31-12-2019, 03:00 PM
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आशु जॉइनिंग की फॉरमॅलिटी पूरी करने के बाद सीधा अंकिता ठाकुर के रूम की तरफ चल दिया. वो उसका धन्यवाद करना चाहता था. जब वो कमरे में घुसा तो अंकिता अख़बार पढ़ रही थी. आशु भाग कर अंकिता के कदमो में गिर गया और उसके पैर पकड़ लिए.
"अरे ये क्या कर रहे हो कौन हो तुम और तुम्हे अंदर किसने आने दिया"
आशु ने सर नीचे झुकाए हुए कहा,"मैं आशुतोष हूँ मेडम...आप यहा ना आती तो मेरी जॉइनिंग कभी नही हो पाती."
"उठो....तुम अब एसआइ हो और ऐसे आम आदमी की तरह बिहेव मत करो वरना अभी वापिस नौकरी से निकाल दूँगी" अंकिता ने गुस्से में कहा.
आशु फ़ौरन खड़ा हो गया.
"अरे ये तो बहुत यंग है...मैने सोचा कोई काफ़ी उमर की होगी. बेकार में पाँव छू कर अपनी फ़ज़ीहत करवा ली" आशु ने सोचा.
"तुमने जॉइनिंग कर ली" अंकिता ने पूछा.
"हां मेडम" आशु ने जवाब दिया.
"जब किसी सीनियर के सामने जाओ तो हाथ पीछे रखो...क्या इतना भी नही जानते...जेब से बाहर निकालो हाथ एन्ड स्टॅंड प्रॉपर्ली" अंकिता ने कहा.
आशु ने फ़ौरन हाथ जेब से निकाल कर पीछे कर लिए, "सॉरी मेडम मेरा पहला दिन है और आप जैसी सुंदर लड़की सामने है...मेरा दीमाग नही चल रहा. आगे से ध्यान रखूँगा"
"मैं कोई लड़की नही हूँ तुम्हारी बॉस हूँ...बिहेव योरसेल्फ"
"सॉरी मेडम"
तभी चौहान अंदर आता है.
"मिस्टर चौहान इसको ट्रैनिंग पर भेज दो." अंकिता ने कहा.
"मेडम ट्रैनिंग में ये अब अगले साल ही जा पाएगा...अभी इन्स्टिट्यूट में ट्रैनिंग चालू है..और वहां जगह भी नही है" चौहान ने कहा.
"ठीक है फिर ऐसा करो इसे अपने साथ रखो और काम सिख़ाओ. इसको ट्रेन करना तुम्हारी ज़िम्मेदारी है" अंकिता ने कहा.
"मुझे अपने साथ रख लीजिए ना मेडम...मुझे लगता है आप मुझे ज़्यादा अच्छे से सीखा सकती हैं" आशु ने कहा.
"तुम्हारी राय माँगी किसी ने मिस्टर आशु. जैसा कहा है वैसा करो...तुम्हारी कोई शिकायत नही आनी चाहिए" अंकिता ने कहा.
"ओफ ये तो तीखी मिर्ची है इतनी सुंदर लड़की पोलीस में क्या कर रही है." आशु ने मन ही मन सोचा.
"यू कैन गो नाओ" अंकिता ने कहा.
आशु वही खड़ा रहा. चौहान ने उसे चलने का इशारा किया तब उसे समझ में आया कि उसे भी बाहर जाने को कहा गया है.
बाहर आ कर चौहान बोला, बर्खुरदार जॉइनिंग तो तुमने कर ली...अपनी नौकरी बच्चाए रखना चाहते हो तो एक बात ध्यान रखना. अपने सीनियर के आगे कभी ज़्यादा मूह मत खोलना. मैं भी तुम्हारा सीनियर हूँ ये भी याद रखना. अभी तुम बच्चे हो सब सीख जाओगे" चौहान ने कहा.
"आपका क्या रॅंक है?"
"मैं इनस्पेक्टर हूँ वर्दी देख कर पता नही चलता क्या"
"पता चल गया सर...पता चल गया.
तभी आशु को ध्यान आया, "अरे ये तो वही है जिसने पूजा को सड़क पर उतारा था."
"चलो तुम्हारी ट्रैनिंग शुरू की जाए...जाओ मेरे लिए चाय ले कर आओ" चौहान ने कहा.
"चाय सर?" आशु हैरानी में बोला.
पीछे से अंकिता आ रही थी उसे ये बात सुन ली
"मिस्टर चौहान मैने आशुतोष को तुम्हारे अंडर ट्रेन करने के लिए लगाया है ना कि चाय लाने के लिए." अंकिता ने रोब से कहा.
"नही मेडम आप ग़लत समझ रही हैं...मैं तो ये कह रहा था कि चलो चाय पी कर किलर वाले केस की इंक्वाइरी के लिए चलते हैं" चौहान ने कहा.
"ठीक है....मुझे रिपोर्ट देते रहना की क्या सीखा रहे हो इसे"
"जी मेडम"
"गजब की ऑफीसर हैं ये तो...इनके साथ काम करके मज़ा आएगा" आशु बड़बड़ाया.
"कयामत है ये हम सब के लिए जितना जल्दी समझ लो अच्छा है" चौहान ने आशु की बात पर रिक्ट किया.
"लेकिन बहुत खूबसूरत कयामत है...ऐसी कयामत को तो मैं हमेशा सीने से लगा कर रखूं" आशु ने सोचा.
"क्या सोच रहे हो चलो हमे इन्वेस्टिगेशन के लिए निकलना है" चौहान ने कहा.
"मेरी वर्दी सर?" आशु ने पूछा.
"अरे वर्दी भी मिल जाएगी अभी ऐसे ही चलो" चौहान ने कहा.
