31-12-2019, 08:29 AM
(29-12-2019, 12:17 PM)@Raviraaj Wrote: सब से पहले तो प्रणाम @सुभ प्रभात कोमल जी ??
बता नहीं सकता इस खुशी को व्यक्त कैसे कर पाऊंगा ?
में आप की कहानियों ओर आप की उत्कृष्ट लेखनी का एक बहुत बड़ा पाठक हूँ ! जोरू का गुलाम Xossip पर मैने जेठानी की आप के द्वारा दुर्दशा करने तक पड़ी थी फिर अचानक वो साइट बंद हो गयी मेरे साथ साथ लाखों दिल जो आप को किसी रति किसी देवी से कम नहीं मानतें है टूट गए !
तब से आज तक आप को हर जगह ढूंढा, हर किसी से पूछा सब कुछ किया आप से पुनः जुड़ने के लिए पर सब निर्थक ही साबित हुआ !!?
24 को भगवान ने पुनः आप से मिलवा दिया है ,,कोमल जी इस खुशी को में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ बस ये आग्रह है आप इस परिवार की मुखिया है हम सब आप के परिवार के सदस्य है ओर अब कभी इतना दूर मत होना जी नहीं पाएंगे !!
मैंने इस महनीय रचना को पुनः शुरू से पढ़ना आरंभ किया है एक निवेदन है कोई पार्ट मिस मत करना वोही क्रम बनाये रखना ये कोई कहानी नहीं है ये आप की अदभुत लेखनी का एक अमूल्य संग्रह एक प्रेमग्रहंथ है !! उस कहानी की तरह पहले जेठानी फिर गुड्डी फिर समधन सब की लेना और वो भी भर पेट खिला पिला के बखीर के साथ ?????
बहुत बहुत धन्यवाद , सपोर्ट के लिए और कहानी पसंद करने के लिए भी
सच में , पुराना फोरम बंद हुए एक साल हो गए , लेकिन लगता है कल की बात है , जब अक्तुबर में यह पता लगा की ये फोरम बंद होने वाला है तो इस कहानी का अपडेट मैंने रोज पोस्ट करना शुरू किया की आज तक मैंने अपनी कोई कहानी बीच में नहीं छोड़ी , .... तो ये किसी तरह ,... कहानी का रास्ता भी मोड़ने की कोशिश की ,... और शायद अगर दिवाली तक वो फोरम चलता तो मैंने ऐसे तैसे कर के कहानी ख़तम भी कर देती , ...
बहुत लोगों ने कहा ,... जहाँ से कहानी मैंने छोड़ी है वहीँ से फिर लिखूं ,... लेकिन कहाँ से ,
बहुत से पाठक /पाठिकाओं ने आखिर पोस्ट तक नहीं पढ़ा होगा , कुछ लोग हफ्ते में कुछ दस दिन में आने वाले थे और उन्होंने शर्तिया बहुत सी पोस्ट मिस की होंगी , .... इसलिए मैंने फिर फिर तिनके तिनके जोड़ कर घोंसला बनाना शुरू किया ,... फिर मैं चाहती थी एक जगह कम से कम ये कहानी रहे , जो बाकी कहानियों से एकदम अलग है ,... और फिर फिर चित्र भी इस कहानी के अविभाज्य अंग थे ,...
और जब शुरू किया तो यहाँ तक आ पहुंची हूँ ,
और दुबारा पोस्ट करने का एक फायदा ये भी की कहानी में कुछ प्रसंग जुड़ भी जाते है , कुछ नए रंग , कुछ नयी बातें ,... थोड़ा और मिर्च मसाला ,.... तो ये मेरा प्रॉमिस , कुछ भी नहीं कटेगा , हाँ जुड़ेगा भी बस आप इस कहानी से जुड़े रहिये , ...
और हो सके तो मेरी नयी कहानी , मोहे रंग दे पर एक अदद दृष्टिपात करियेगा , ...
आप ऐसे मित्र ही इस कथा यात्रा के मेरे सहयात्री हैं , और आप के कमेंट्स, समर्थन , हुंकारी , ...
पाथेय , ....