30-12-2019, 07:17 PM
मेरी योनि से बहता हुआ पानी धीरे धीरे करके बहता हुआ मेरी झांघो तक आ गया..
आअहह……. साहिब… मार डालोगे क्या.. आराम से करो.. मेम्साब कही जाग ना जाए…
अरे वो आराम से सो रही है.. सोने दे उसके चक्कर मे तू अपने मज़े क्यू खराब कर रही है.. और तू ये मुझे साहिब कहना बंद कर दे.. मेरा नाम पीनू है मुझे पीनू कह कर बुला या अमित कह कर कर ये साहिब मत कह..
अब अमित उसके उरोज को छ्चोड़ कर थोड़ा सा नीचे को खिसक गया ओर उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ कर बैठ गया.. वो उसके जिस्म पर खिसकता हुआ नीचे की तरफ गया था जिस कारण मुझे उसका लिंग नही दिखाई दिया.. उसका मुँह खिड़की की तरफ ही था.. मैं इस बात का पूरा ध्यान रख रही थी कि कही वो मुझे देख ना ले.. पर मुझे उसका लिंग देखे का बड़ा मन कर रहा था.. क्यूकी रूपा ने जैसा आवाज़ करते हुए कहा था कि साहिब तुम्हारा तो बोहोत बड़ा है, इस लिए मैं देखना चाहती थी कि उसका लंड कितना बड़ा है.. लंड शब्द मेरे दिमाग़ मे रूपा की बात सुन सुन कर आया था.. पर उन दोनो के मुँह से लंड-चूत सुन-सुन कर मुझे मज़ा आने लगा था..
वो उसकी टाँगो के बीच मे आकर उसकी दोनो टाँगो को उसके घुटनो से मोड़ कर उसके मुँह की तरफ कर दिया.. ओर उसकी योनि को देखने लग गया.. थोड़ी देर देखने के बाद उसने अपने एक हाथ को उसकी योनि के उपर ले कर फिराना शुरू कर दिया.. रूपा अपनी योनि पर अमित का हाथ महसूस करते ही बुरी तरह से मचल उठी.. ऑर ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया मुँह से निकालने लगी..
सस्स्स्स्स्शह…….उूउउम्म्म्म………..आआअहह……………
उसकी निकलने वाली तेज तेज सांसो की आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. अंदर का सीन देख कर मेरी खुद की हालत बिगड़ती जा रही थी.. मेरा पूरा गला सूखा जा रहा था.. ऑर दोनो पैर बुरी तरह से कांप-कपा रहे थे.. मुझे अपने दोनो पैरो के बीच बोहोत कमज़ोरी महसूस होने लगी थी.. इतनी उत्तेजित तो मैं आज तक मनीष के साथ सेक्स करते हुए नही हुई थी जितनी अंदर का सीन देख कर हो गयी थी..
इसी उत्तेजना के कारण कब मेरी योनि ने अपना पानी बहा दिया.. पानी छ्चोड़ते हुए मैने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली थी ऑर खिड़की के डोर को कस कर पकड़ ल्लिया था, मेरी योनि से निकले पानी के कारण जो मेरी जाँघो पर लगा हुआ था, मुझे बड़ा अजीब सा फील हो रहा था.. मैं पानी छूट जाने से थोड़ा लड़खड़ा गयी जिस कारण खिड़की का दरवाजा बंद हो गया..
