30-01-2019, 04:23 PM
Update 17
अभी तक-:
राहुल बबिता को एक चोद लेने के बाद उसे गोद में बिठाकर सनी लियोनी की चुदाई की दास्तान सुनाने लगता ,उधर रमा अपनी बेटी को उसी डिस्को में देखती है जहाँ वो रवि के साथ पहुँची थी । तो घर पर राकेश तनु को पॉकेट मनी की लालच देकर राहुल को लाने के लिए भेजता है
राकेश(तनु को एटीएम देते हुए)-ज़रूर चले जाना 2000 ले लेना ज्यादा नहीं वरना मार पड़ेगी ।
तनु-पक्का चली जाऊँगी ,अब मैं जाऊं वरना शो निकल जाएगा ।
राकेश-ठीक है ।
तनु एटीएम लेकर टीवी देखने चली जाती है ।
अब आगे
इधर डिस्को में पार्टी फूल मूड में थी गरिमा और कर्ण बाहों में बाहें डाले झूम रहे थे । कर्ण कुछ उदास लग रहा था ।
गरिमा-कर्ण तुम अभी भी उदास हो ,मुझे लगा था यँहा आकर तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा ।
कर्ण-हम्म मन उदास है यह सोचकर कि किन्हीं तुम मुझे छोड़ न दो ।
गरिमा-तुम मेरे प्यार पर शक करना कब बन्द करोगे ?
कर्ण(गरिमा के होंठ चूमते हुए)-शक कैसे न करूँ ? तुम मेरे परिवार से मिल चुकी हो वो तुम्हें अपनी बहू मान चुके हैं पर तुमने अभी मुझे अपने घरवालों से मिलवाया तक नहीं है ,मिलवाना तो दूर तुमने तो उन्हें अभी तक हमारे बारे में बताया तक नहीं है ।
गरिमा (वो देखती है कि एक मॉडल सी देखने वाली लड़की उसे घूर रही है )-कर्ण तुम तो जानते हो मेरे परिवार में एक उम्र से पहले ....वो उस लड़की की घूरती नज़रों से परेशान हो जाती है...
कर्ण-क्या हो गया गरिमा बात तो पूरी करो ।
गरिमा- वो देखो उस टेबल पर बैठी लड़की मुझे घूरे जा रही है ।
कर्ण- तुम हो ही इतनी सुन्दर कोई भी तुमसे जलन कर बैठेगी । वैसे वो रवि चाचा के साथ है शायद मैंने उनदोनों को पार्किंग में देखा था । वो देखो रवि चाचा भी आ गए ....चल के मिलते हैं नहीं तो चाचा बुरा मान जाएंगे ।
गरिमा-ठीक है । मैं ठीक तो लग रही हूँ न ?
कर्ण-एक दम परफेक्टली हॉट एन्ड सेक्सी लग रही हो ।
कर्ण और गरिमा को देखकर रवि आगे आकर उनसे मिलता है ।
रवि-लव बर्ड्स को आखिर फुरसत मिल ही गयी चाचा के लिए । लो इनसे मिलो यह हैं दिया और तुम्हारी होने वाली चाची ।
गरिमा-चाचा इस बार लगता है आप भी पड़ गए प्यार के चक्कर में....हेलो दिया । दिया(रमा)उठकर गरिमा के गले लगती है तो गरिमा को अजीब सी गर्मी का एहसास होता है बिल्कुल वैसी ही गर्मी का जैसे बच्चों को माँ के आग़ोश में होता है । गरिमा के चेहरे पर हैरानी भरी लकीरें उभर आती है ।
दिया(रमा)- गरिमा ,कुछ अपसेट(परेशान) हो ?
