01-01-2020, 10:44 AM
"कैसे लगे कपड़े अपर्णा?"
"ठीक हैं...क्या तुमने सोचा कुछ कि आगे क्या करना है...मैं हमेशा यहा इस कमरे में नही पड़े रहना चाहती."
इस से पहले की सौरभ कुछ बोल पाता आशु बोल पड़ा, "गुरु ऐसा करते हैं....अड्रेस तो है ही आपके पास परवीन का...पहले कन्फर्म कर लेते हैं कि वही किलर है,
फिर आगे मैं सब संभाल लूँगा. जो इनस्पेक्टर इस केस को हैंडल कर रहा है उसी के साथ हूँ मैं."
"पहले हम दोनो चलते हैं वहां...बाद मैं अपर्णा को ले जाएँगे...क्या कहते हो" सौरभ ने कहा.
"ठीक है चलो फिर अभी इंतेज़ार किस बात का है" आशु ने कहा.
कुछ ही देर बाद सौरभ और आशु बायक पर सवार हो कर परवीन के घर की तरफ जा रहे थे.
"ये रहा घर पर कोई दीखाई नही दे रहा." सौरभ ने कहा.
"बेल बजाते हैं घर की देखते हैं कौन बाहर आता है" आशु ने कहा.
"देख लो कही कोई फ़ज़ीहत हो जाए" सौरभ ने कहा.
"सब इनस्पेक्टर तुम्हारे साथ है गुरु चिंता क्यों कर रहे हो"
"तुम साथ हो तभी तो चिंता है" सौरभ ने कहा.
"गुरु ऐसा क्यों बोल रहे हो"
"अरे मज़ाक कर रहा हूँ चल बेल मारते हैं."
सौरभ घर की बेल बजाता है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है.
"आप यहा!" सौरभ के मूह से निकल गया.
आशु भी उस लड़की को देख कर हैरान रह गया.
"ये मेरा घर है तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?"
"लगता है हम ग़लत अड्रेस पर आ गये हमे लगा ये परवीन का घर है" सौरभ ने कहा.
" मेरे बड़े भाई हैं वो अभी शहर से बाहर गये हैं, बोलिए क्या काम है"
"छोड़िए हमे उनसे ही काम था...हम फिर कभी मिल लेंगे" सौरभ ने कहा.
"जैसी आपकी मर्ज़ी...चाय पानी कुछ लेंगे" लड़की ने कहा.
"पहले हमे अंदर तो बुला लीजिए यहा खड़े-खड़े चाय पीना अजीब लगेगा" आशु ने कहा.
"ओह आय ऍम सो सॉरी...प्लीज़ कम इन" लड़की ने कहा.
सौरभ ने अंदर आते हुए आशु की पीठ थपथपाई.
"प्लीज़ हॅव सीट...मैं अभी चाय लाती हूँ" लड़की ने कहा.
"ये तस्वीर किस की है" आशु ने कहा.
"अजीब बात है आप लोग भैया से मिलने आए हैं और उनकी तस्वीर नही पहचानते." लड़की ने कहा.
"ये परवीन को नही जानता...मैं जानता हूँ...ये तो बस मेरे साथ आया है" सौरभ ने बात संभालने की कोशिश की.
"ह्म्म ठीक है मैं चाय लाती हूँ"
"तूने पहचाना कि नही ये वही लड़की है जिसकी वो लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था" सौरभ ने कहा.
"पहचान लिया गुरु...ऐसा करते हैं ये फोटो ले चलते हैं...अपर्णा जी को यही दीखा देंगे...क्या बोलते हो" आशु ने धीरे से कहा.
"ठीक हैं...क्या तुमने सोचा कुछ कि आगे क्या करना है...मैं हमेशा यहा इस कमरे में नही पड़े रहना चाहती."
इस से पहले की सौरभ कुछ बोल पाता आशु बोल पड़ा, "गुरु ऐसा करते हैं....अड्रेस तो है ही आपके पास परवीन का...पहले कन्फर्म कर लेते हैं कि वही किलर है,
फिर आगे मैं सब संभाल लूँगा. जो इनस्पेक्टर इस केस को हैंडल कर रहा है उसी के साथ हूँ मैं."
"पहले हम दोनो चलते हैं वहां...बाद मैं अपर्णा को ले जाएँगे...क्या कहते हो" सौरभ ने कहा.
"ठीक है चलो फिर अभी इंतेज़ार किस बात का है" आशु ने कहा.
कुछ ही देर बाद सौरभ और आशु बायक पर सवार हो कर परवीन के घर की तरफ जा रहे थे.
"ये रहा घर पर कोई दीखाई नही दे रहा." सौरभ ने कहा.
"बेल बजाते हैं घर की देखते हैं कौन बाहर आता है" आशु ने कहा.
"देख लो कही कोई फ़ज़ीहत हो जाए" सौरभ ने कहा.
"सब इनस्पेक्टर तुम्हारे साथ है गुरु चिंता क्यों कर रहे हो"
"तुम साथ हो तभी तो चिंता है" सौरभ ने कहा.
"गुरु ऐसा क्यों बोल रहे हो"
"अरे मज़ाक कर रहा हूँ चल बेल मारते हैं."
सौरभ घर की बेल बजाता है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है.
"आप यहा!" सौरभ के मूह से निकल गया.
आशु भी उस लड़की को देख कर हैरान रह गया.
"ये मेरा घर है तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?"
"लगता है हम ग़लत अड्रेस पर आ गये हमे लगा ये परवीन का घर है" सौरभ ने कहा.
" मेरे बड़े भाई हैं वो अभी शहर से बाहर गये हैं, बोलिए क्या काम है"
"छोड़िए हमे उनसे ही काम था...हम फिर कभी मिल लेंगे" सौरभ ने कहा.
"जैसी आपकी मर्ज़ी...चाय पानी कुछ लेंगे" लड़की ने कहा.
"पहले हमे अंदर तो बुला लीजिए यहा खड़े-खड़े चाय पीना अजीब लगेगा" आशु ने कहा.
"ओह आय ऍम सो सॉरी...प्लीज़ कम इन" लड़की ने कहा.
सौरभ ने अंदर आते हुए आशु की पीठ थपथपाई.
"प्लीज़ हॅव सीट...मैं अभी चाय लाती हूँ" लड़की ने कहा.
"ये तस्वीर किस की है" आशु ने कहा.
"अजीब बात है आप लोग भैया से मिलने आए हैं और उनकी तस्वीर नही पहचानते." लड़की ने कहा.
"ये परवीन को नही जानता...मैं जानता हूँ...ये तो बस मेरे साथ आया है" सौरभ ने बात संभालने की कोशिश की.
"ह्म्म ठीक है मैं चाय लाती हूँ"
"तूने पहचाना कि नही ये वही लड़की है जिसकी वो लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था" सौरभ ने कहा.
"पहचान लिया गुरु...ऐसा करते हैं ये फोटो ले चलते हैं...अपर्णा जी को यही दीखा देंगे...क्या बोलते हो" आशु ने धीरे से कहा.