खिड़की का दरवाजा बंद होने की आवाज़ से मैने अपने आप को संभाला ऑर फुर्ती के साथ खिड़की से दूर हो गयी.. खिड़की से हट कर कुछ देर बाद जब मैने दोबारा खिड़की के अंदर झाँक कर देखा तो अमित ने उसकी दोनो टांगे हवा मे उठा रखी थी ऑर उसकी योनि पर अपना मुँह लगा रखा था…
पिनुउऊुउउ…स्शह…. आआआआआआआअहह…….. ओर ज़ोर सीईईई… ओर ज़ोर सीईईई चतो खा जऊऊ इसेसीईई … ये तुम्हारी है…. चबा दू…. रुकना मात्त्तटटतत्त…
अमित बिल्कुल डॉगी स्टाइल मे जैसे डॉगी चाट’ता है…(मैने घर के बाहर एक-दो बार कुत्ते-कुतिया को देखा है.. ) ठीक वैसे ही रूपा की योनि को चाट रहा था.. ओर रूपा भी पूरी मस्ती के साथ अपने दोनो हाथो से उसके सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबाए चले जा रही थी.. अमित को इस तरह देख कर मुझे ज़रा भी नही लगा कि उसने मुझे देख लिया होगा.. क्यूकी जिस तरह से रूपा के साथ लगा हुआ था उसे देख कर तो लग रहा था कि उसने दरवाजे की तरफ ध्यान ही नही दिया.. अमित को रूपा की योनि चाट’ता हुआ देख कर मेरे मन मे आया…. छ्चीईई कितना गंदा आदमी है वाहा भी कोई मुँह लगाने की जगह है ?
थोड़ी देर मे मे रूपा की सिसकारिया भरी आवाज़े ऑर भी तेज़ी के साथ आनी शुरू हो गयी, ऑर उसका पूरा बंदन अकड़ना शुरू हो गया.. उसने अमित का सर पकड़ कर अपनी योनि पर कस कर दबा लिया ओर ज़ोर ज़ोर से पिनुउऊुुुुउउ मैंन्न्न् गाययययययययययीीईईई करते हुए शांत हो गयी..
अमित जब उसकी दोनो टाँगो के बीच मे से उठ कर खड़ा हुआ ऑर मेरी नज़र उसके लिंग पर गयी तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.. अमित का लिंग, लिंग नही लंड या लॉडा वर्ड ही एक दम सही है.. करीब 8” के आस-पास का था.. उसका तना हुआ लिंग देख कर मैं हैरत मे पड़ गयी कि क्या सच मे लिंग इतना बड़ा ओर मोटा भी हो सकता है, जैसा इस अमित का है.. उसने अपने दोनो हाथ रूपा के दोनो उरोज पर जमा दिए..
आअहह……. साहिब… मार डालोगे क्या.. आराम से करो.. मेम्साब कही जाग ना जाए…
अरे वो आराम से सो रही है.. सोने दे उसके चक्कर मे तू अपने मज़े क्यू खराब कर रही है.. और तू ये मुझे साहिब कहना बंद कर दे.. मेरा नाम पीनू है मुझे पीनू कह कर बुला या अमित कह कर कर ये साहिब मत कह..
अब अमित उसके उरोज को छ्चोड़ कर थोड़ा सा नीचे को खिसक गया ओर उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ कर बैठ गया.. वो उसके जिस्म पर खिसकता हुआ नीचे की तरफ गया था जिस कारण मुझे उसका लिंग नही दिखाई दिया.. उसका मुँह खिड़की की तरफ ही था.. मैं इस बात का पूरा ध्यान रख रही थी कि कही वो मुझे देख ना ले.. पर मुझे उसका लिंग देखे का बड़ा मन कर रहा था.. क्यूकी रूपा ने जैसा आवाज़ करते हुए कहा था कि साहिब तुम्हारा तो बोहोत बड़ा है, इस लिए मैं देखना चाहती थी कि उसका लंड कितना बड़ा है.. लंड शब्द मेरे दिमाग़ मे रूपा की बात सुन सुन कर आया था.. पर उन दोनो के मुँह से लंड-चूत सुन-सुन कर मुझे मज़ा आने लगा था..
वो उसकी टाँगो के बीच मे आकर उसकी दोनो टाँगो को उसके घुटनो से मोड़ कर उसके मुँह की तरफ कर दिया.. ओर उसकी योनि को देखने लग गया.. थोड़ी देर देखने के बाद उसने अपने एक हाथ को उसकी योनि के उपर ले कर फिराना शुरू कर दिया.. रूपा अपनी योनि पर अमित का हाथ महसूस करते ही बुरी तरह से मचल उठी.. ऑर ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया मुँह से निकालने लगी..