"जैसा आप कहें सर"
आशु जॉइनिंग की फॉरमॅलिटी पूरी करने के बाद सीधा अंकिता ठाकुर के रूम की तरफ चल दिया. वो उसका धन्यवाद करना चाहता था. जब वो कमरे में घुसा तो अंकिता अख़बार पढ़ रही थी. आशु भाग कर अंकिता के कदमो में गिर गया और उसके पैर पकड़ लिए.
"अरे ये क्या कर रहे हो कौन हो तुम और तुम्हे अंदर किसने आने दिया"
आशु ने सर नीचे झुकाए हुए कहा,"मैं आशुतोष हूँ मेडम...आप यहा ना आती तो मेरी जॉइनिंग कभी नही हो पाती."
"उठो....तुम अब एसआइ हो और ऐसे आम आदमी की तरह बिहेव मत करो वरना अभी वापिस नौकरी से निकाल दूँगी" अंकिता ने गुस्से में कहा.
आशु फ़ौरन खड़ा हो गया.
"अरे ये तो बहुत यंग है...मैने सोचा कोई काफ़ी उमर की होगी. बेकार में पाँव छू कर अपनी फ़ज़ीहत करवा ली" आशु ने सोचा.
"तुमने जॉइनिंग कर ली" अंकिता ने पूछा.
"हां मेडम" आशु ने जवाब दिया.
"जब किसी सीनियर के सामने जाओ तो हाथ पीछे रखो...क्या इतना भी नही जानते...जेब से बाहर निकालो हाथ एन्ड स्टॅंड प्रॉपर्ली" अंकिता ने कहा.
आशु ने फ़ौरन हाथ जेब से निकाल कर पीछे कर लिए, "सॉरी मेडम मेरा पहला दिन है और आप जैसी सुंदर लड़की सामने है...मेरा दीमाग नही चल रहा. आगे से ध्यान रखूँगा"
"मैं कोई लड़की नही हूँ तुम्हारी बॉस हूँ...बिहेव योरसेल्फ"
"सॉरी मेडम"
तभी चौहान अंदर आता है.
"मिस्टर चौहान इसको ट्रैनिंग पर भेज दो." अंकिता ने कहा.
"मेडम ट्रैनिंग में ये अब अगले साल ही जा पाएगा...अभी इन्स्टिट्यूट में ट्रैनिंग चालू है..और वहां जगह भी नही है" चौहान ने कहा.
"ठीक है फिर ऐसा करो इसे अपने साथ रखो और काम सिख़ाओ. इसको ट्रेन करना तुम्हारी ज़िम्मेदारी है" अंकिता ने कहा.
"मुझे अपने साथ रख लीजिए ना मेडम...मुझे लगता है आप मुझे ज़्यादा अच्छे से सीखा सकती हैं" आशु ने कहा.
"तुम्हारी राय माँगी किसी ने मिस्टर आशु. जैसा कहा है वैसा करो...तुम्हारी कोई शिकायत नही आनी चाहिए" अंकिता ने कहा.
"ओफ ये तो तीखी मिर्ची है इतनी सुंदर लड़की पोलीस में क्या कर रही है." आशु ने मन ही मन सोचा.
"यू कैन गो नाओ" अंकिता ने कहा.
आशु वही खड़ा रहा. चौहान ने उसे चलने का इशारा किया तब उसे समझ में आया कि उसे भी बाहर जाने को कहा गया है.
बाहर आ कर चौहान बोला, बर्खुरदार जॉइनिंग तो तुमने कर ली...अपनी नौकरी बच्चाए रखना चाहते हो तो एक बात ध्यान रखना. अपने सीनियर के आगे कभी ज़्यादा मूह मत खोलना. मैं भी तुम्हारा सीनियर हूँ ये भी याद रखना. अभी तुम बच्चे हो सब सीख जाओगे" चौहान ने कहा.
"आपका क्या रॅंक है?"
"मैं इनस्पेक्टर हूँ वर्दी देख कर पता नही चलता क्या"
"पता चल गया सर...पता चल गया.
तभी आशु को ध्यान आया, "अरे ये तो वही है जिसने पूजा को सड़क पर उतारा था."
"चलो तुम्हारी ट्रैनिंग शुरू की जाए...जाओ मेरे लिए चाय ले कर आओ" चौहान ने कहा.
"चाय सर?" आशु हैरानी में बोला.
पीछे से अंकिता आ रही थी उसे ये बात सुन ली
"मिस्टर चौहान मैने आशुतोष को तुम्हारे अंडर ट्रेन करने के लिए लगाया है ना कि चाय लाने के लिए." अंकिता ने रोब से कहा.
"नही मेडम आप ग़लत समझ रही हैं...मैं तो ये कह रहा था कि चलो चाय पी कर किलर वाले केस की इंक्वाइरी के लिए चलते हैं" चौहान ने कहा.
"ठीक है....मुझे रिपोर्ट देते रहना की क्या सीखा रहे हो इसे"
"जी मेडम"
"गजब की ऑफीसर हैं ये तो...इनके साथ काम करके मज़ा आएगा" आशु बड़बड़ाया.
"कयामत है ये हम सब के लिए जितना जल्दी समझ लो अच्छा है" चौहान ने आशु की बात पर रिक्ट किया.
"लेकिन बहुत खूबसूरत कयामत है...ऐसी कयामत को तो मैं हमेशा सीने से लगा कर रखूं" आशु ने सोचा.
"क्या सोच रहे हो चलो हमे इन्वेस्टिगेशन के लिए निकलना है" चौहान ने कहा.
"मेरी वर्दी सर?" आशु ने पूछा.
"अरे वर्दी भी मिल जाएगी अभी ऐसे ही चलो" चौहान ने कहा.
"जैसा आप कहें सर"