01-01-2020, 11:07 AM
आशु ने ज़ोर का धक्का मारा और बोला,"उस से क्या फर्क पड़ता है आपकी गान्ड में तो इसे हर हाल में घुसना है"
"आआययईीीई मर गयी....आआहह"
आशु का आधा लंड संगीता की गान्ड में उतर जाता है.
"ये क्या किया जान निकाल दी मेरी"
"गान्ड में लंड घुसता नही घुस्साना पड़ता है...आपकी ही फिलॉसोफी ट्राइ कर रहा था."
"इट्स फीलिंग गुड...बस ये दर्द कम हो जाए" संगीता ने कहा.
आशु ने संगीता की गान्ड में आधा ही लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
"आअहह मज़ा आ रहा है...कीप डूयिंग इट" संगीता ने कहा.
हर एक धक्के के साथ आशु का लंड संगीता की गान्ड में और गहरा उतरता चला गया.
"आअहह सेक्सी गान्ड है आपकी" आशु ने कहा.
आशु के आँड अब हर धक्के के साथ संगीता की गान्ड से से टकरा रहे थे.
"ओह माय गॉड आय ऍम फीलिंग योर बॉल्स क्या पूरा अंदर है अब" संगीता हैरानी में बोली.
"बिल्कुल आपकी गान्ड ने पूरा निगल लिया मेरे लंड को आअहह"
इधर सौरभ ड्रॉयिंग रूम में ही बैठा था.
"कितना वक्त लगा रहा है ये आशु...कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए." सौरभ बड़बड़ाया.
अचानक सौरभ को घर के बाहर कार के रूकने की आवाज़ सुनाई दी. सौरभ ने खिड़की से झाँक कर देखा. "ओह नो ये तो परवीन ही लग रहा है"
सौरभ फ़ौरन वहां से बेडरूम की तरफ भागा. जब उसने बेडरूम का दरवाजा खोला तो हैरान रह गया. आशु संगीता के उपर लेता हुआ ताबड़तोड़ उसकी गान्ड में लंड घुमा रहा था.
"अच्छा गान्ड मारने में मगन हैं जनाब तभी कहु इतना टाइम क्यों लग रहा है."
सौरभ फ़ौरन अंदर आया और आशु के कंधे पर हाथ रखा.
आशु फ़ौरन रुक गया "क..कौन है?"
संगीता ने भी मूड कर देखा, "क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो"
सौरभ ने आशु के कान में कहा, "परवीन आ गया है...चल उठ जल्दी"
ये सुनते ही आशु ने खुद को तूफान मैल बना दिया और संगीता की गान्ड में ज़ोर ज़ोर से लंड घीसने लगा.
"बस थोड़ा सा टाइम और आआहह" आशु ने कहा.
"अबे मरवाएगा क्या...चल फिर कभी पूरा कर लेना बाकी का काम" सौरभ ने कहा.
"तुमने पूरा नही किया क्या अपना काम इसे भी पूरा कर लेने दो आआहह कीप डूयिंग इट आअहह" संगीता ने कहा.
"तेरा भाई आ गया है मेरी मा इसलिए बोल रहा हूँ" सौरभ ने कहा.
"क..क...क्या हटो...रूको...हट जाओ आअहह" संगीता घबराई हुई बोली.
"आपने इतना साथ दिया बस थोड़ा और आआहह" आशु बोला.
"मेरे भाई ने देख लिया तो मेरी जान ले लेगा रुक जाओ बाद में आ जाना...आअहह"
तभी घर की बेल बज उठी.
"आअहह मुझे जाना होगा." संगीता ने कहा.
सौरभ ने आशु की पीठ पर एक मुक्का मारा,"आशु रुकते हो कि नही"
इत्तेफ़ाक से उसी वक्त आशु ने अपने वीर्य से संगीता की गान्ड को भर दिया.
आशु ने फ़ौरन कपड़े पहने. संगीता भी झट से कपड़े पहन कर तैयार हो गयी.
"तुम्हारे घर में कोई पीछे से रास्ता है क्या." सौरभ ने पूछा.
"हां है...पर क्या तुम भैया से नही मिलोगे" संगीता ने पूछा.
"अभी नही फिर कभी उन्हे कही शक ना हो जाए कि हमने तुम्हारी..." सौरभ ने कहा.
"ठीक है ठीक है जल्दी आओ मेरे साथ" संगीता ने कहा.
संगीता ने सौरभ और आशु को पीछले गेट से निकाल दिया. और ब्भाग कर वापिस आ कर दरवाजा खोला.
"क्या कर रही थी दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों लगा दी" परवीन ने पूछा.
"भैया मैं बाथरूम में थी सॉरी"
"ह्म्म पसीने क्यों आ रहे हैं तुम्हे जाओ पानी ले कर आओ"
"जी भैया अभी लाई"
"बॉल बॉल बच गयी..." संगीता ने किचन की ओर जाते हुए सोचा.
