30-01-2019, 10:07 PM
(This post was last modified: 15-12-2023, 09:52 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मुझे बाप-बेटी के इस वर्ताव से कोई प्रॉब्लम नहीं था, बल्कि मैं न जाने क्यों बहु और उसके पापा को साथ-साथ देख मजा आ रहा था। मैं न जाने क्यों बहु को अपने पापा के साथ चुदते हुए देखना चाहता था। मेरा लंड ये सोच कर खड़ा हो गया की कैसा लगेगा जब एक बेटी अपने ही बाप से चुदायेगी।
प्यारेलाल - अच्छा बहु चलो मैं फ्रेश हो कर आता हू।
सरोज - जी पापा मैं आपके सामान को टेबल और कपबोर्ड में लगा देती हू।
प्यारेलाल - ओके बेटी
बहु समधी जी का सूटकेस खोलने लगी।।
सरोज - बाबूजी इधर आईए न जरा मदद करेंगे मेरी सूटकेस खोलने में?
मै - हाँ बहु ये लो खुल गया।।
सरोज - मैं ये सब सामान कपबोर्ड में लगा देती हूँ ( बहु सारे सामान रखने लगी।। अपने पापा के सामान अंडरवियर वगैरह भी)
सरोज - अरे ये साइड में क्या आवाज़ कर रहा है देखिये तो।।
मै - बहु ये तो कोई मैगज़ीन है।। रुको निकालता हूं
मैने जब मैगज़ीन बाहर निकाला तो वो एक पोर्न मैगज़ीन थी।। जिसके कवर पेज पे एक लड़की लंड चूस रही थी मैंने बहु को दिखाया।
मै - ये देखो बहु, तुम्हारा पापा ने सूटकेस में ये मैगज़ीन छुपा के रखी है।।
सरोज - ओह माय गोड़। पापा ये सब?
मै - क्यों नहि।। और ये देखो बहु ये इन्सेस्ट मैगज़ीन है। ये ऊपर लिखा है डॉटर लव्स टू सक।। मतलब बेटी को लंड चुसना पसंद है।। आखिर तुम्हारे पापा ऐसे मैंगज़ीन क्यों पढेंगे वो भी बाप - बेटी के सेक्स रिश्ते के बारे में।
बहु ने मैगज़ीन मेरे हाथ से ले लिए और आश्चर्य से देखने लगी।। जब उसने मैगज़ीन अंदर खोला तो हैरान रह गई।। अंदर कई मॉडल के फोटो पे दाग लगे थे।
सरोज - बाबूजी।। ये मैगज़ीन पे हर लड़की के फोटो पे दाग कैसे।। जैसे कुछ गिरा हो।
मै - बहु ये मुट्ठ के दाग है।। तुम्हारे पापा ये सब तस्वीर देख कर मूठ मारते होंगे और हर मॉडल के ऊपर अपना मुट्ठ गिराया है।।
सरोज - (२ पन्ने और पलटते हुए। ) आआह्ह्।। ये गिला चिपचिपा सा।।।
मै - क्या हुआ बहु?
सरोज - बाबूजी ये देखिये न एक फोटो पे ये गिला गिला है।। चिपचिपा सा।।
मै - ये तो मुट्ठ ही है बहु, वो भी ताजा।।
प्यारेलाल - अच्छा बहु चलो मैं फ्रेश हो कर आता हू।
सरोज - जी पापा मैं आपके सामान को टेबल और कपबोर्ड में लगा देती हू।
प्यारेलाल - ओके बेटी
बहु समधी जी का सूटकेस खोलने लगी।।
सरोज - बाबूजी इधर आईए न जरा मदद करेंगे मेरी सूटकेस खोलने में?
मै - हाँ बहु ये लो खुल गया।।
सरोज - मैं ये सब सामान कपबोर्ड में लगा देती हूँ ( बहु सारे सामान रखने लगी।। अपने पापा के सामान अंडरवियर वगैरह भी)
सरोज - अरे ये साइड में क्या आवाज़ कर रहा है देखिये तो।।
मै - बहु ये तो कोई मैगज़ीन है।। रुको निकालता हूं
मैने जब मैगज़ीन बाहर निकाला तो वो एक पोर्न मैगज़ीन थी।। जिसके कवर पेज पे एक लड़की लंड चूस रही थी मैंने बहु को दिखाया।
मै - ये देखो बहु, तुम्हारा पापा ने सूटकेस में ये मैगज़ीन छुपा के रखी है।।
सरोज - ओह माय गोड़। पापा ये सब?
मै - क्यों नहि।। और ये देखो बहु ये इन्सेस्ट मैगज़ीन है। ये ऊपर लिखा है डॉटर लव्स टू सक।। मतलब बेटी को लंड चुसना पसंद है।। आखिर तुम्हारे पापा ऐसे मैंगज़ीन क्यों पढेंगे वो भी बाप - बेटी के सेक्स रिश्ते के बारे में।
बहु ने मैगज़ीन मेरे हाथ से ले लिए और आश्चर्य से देखने लगी।। जब उसने मैगज़ीन अंदर खोला तो हैरान रह गई।। अंदर कई मॉडल के फोटो पे दाग लगे थे।
सरोज - बाबूजी।। ये मैगज़ीन पे हर लड़की के फोटो पे दाग कैसे।। जैसे कुछ गिरा हो।
मै - बहु ये मुट्ठ के दाग है।। तुम्हारे पापा ये सब तस्वीर देख कर मूठ मारते होंगे और हर मॉडल के ऊपर अपना मुट्ठ गिराया है।।
सरोज - (२ पन्ने और पलटते हुए। ) आआह्ह्।। ये गिला चिपचिपा सा।।।
मै - क्या हुआ बहु?
सरोज - बाबूजी ये देखिये न एक फोटो पे ये गिला गिला है।। चिपचिपा सा।।
मै - ये तो मुट्ठ ही है बहु, वो भी ताजा।।