गरिमा-नहीं बस ऐसे लगा कि मैं अपनी माँ के गले लग रही हूँ ।
रवि(बात संभालते हुए)- चाची अभी हुई नहीं है और तुमने माँ भी बना लिया ।
कर्ण-यह तो अपने परिवार से इतना डरती है कि हर जगह इसे मम्मी पापा नज़र आते हैं । चारों बैठ जाते हैं ...रमा रवि के साथ और गरिमा कर्ण के साथ ।
गरिमा(थोड़ा गुस्से से)-कर्ण तुम फिर शुरू हो गए ।
रवि- लगता है क्लोड वॉर चल रही है ....हाहाहा...भाई हमें भी बताओ क्या बात है ।
गरिमा-कुछ नहीं चाचू इसकी तो आदत है बस मुझे चिढ़ाने की इसे भी मेरे जैसी नॉर्मल फैमिली मिली होती तो पता चलता ।
दिया(रमा)(उसे अपनी बेटी की बात चुभ जाती है वो सोचती है कि इतने नाज़ों से पाला है इसे और यह हमारी बुराई कर रही है)- यह तो टीन ऐज का असर है । बट मैटर क्या है ?
रवि-भाई बताओ भी हो सकता है हम बूढे ही तुम्हारे कुछ काम आ जाएं ।
कर्ण-चाचू कुछ नहीं बस यह डरपोक है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं है ।
कर्ण-ऐसा ही है ।
गरिमा-ई हेट यु ।
दोनों कि नोक-झोंक देखकर रमा और रवि एक दूसरे को देखते हैं और उनकी हँसी निकल जाती है ।
दिया(रमा)- डोंट फाइट प्लीज़ वरना हमें लगेगा हमारी वजह से आप दोनों का झगड़ा हो गया ।
कर्ण- सॉरी दिया जी ।
दिया- सॉरी कहने काम नहीं चलेगा अब तो बताना पड़ेगा कि आप इतनी प्यारी सी गरिमा के साथ क्यों लड़ रहें हैं ।(कहने के बाद उसे ध्यान आता है कि अभी तक गरिमा और कर्ण ने अपने नाम नहीं बताए थे वा रवि की तरफ देखती है)
गरिमा- आपको मेरा नाम कैसे पता है ?
रवि- भई जब तुम नाच रहे थे तो दिया को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था । गरिमा बात मत बदलो चलो बताओ कि ये शैतान तुमसे क्यों लड़ रहा था ।
गरिमा- चाचू यह कह रहा है मुझे अपनी फैमिली से मिलवाओ , और मैं यह नहीं कर सकती ।
कर्ण(बीच में बोल पड़ता है)- चाचू आप तो जानते हैं कि मेरी फैमिली इसे घर का मेंबर ही मान चुके हैं ।और इसे देखो ।
रवि-गरिमा मिलवाने में क्या दिक्कत है मिलवा दो ।
दिया(कर्ण की बात सुनकर उसके अंदर की माँ को शांति मिल जाती है , कितना समझदार लड़का है वो सोचती है....और इस बेफकूफ लड़की को देखो मिलवाने में भी डर रही है)- मिलवाने से तो रिलेशन और स्ट्रांग होगा , काश ऐसा लड़का मुझे.....मेरा मतलब हर लड़की को मिले ।
कर्ण-थैंक्स दिया जी ।
रवि-भाई चाची को ही पटा लिया ....हाहाहा।
कर्ण- चाचू आप कुछ भी कहते हो । दिया जी चाचू की शांति के लिए क्या मैं आपको चाची बुला सकता हूँ ?
दिया-मुझे अच्छा लगेगा अगर तुम मुझे चाची कहोगे तो ।
गरिमा-कर्ण (इतेफाक से एक साथ एक ही वाक्य बोल पड़ते हैं)- चाची आप ही इसे समझाओ न ।
दिया- परिवार से मिलवाने में कोई प्रॉब्लम तो मुझे नहीं दिखाई देती ।
गरिमा(थोड़ा शर्माते हुए)-इसे तो बस लाइसेंस चाहिए वो सब करने का ।
दिया-वो सब ?
रवि-मुझे तो लगा था अभी तक ....