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"आआययईीीई मर गयी....आआहह"
आशु का आधा लंड संगीता की गान्ड में उतर जाता है.
"ये क्या किया जान निकाल दी मेरी"
"गान्ड में लंड घुसता नही घुस्साना पड़ता है...आपकी ही फिलॉसोफी ट्राइ कर रहा था."
"इट्स फीलिंग गुड...बस ये दर्द कम हो जाए" संगीता ने कहा.
आशु ने संगीता की गान्ड में आधा ही लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
"आअहह मज़ा आ रहा है...कीप डूयिंग इट" संगीता ने कहा.
हर एक धक्के के साथ आशु का लंड संगीता की गान्ड में और गहरा उतरता चला गया.
"आअहह सेक्सी गान्ड है आपकी" आशु ने कहा.
आशु के आँड अब हर धक्के के साथ संगीता की गान्ड से से टकरा रहे थे.
"ओह माय गॉड आय ऍम फीलिंग योर बॉल्स क्या पूरा अंदर है अब" संगीता हैरानी में बोली.
"बिल्कुल आपकी गान्ड ने पूरा निगल लिया मेरे लंड को आअहह"
इधर सौरभ ड्रॉयिंग रूम में ही बैठा था.
"कितना वक्त लगा रहा है ये आशु...कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए." सौरभ बड़बड़ाया.
अचानक सौरभ को घर के बाहर कार के रूकने की आवाज़ सुनाई दी. सौरभ ने खिड़की से झाँक कर देखा. "ओह नो ये तो परवीन ही लग रहा है"
सौरभ फ़ौरन वहां से बेडरूम की तरफ भागा. जब उसने बेडरूम का दरवाजा खोला तो हैरान रह गया. आशु संगीता के उपर लेता हुआ ताबड़तोड़ उसकी गान्ड में लंड घुमा रहा था.
"अच्छा गान्ड मारने में मगन हैं जनाब तभी कहु इतना टाइम क्यों लग रहा है."
सौरभ फ़ौरन अंदर आया और आशु के कंधे पर हाथ रखा.
आशु फ़ौरन रुक गया "क..कौन है?"
संगीता ने भी मूड कर देखा, "क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो"
सौरभ ने आशु के कान में कहा, "परवीन आ गया है...चल उठ जल्दी"
ये सुनते ही आशु ने खुद को तूफान मैल बना दिया और संगीता की गान्ड में ज़ोर ज़ोर से लंड घीसने लगा.
"बस थोड़ा सा टाइम और आआहह" आशु ने कहा.
"अबे मरवाएगा क्या...चल फिर कभी पूरा कर लेना बाकी का काम" सौरभ ने कहा.
"तुमने पूरा नही किया क्या अपना काम इसे भी पूरा कर लेने दो आआहह कीप डूयिंग इट आअहह" संगीता ने कहा.
"तेरा भाई आ गया है मेरी मा इसलिए बोल रहा हूँ" सौरभ ने कहा.
"क..क...क्या हटो...रूको...हट जाओ आअहह" संगीता घबराई हुई बोली.
"आपने इतना साथ दिया बस थोड़ा और आआहह" आशु बोला.
"मेरे भाई ने देख लिया तो मेरी जान ले लेगा रुक जाओ बाद में आ जाना...आअहह"
तभी घर की बेल बज उठी.
"आअहह मुझे जाना होगा." संगीता ने कहा.
सौरभ ने आशु की पीठ पर एक मुक्का मारा,"आशु रुकते हो कि नही"
इत्तेफ़ाक से उसी वक्त आशु ने अपने वीर्य से संगीता की गान्ड को भर दिया.
आशु ने फ़ौरन कपड़े पहने. संगीता भी झट से कपड़े पहन कर तैयार हो गयी.
"तुम्हारे घर में कोई पीछे से रास्ता है क्या." सौरभ ने पूछा.
"हां है...पर क्या तुम भैया से नही मिलोगे" संगीता ने पूछा.
"अभी नही फिर कभी उन्हे कही शक ना हो जाए कि हमने तुम्हारी..." सौरभ ने कहा.
"ठीक है ठीक है जल्दी आओ मेरे साथ" संगीता ने कहा.
संगीता ने सौरभ और आशु को पीछले गेट से निकाल दिया. और ब्भाग कर वापिस आ कर दरवाजा खोला.
"क्या कर रही थी दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों लगा दी" परवीन ने पूछा.
"भैया मैं बाथरूम में थी सॉरी"
"ह्म्म पसीने क्यों आ रहे हैं तुम्हे जाओ पानी ले कर आओ"
"जी भैया अभी लाई"
"बॉल बॉल बच गयी..." संगीता ने किचन की ओर जाते हुए सोचा.
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