31-12-2019, 03:06 PM
Update 30
चौहान आशु को लेकर सुरिंदर के घर पहुँचता है.
"क्राइम सीन है घबराना मत...चारो तरफ खून बीखरा पड़ा है कही देख कर घबरा जाओ"
"मैने न्यूज़ में सुन लिया था सब सर, मैं इन बातो से नही डरता"
"अच्छा चलो फिर अंदर" चौहान ने कहा.
आशु चौहान के पीछे-पीछे सुरिंदर के घर में घुस गया.
"यहा तो कुछ भी नही है" आशु ने कहा.
"लासे पीछे पड़ी है बर्खुरदार थोड़ा धीरज रखो" चौहान ने कहा.
"सर ये बेडरूम देखिए...बिस्तर पर काफ़ी उछल-पुथल हुई लगती है" आशु ने कहा.
"तुम इस कमरे को अच्छे से चेक करो मैं पीछे जा रहा हूँ, कुछ भी इम्पोर्टेन्ट लगे तो मुझे बताना" चौहान ने कहा.
"ओके सर मैं यहा देख लेता हूँ" आशु ने कहा ,"वैसे भी मुझे लाश देखने का कोई सोंक नही है" आशु धीरे से बड़बड़ाया.
"क्या कहा तुमने?"
"कुछ नही सर बस यू ही"
"लाश तो तुम्हे अक्सर देखने को मिलेगी बर्खुरदार. पोलीस में आए हो किसी ऐन्जीओ में नही"
"मेरा वो मतलब नही था सर."
"ठीक है...ठीक है चलो जो काम दिया है उसे करो...और मेरे सामने ज़्यादा मत बोला करो"
"सॉरी सर"
"सॉरी हा..."चौहान कह कर आगे बढ़ गया.
आशु कमरे को बड़े ध्यान से देखता है.
"यहा क्या देखूं बस ये बीखरा हुआ बिस्तर है और ये आल्मिरा है...बाकी तो कुछ नही."
अचानक उसकी नज़र बेड पर पड़े तकिये पर गयी. उसके बिल्कुल पास कुछ चमकीली चीज़ नज़र आ रही थी. आशु ने आगे बढ़ कर उसे उठा लिया.
"ये तो सोने की चैन लगती है...ये यहा क्या कर रही है...ह्म्म इस बेड पर अछी ख़ासी गेम खेली गयी है शायद. खेल-खेल में ये चैन गिर गयी होगी...एक बार श्रद्धा भी तो अपनी पायल भूल गयी थी मेरे कमरे में"
आशु ने बेड को अच्छे से चेक किया और कुछ नही मिला. लेकिन बेड के पास रखी टेबल पर जो मोबायल पड़ा था उस पर आशु का ध्यान नही गया. आशु कमरे से बाहर आने लगा, तभी मोबायल बज उठा.
आशु ने मोबायल उठा कर ऑन किया और कान से लगा लिया, "सुरिंदर मेरी सोने की चैन तुम्हारे वहां छूट गयी शायद. मिल जाए तो संभाल कर रख लेना. संजय ने गिफ्ट दी थी वो हमेशा उसे मेरे गले में देखना चाहता है. तुम कुछ बोल क्यों नही रहे... कल रात मज़ा नही आया क्या"
"मज़ा तो उसे आया ही होगा, क्या आपको पता नही कि वो कल रात मारे गये?" आशु ने कहा.
"क..क..कौन बोल रहे हो तुम...और ये क्या बकवास कर रहे हो." मोनिका ने कहा.
"मैं सब इनस्पेक्टर आशुतोष बोल रहा हूँ ज़बान संभाल के बात करो"
मोनिका ने फ़ौरन फोन काट दिया.
"काट दिया फोन क्यों क्या हुआ...अब मैं पोलीस वाला हूँ कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझसे ऐसे ही कुछ भी नही बोल सकता."
आशु उस बेडरूम से निकल कर घर के पीछे की तरफ चल दिया.
"ओफ कितनी बेरहमी से मारा है कामीने ने." आशु ने अपनी आँखे बंद कर ली.
"क्यों बर्खुरदार छूट गये पसीने..हे..हे." चौहान हस्ने लगा.
"सर आपको ये सब देखने की आदत हो गयी होगी मैं तो पहली बार देख रहा हूँ"
"कोई बात नही तुम्हे भी आदत हो जाएगी...कुछ मिला उस कमरे में?"
"हां सर ये सोने की चैन मिली है" आशु ने कहा.
आशु ने फोन वाली बात भी चौहान को बता दी.
"नाम तो पूछ लेते उसका."
"मैं पूछने ही वाला था पर फोन काट दिया उसने."
"ह्म्म कोई बात नही उसके नंबर से उसके घर का पता चल ही जाएगा" चौहान ने कहा.
"सर आपको क्या लगता है ये सब खून क्या कोई औरत कर सकती है" आशु ने चौहान का व्यू लेने के लिए पूछा.