कर्ण-सब हो चुका उस चीज़ का बहाना बनाकर यह मुझे बदनाम कर रही है ।
दिया(रमा को समझ नहीं आ रहा था कि किस चीज़ की बात हो रही है ...वो सोच भी नहीं सकती थी कि गरिमा सेक्स कर चुकी होगी)- किस चीज़ के बारे में बात हो रही है ।
रवि(रमा के कान में)- चुदाई की बात कर रहें है ।
रमा(रवि के कान में फुसफुसाती है)-प्रेग्नेंसी हो गयी तो ?
गरिमा-मेरा मज़ाक उड़ाया जा रहा है ?
रवि- नहीं नहीं तुम्हारी चाची पूछ रही थी कि प्रोटेक्शन यूज़ करते हो कि नहीं ।
गरिमा( कंडोम तो इसके टोपे को भी कवर नहीं कर पाता मुझे ही गोली लेनी पड़ती है ...वो मन सोचती है )-हम्म करते हैं ।
दिया-रवि और कर्ण बुरा मत मानना मुझे गरिमा से कुछ फीमेल्स वाली बात करनी है तो तुम दोनों क्या कुछ देर के लिए ....
कर्ण-हाँ हाँ चाची आप बात करो हम घूम आते है कुछ देर मुझे भी चाचू से कुछ बात करनी थी ।
रवि और कर्ण के चले बाद दिया यानी रमा गरिमा के बगल में बैठ जाती है ।
गरिमा-आपने उन्हें क्यों भेज दिया ?
दिया-क्योंकि मुझे तुमसे बात करनी थी ,तुम्हें देखते ही मैं तुमको बहन जैसा प्यार करने लगी हूँ ।
गरिमा-मैं भी जब आपसे गले लगी थी तो ऐसा लगा था मानो मैं आपको बरसों से जानती हूं ।
दिया-तो अपनी बहन को बताओ कि सेक्स (अपनी बेटी के सामने सेक्स शब्द का प्रयोग करते हुए रमा का बदन उतेजना से कांप जाता है) करते समय कर्ण कंडोम का प्रयोग करता है कि नही ।
गरिमा- कँहा चाची आपको तो पता इन सबका साइज ...मुझे ही टेबलेट लेनी पड़ती है ।
रमा-बहुत बड़ा है क्या उसका?
गरिमा-चाचू का नहीं है क्या ?
रमा- तुम्हें रवि का साइज पता है ?
गरिमा-आप न समझी नहीं इन सब का फैमिली साइज ही ऐसा है ।
रमा-हम्म वो तो पता है....तुम्हें परेशानी तो नहीं होती ?
गरिमा- लगता है चाचू काफी वाइल्ड सेक्स करते हैं ।
रमा(शर्मा जाती है)- तुम उसके साइज से खुश तो कहीं इसी वजह से तो उसे अपनी फैमिली से नहीं मिलवाना चाहती , मैंने बड़े साइज के कारण होने वाले डिवोर्स के बारे सुना है ।
गरिमा-नहीं ...नहीं वो प्रॉब्लम नहीं ...उसमें तो बड़ा मजा आता है । और उसे फैमिली के साथ तो इसलिए नहीं मिलवा रही क्योंकि मेरी मोम बड़ी सख्त हैं आज झूठ बोला कि सहेली के घर जाना है तब भी आने नहीं दे रहीं थी ....लेकिन यह तो मम्मी का प्यार है वो केअर करती है ना कॉलेज में हो जाऊं फिर उनसे बात करूँगी ।
दिया(रमा)- हम्म यह तो है । हर माँ को बेटियों की चिंता तो होती ही है ।अच्छा अपने पीरियड्स के दिनों में क्या करती हो ?
गरिमा-ओरल और क्या आप नहीं करती क्या ?