सस्स्स्स्स्शह…….उूउउम्म्म्म………..आआअहह……………
उसकी निकलने वाली तेज तेज सांसो की आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. अंदर का सीन देख कर मेरी खुद की हालत बिगड़ती जा रही थी.. मेरा पूरा गला सूखा जा रहा था.. ऑर दोनो पैर बुरी तरह से कांप-कपा रहे थे.. मुझे अपने दोनो पैरो के बीच बोहोत कमज़ोरी महसूस होने लगी थी.. इतनी उत्तेजित तो मैं आज तक मनीष के साथ सेक्स करते हुए नही हुई थी जितनी अंदर का सीन देख कर हो गयी थी..
इसी उत्तेजना के कारण कब मेरी योनि ने अपना पानी बहा दिया.. पानी छ्चोड़ते हुए मैने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली थी ऑर खिड़की के डोर को कस कर पकड़ ल्लिया था, मेरी योनि से निकले पानी के कारण जो मेरी जाँघो पर लगा हुआ था, मुझे बड़ा अजीब सा फील हो रहा था.. मैं पानी छूट जाने से थोड़ा लड़खड़ा गयी जिस कारण खिड़की का दरवाजा बंद हो गया..
खिड़की का दरवाजा बंद होने की आवाज़ से मैने अपने आप को संभाला ऑर फुर्ती के साथ खिड़की से दूर हो गयी.. खिड़की से हट कर कुछ देर बाद जब मैने दोबारा खिड़की के अंदर झाँक कर देखा तो अमित ने उसकी दोनो टांगे हवा मे उठा रखी थी ऑर उसकी योनि पर अपना मुँह लगा रखा था…
पिनुउऊुउउ…स्शह…. आआआआआआआअहह…….. ओर ज़ोर सीईईई… ओर ज़ोर सीईईई चतो खा जऊऊ इसेसीईई … ये तुम्हारी है…. चबा दू…. रुकना मात्त्तटटतत्त…
अमित बिल्कुल डॉगी स्टाइल मे जैसे डॉगी चाट’ता है…(मैने घर के बाहर एक-दो बार कुत्ते-कुतिया को देखा है.. ) ठीक वैसे ही रूपा की योनि को चाट रहा था.. ओर रूपा भी पूरी मस्ती के साथ अपने दोनो हाथो से उसके सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबाए चले जा रही थी.. अमित को इस तरह देख कर मुझे ज़रा भी नही लगा कि उसने मुझे देख लिया होगा.. क्यूकी जिस तरह से रूपा के साथ लगा हुआ था उसे देख कर तो लग रहा था कि उसने दरवाजे की तरफ ध्यान ही नही दिया.. अमित को रूपा की योनि चाट’ता हुआ देख कर मेरे मन मे आया…. छ्चीईई कितना गंदा आदमी है वाहा भी कोई मुँह लगाने की जगह है ?
थोड़ी देर मे मे रूपा की सिसकारिया भरी आवाज़े ऑर भी तेज़ी के साथ आनी शुरू हो गयी, ऑर उसका पूरा बंदन अकड़ना शुरू हो गया.. उसने अमित का सर पकड़ कर अपनी योनि पर कस कर दबा लिया ओर ज़ोर ज़ोर से पिनुउऊुुुुउउ मैंन्न्न् गाययययययययययीीईईई करते हुए शांत हो गयी..
अमित जब उसकी दोनो टाँगो के बीच मे से उठ कर खड़ा हुआ ऑर मेरी नज़र उसके लिंग पर गयी तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.. अमित का लिंग, लिंग नही लंड या लॉडा वर्ड ही एक दम सही है.. करीब 8” के आस-पास का था.. उसका तना हुआ लिंग देख कर मैं हैरत मे पड़ गयी कि क्या सच मे लिंग इतना बड़ा ओर मोटा भी हो सकता है, जैसा इस अमित का है.. उसने अपने दोनो हाथ रूपा के दोनो उरोज पर जमा दिए..