"क्यों नही...आज कल कोई भी कुछ भी कर सकता है...इसने देखा था ना उसे अपनी आँखो से" चौहान ने कहा.
"हां पर मुझे वो लड़की कातिल नही लगती" आशु ने कहा.
"तुम्हे क्या लगता है उस से फर्क नही पड़ता बर्खुरदार यहा सब सबूत बोलते हैं" चौहान ने कहा.
चौहान ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज़ दी, "इनको पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो"
"जी सर" कॉन्स्टेबल ने कहा.
"चलो बर्खुरदार यहा का काम हो गया."
"अभी कहा जाना है सर"
"पहले थाने चलते है...बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है"
चौहान आशु को जीप में ले कर पोलीस स्टेशन की तरफ निकल देता है.
"सर एक बात पूछनी थी आपसे बुरा ना माने तो"
"हां-हां पूछो क्या बात है?"
"कल मैने आपको इसी जीप में देखा था आप किसी लड़की को सड़क पर उतार कर आगे बढ़ गये ...वो लड़की कौन थी?"
"क्यों तेरा दिल आ गया क्या उस पर?"
"नही सर मैने उसे कही देखा है...इसलिए पूछ रहा था." आशु ने कहा.
"एस्कॉर्ट थी वो...होटेल में पकड़ी थी मैने. बहुत सुंदर थी इसलिए मैने भी हाथ मार लिया. मैने और
परवीन ने मिलके ड्प किया साली का. सारे नखरे उतार दिए उसके. एक बात समझ लो इस नौकरी में तुम्हे एक से बढ़ कर एक आइटम मिलेगी. पर सोच समझ कर खेलना फँस भी सकते हो. आजकल मीडीया बहुत पीछे पड़ी रहती है."
चौहान की बात सुन कर आशु का दिल बैठ गया.
"पूजा के साथ इतना कुछ हो गया...किस चक्कर में फँस गयी थी ये पूजा...कुछ समझ नही आ रहा." आशु ने सोचा.
"क्या हुआ बर्खुरदार किस सोच में डूब गये."
"कुछ नही सर बस यू ही." आशु ने कहा.
आशु को पूजा के बारे में सुन कर बहुत बुरा लगा. उसे यकीन नही हो रहा था कि उसके जैसी लड़की ऐसे चक्करो में फँस जाएगी.
"ज़रूर कोई मज़बूरी रही होगी पूजा की" आशु ने सोचा.
चौहान आशु को लेकर सुरिंदर के घर पहुँचता है.
"क्राइम सीन है घबराना मत...चारो तरफ खून बीखरा पड़ा है कही देख कर घबरा जाओ"
"मैने न्यूज़ में सुन लिया था सब सर, मैं इन बातो से नही डरता"
"अच्छा चलो फिर अंदर" चौहान ने कहा.
आशु चौहान के पीछे-पीछे सुरिंदर के घर में घुस गया.
"यहा तो कुछ भी नही है" आशु ने कहा.
"लासे पीछे पड़ी है बर्खुरदार थोड़ा धीरज रखो" चौहान ने कहा.
"सर ये बेडरूम देखिए...बिस्तर पर काफ़ी उछल-पुथल हुई लगती है" आशु ने कहा.
"तुम इस कमरे को अच्छे से चेक करो मैं पीछे जा रहा हूँ, कुछ भी इम्पोर्टेन्ट लगे तो मुझे बताना" चौहान ने कहा.
"ओके सर मैं यहा देख लेता हूँ" आशु ने कहा ,"वैसे भी मुझे लाश देखने का कोई सोंक नही है" आशु धीरे से बड़बड़ाया.
"क्या कहा तुमने?"
"कुछ नही सर बस यू ही"
"लाश तो तुम्हे अक्सर देखने को मिलेगी बर्खुरदार. पोलीस में आए हो किसी ऐन्जीओ में नही"
"मेरा वो मतलब नही था सर."
"ठीक है...ठीक है चलो जो काम दिया है उसे करो...और मेरे सामने ज़्यादा मत बोला करो"
"सॉरी सर"
"सॉरी हा..."चौहान कह कर आगे बढ़ गया.
आशु कमरे को बड़े ध्यान से देखता है.
"यहा क्या देखूं बस ये बीखरा हुआ बिस्तर है और ये आल्मिरा है...बाकी तो कुछ नही."
अचानक उसकी नज़र बेड पर पड़े तकिये पर गयी. उसके बिल्कुल पास कुछ चमकीली चीज़ नज़र आ रही थी. आशु ने आगे बढ़ कर उसे उठा लिया.