रमा(इस छोटी सी उम्र कैसी चुड़कड हो गयी है , चूसने भी लगी है और एक मैं हूँ जिसे आधी उम्र बीत जाने के बाद मौका मिला है वो सोचती है और उसे यह सोचकर हँसी आ जाती है वो अपनी बेटी से जलन करने लगी है)-ओरल तो रवि को भी बहुत पसंद है और मुझे भी इसलिए हम तो हमेशा करते हैं ।
गरिमा-आपको पहले कभी नही देखा ?
दिया-हम्म कुछ दिन पहले ही न्यूयॉर्क से इंडिया आई हूँ ।
गरिमा-वाओ नाइस प्लेस । मेरा भी बड़ा मन है पेरिस और न्यूयॉर्क जाने का ।
दिया-इस बार मेरे साथ चलना ।
गरिमा-थैंक्स ,अगर मम्मी को मना पाई तो ।
दिया(गरिमा को टटोलने की कोशिश करती है)-कोई बहाना बना कर भी तो चल सकती हो ।
गरिमा-चल तो सकती हूँ लेकिन मम्मी से इतना बड़ा झूठ नहीं बोल सकती ,कर्ण से मिलने आना होता है तो झूठ बोलती हूँ वो भी मुझे बड़ा बुरा लगता है काश मैं मम्मी को सच बता पाती ।
दिया(रमा गरिमा की बात सुनकर इतनी खुश हो जाती है कि एक पल के लिए वो भूल जाती है कि वो माँ के रूप में उससे बात नहीं कर रही)- आह.. मेरी प्यारी बेटी । ध्यान आने पर वो अपनी गलती सुधारती है ....चाची भी तो माँ जैसी ही होती है ।
गरिमा-लेकिन आप चाची नही मेरी दोस्त हो ।अच्छा अपना नंबर तो दो आपसे बात किए बिना अब मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ।
रमा(बहाना बनाती है)-अभी तो इंडिया में शिफ्ट हुई हूँ , नंबर लिया ही नहीं ।
गरिमा-कोई बात नहीं आप मेरा नम्बर ले लो और बाद में मुझे मेसेज कर देना , कर देना भूल मत जाना ।
इधर मां बेटी की अनोखी मुलाकात चल रही थी तो दूसरी तरफ तनु पॉकेट मनी की लालच में राहुल की लाने घर से निकल रही थी ।
तनु ने पहले एटीएम से पैसे निकाले और फिर बबिता के घर की तरफ चल पड़ी । बबिता के घर के गेट के अभी वो अंदर भी नहीं थी कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई देने लगी ।
बबिता-चूसते -2 थक गई मैं ...तेरा तो निकलता ही नहीं
राहुल- अरे ये तो शुरूआत है.. निकलेगी क्रीम जिसे तू हमेंशा पी जाती है.. तू बस चूसती रह।
बबिता-ऐसा मूसल लौड़ा नहीं देखा मैंने आज तक 15 मिनट से चूस रही हूँ होंठ दर्द करने लग गए ।
"यह बबिता के घर से कैसी आवाज़ें आ रही हैं कौन किसका चूस रही है ...क्या बबिता उस बुद्धू का .....नहीं नहीं.....तो उसके सामने ही ....पक्का कमीनी ने काम पे लगा रखा होगा उसे....चुपचाप चाबी वाले छेद से देखती हूँ" तनु मन में सोचती है और झुककर चाबी के छेद से अंदर का नज़ारा देखकर दंग रह जाती है पर दिक्कत यह थी कि वो लड़के का चेहरा नहीं देख पा रही थी बबिता जो ज़मीन पर बैठे एक विशाल काय लन्ड को चूस रही थी उसका चेहरा तो साफ-2 नजर आ रहा था पर लड़के का नहीं वो उसको केवल छाती तक देख पा रही थी ।"ओह माय गॉड कितना बड़ा लन्ड है ,बबिता की बाजू जितना लम्बा मोटा तो उससे भी ज्यादा" तनु मन में सोचती है ।
बबिता सीधे जाकर उस व्यक्ति के खड़े लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।
व्यक्ति- आह.. रानी तू तो बड़ी समझदार है आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कूद रानी मेरे लंड पे कूद आह.. कर दे इसको अपनी चुत में गायब आह.. उहह ले आह.. ले पूरा खा ले।
