये. आशु ने परवीन की फोटो अपर्णा को थमा दी.
अपर्णा ने फोटो को गौर से देखा
"यही है ना वो ?" आशु ने पूछा.
"नही ये वो नही है" अपर्णा ने गहरी साँस ले कर कहा.
"क्या? ऐसा कैसे हो सकता है पूजा तो कह रही थी कि यही कातिल है" आशु ने कहा.
सौरभ अपना सर पकड़ कर बैठ गया, "सारी मेहनत बेकार गयी"
कमरे में सन्नाटा हो गया. आशु कुछ देर तक तस्वीर को निहारता रहा
फिर उसने तस्वीर वापिस अपनी जेब में रख ली.
"फेंक दो इस तस्वीर को अब क्या करोगे इसका" सौरभ ने कहा.
"वापिस कर देंगे गुरु....अच्छा थोड़ी लगता है की किसी की तस्वीर चुरा कर डॅस्टबिन में फेंक दो"
अपर्णा हतास और निराश हो कर बेड पर बैठ गयी और किन्ही ख़यालो में खो गयी. उसके चेहरे पर चिंता और परेशानी साफ झलक रही थी. "क्या होगा अब?" अपर्णा ने कहा.
आशु ने सौरभ की तरफ देखा पर उसने भी अपना चेहरा अपने हाथो में छिपा लिया.
"आज गुरु पहली बार इतना परेशान लग रहा है" आशु ने सोचा.
तभी दरवाजे पर नॉक होती है.
"कौन हो सकता है" आशु ने कहा.
"दरवाजा खोलो और देख लो" सौरभ ने कहा.