"ये तो सोने की चैन लगती है...ये यहा क्या कर रही है...ह्म्म इस बेड पर अछी ख़ासी गेम खेली गयी है शायद. खेल-खेल में ये चैन गिर गयी होगी...एक बार श्रद्धा भी तो अपनी पायल भूल गयी थी मेरे कमरे में"
आशु ने बेड को अच्छे से चेक किया और कुछ नही मिला. लेकिन बेड के पास रखी टेबल पर जो मोबायल पड़ा था उस पर आशु का ध्यान नही गया. आशु कमरे से बाहर आने लगा, तभी मोबायल बज उठा.
आशु ने मोबायल उठा कर ऑन किया और कान से लगा लिया, "सुरिंदर मेरी सोने की चैन तुम्हारे वहां छूट गयी शायद. मिल जाए तो संभाल कर रख लेना. संजय ने गिफ्ट दी थी वो हमेशा उसे मेरे गले में देखना चाहता है. तुम कुछ बोल क्यों नही रहे... कल रात मज़ा नही आया क्या"
"मज़ा तो उसे आया ही होगा, क्या आपको पता नही कि वो कल रात मारे गये?" आशु ने कहा.
"क..क..कौन बोल रहे हो तुम...और ये क्या बकवास कर रहे हो." मोनिका ने कहा.
"मैं सब इनस्पेक्टर आशुतोष बोल रहा हूँ ज़बान संभाल के बात करो"
मोनिका ने फ़ौरन फोन काट दिया.
"काट दिया फोन क्यों क्या हुआ...अब मैं पोलीस वाला हूँ कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझसे ऐसे ही कुछ भी नही बोल सकता."
आशु उस बेडरूम से निकल कर घर के पीछे की तरफ चल दिया.
"ओफ कितनी बेरहमी से मारा है कामीने ने." आशु ने अपनी आँखे बंद कर ली.
"क्यों बर्खुरदार छूट गये पसीने..हे..हे." चौहान हस्ने लगा.
"सर आपको ये सब देखने की आदत हो गयी होगी मैं तो पहली बार देख रहा हूँ"
"कोई बात नही तुम्हे भी आदत हो जाएगी...कुछ मिला उस कमरे में?"
"हां सर ये सोने की चैन मिली है" आशु ने कहा.
आशु ने फोन वाली बात भी चौहान को बता दी.
"नाम तो पूछ लेते उसका."
"मैं पूछने ही वाला था पर फोन काट दिया उसने."
"ह्म्म कोई बात नही उसके नंबर से उसके घर का पता चल ही जाएगा" चौहान ने कहा.
"सर आपको क्या लगता है ये सब खून क्या कोई औरत कर सकती है" आशु ने चौहान का व्यू लेने के लिए पूछा.
"क्यों नही...आज कल कोई भी कुछ भी कर सकता है...इसने देखा था ना उसे अपनी आँखो से" चौहान ने कहा.
"हां पर मुझे वो लड़की कातिल नही लगती" आशु ने कहा.
"तुम्हे क्या लगता है उस से फर्क नही पड़ता बर्खुरदार यहा सब सबूत बोलते हैं" चौहान ने कहा.
चौहान ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज़ दी, "इनको पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो"
"जी सर" कॉन्स्टेबल ने कहा.
"चलो बर्खुरदार यहा का काम हो गया."
"अभी कहा जाना है सर"
"पहले थाने चलते है...बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है"
चौहान आशु को जीप में ले कर पोलीस स्टेशन की तरफ निकल देता है.
"सर एक बात पूछनी थी आपसे बुरा ना माने तो"
"हां-हां पूछो क्या बात है?"
"कल मैने आपको इसी जीप में देखा था आप किसी लड़की को सड़क पर उतार कर आगे बढ़ गये ...वो लड़की कौन थी?"
"क्यों तेरा दिल आ गया क्या उस पर?"
"नही सर मैने उसे कही देखा है...इसलिए पूछ रहा था." आशु ने कहा.
"एस्कॉर्ट थी वो...होटेल में पकड़ी थी मैने. बहुत सुंदर थी इसलिए मैने भी हाथ मार लिया. मैने और
परवीन ने मिलके ड्प किया साली का. सारे नखरे उतार दिए उसके. एक बात समझ लो इस नौकरी में तुम्हे एक से बढ़ कर एक आइटम मिलेगी. पर सोच समझ कर खेलना फँस भी सकते हो. आजकल मीडीया बहुत पीछे पड़ी रहती है."
चौहान की बात सुन कर आशु का दिल बैठ गया.
"पूजा के साथ इतना कुछ हो गया...किस चक्कर में फँस गयी थी ये पूजा...कुछ समझ नही आ रहा." आशु ने सोचा.
"क्या हुआ बर्खुरदार किस सोच में डूब गये."
"कुछ नही सर बस यू ही." आशु ने कहा.
आशु को पूजा के बारे में सुन कर बहुत बुरा लगा. उसे यकीन नही हो रहा था कि उसके जैसी लड़की ऐसे चक्करो में फँस जाएगी.
"ज़रूर कोई मज़बूरी रही होगी पूजा की" आशु ने सोचा.
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