अब वो बंदा भी अब नीचे से झटके मारने लगा था और बबिता गांड को ऊपर-नीचे करके मज़ा ले रही थी। अब कमरे में दोनों की आहें गूँजने लगी थीं और चुदाई का तूफान जोरों पे था। बबिता हर धक्के पर एक एक फुट ऊपर उछल रही थी।
इधर बबिता की चुदाई का नज़ारा देखकर तनु भी गर्म होने लगी थी इससे पहले उसे लाइव चुदाई देखने का मौका नहीं मिला था । उसके बदन में अजीब सा कसाव आता जा रहा था उसे अपने निप्पल कसते हुए महसूस हो रहे थे । वो पोर्न फिल्मों में हब्शियों के लन्ड देखती तो सोचती थी कैसे लेती होंगी लड़कियां इतने बड़े लन्ड पर अब वो लाइव देख रही थी ।
बबिता- आह.. राजा आह जोर से आह.. काश मेरी शादी तेरे से हो जाये आह.. मज़ा आ जाता आह.. कब से प्यासी थी में आह.. आज अपने मेरी चुत को तृप्त कर दिया आह.. आह..आह...आज इस मज़े के कारण जान निकल जायेगी.....आह..
बबिता की बातें उस अनजान शख्स का जोश बड़ा रही थी , तनु देख रही थी कि कैसे उस शख्स के धक्कों की रफ्तार बढ़ती जा रही और बबिता के स्तनों को कभी मसल रहा है तो कभी चूस रहा है । तनु अनजाने में ही एक हाथ से अपने मोटे गोल मम्मों को मसलने लगी थी तो दूसरे हाथ से अपनी लेग्गिंग के ऊपर से चूत सहला रही थी । "राहुल....यह....राहुल है क्या ....ऐसा लन्ड....उफ्फ कितना सुंदर है ....नहीं नहीं यह वो नहीं हो सकता ...." तनु के विचार इधर उधर भटक रहे थे ।
कुछ मिनट ये चुदाई चली, उस व्यक्ति के तगड़े लंड के दमदार झटके मोना की चुत सह नहीं पाई और उसकी चुत का बाँध टूट गया.. वो लंबी साँसें लेते हुए झड़ने लगी। बबिता तो ठंडी हो गई.. मगर उस अनजान मर्द के लंड का जोश तो वैसा का वैसा ही था। अब बबिता को लंड की चोट बर्दाश्त नहीं हो रही थी.. नहीं रे जालिम रुक जा..बस कर ...आह...मर जाऊंगी रे ....रुक जा
व्यक्ति-साली राँड़ खुद तो झड़ गयी मेरा लन्ड कौन ढीला करेगा ।
बबिता झट से लंड से उठ गई और फ़ौरन लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। "मैं करूँगी न इस खूंटे को ढीला"
खूंटा शब्द तनु के कानों में पड़ा और वो सोचने लगी "हाँ ...बिल्कुल खूँटे जैसा ही तो है ....राहुल का ..." उसने अपनी सोच को रोक लिया ।
राहुल(तनु अभी भी उसका चेहरा नहीं देख पा रही थी)- आह साली छिनाल आह.. ये क्या किया चुत में मज़ा आ रहा था.. उफ़ चूस साली चूस आह.. अब तुझे घोड़ी बना के ऐसे शॉट मारूँगा आह.. तू क्या याद करेगी।
"काश कोई ऐसे ही लन्ड वाला मुझे घोड़ी बना के शॉट मारता" तनु ने अपना हाथ अपनी लेग्गिंग में डालते हुए सोचा ।उसकी चूत पर चींटियां काट रही थी और इन चींटियों को लन्ड रूपी साँप की ज़रूरत थी पर उसके पास उंगलियों के सिवा कुछ नहीं था ।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद शायद बबिता समझ गई कि ये लंड मुँह से नहीं चुत से ही ठंडा होगा तो वो घोड़ी बन गई और कुतिया की तरह अपनी मोटी गाँड़ हिलाते हुए बोली आह.. ले आह.. कर ले अपना अरमान पूरा आह.. ले तेरी घोड़ी तैयार है आजा चढ़ जा!
वो खड़ा हुआ और बबिता के पीछे जाकर लंड को चुत पे सैट किया फिर बबिता की कमर को कस के पकड़ के एक जोरदार धक्का मारा तो पूरा लंड एक ही बार में बबिता की चुत में जड़ तक समा गया।बबिता का मुँह खुल गया ।
बबिता- आआईइ रे जालिम मार डाला रे.. उफ़ आह.. किन्हीं भागी जा रही थी कि मैं जो इतनी बेहरहमी तूने एक ही बार में पेल दिया ,आज तो बरसों की चुदाई आपने एक ही रात में कर दी आह.. आ उफ़फ्फ़ मारो आह.. और धक्के मार आह.. आ.....
तनु देख रही थी बबिता की हिम्मत जवाब दे रही है पर वो आदमी तो जैसे मशीन था उसने अब स्पीड से बबिता की चुत में लंड पेल रहा था बबिता के मोम्मे तेज़ी हवा में झूल रहे थे वो वहशी जानवर की तरह उसे चोदता रहा था और साथ में अपनी उंगली से बबिता की गांड का भी मुआयना कर रहा था- आह.. ले साली रांड आह.. तेरी गांड तो बहुत कसी हुई लगती है आह.. लगता किसी ने इसको ज़्यादा नहीं चोदा होगा।
बबिता- आह.. ऑउच नहीं जान...मेरे राजा.. उफ़फ्फ़ प्लीज़ तुम बस चुत से ही संतुष्ट हो जाओ.. आह.. गांड नहीं ये मूसल झेल नहीं पाएगी।
अनजान आदमी(मतलब की राहुल) - क्यों रानी आह.. ले दुनिया में कोई चुत और गांड ऐसी नहीं बनी जो लंड ना ले सके.. रानी भगवान ने ये बनाई ही चुदाई के लिए है आह.. ले आह आह ले..वो अब बहुत तेज झटके मारने लगा था ..वो धक्के लगाए जा रहा था और बबिता को ओर्गास्म आने ही वाला था , ये देखकर उस आदमी ने उसे तड़पाने के लिए अचानक धक्के लगाना बंद कर दिया.
बबिता चिल्लाई , “ यू बास्टर्ड , धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ , आई ऍम कमिंगम्मींगगगग ….फक मी …….चोदो मुझे …कमीने तुम शुरू से मुझे चोदना चाहते थे …अब रुक क्यूँ गये…….ओइईईईई..आह……ओइइ…माआअ…”
"साले चोद अब तेरी फट गई क्या" तनु तेज़ी से अपनी चूत मसलते हुए बुदबुदाई ।
पर उस व्यक्ति ने बबिता को तड़पाना जारी रखा वो अपना लौकी जैसा लम्बा और मोटा लन्ड कुतिया बनी बबिता के नितम्बो के बीच धीरे-2 रगड़ते हुए बोला " तो तेरी गाँड़ का उद्घाटन कर दूँ मेरी जान ,मेरी राँड़"
बबिता- प्लीज़ मत तड़पाओ न डाल दो जँहा भी डालना है ....ई वांट दैट बिग डिक ।
तनु देख रही थी उस मर्द के लन्ड की नसें उभर आईं थीं शायद वो भी झड़ने वाला था तनु साँसे रोके देख रही थी कि आगे क्या होगा .....उस आदमी ने अपने मोटे बैगन जैसे टोपे को बबिता की गुदा पर सेट कर दिया और अपने बड़े-2 हाथों से बबिता की कमर पकड़ते हुए अपने भारी कुहलों को ज़ोर से उचका दिया वो भयंकर लन्ड बबिता की गाँड़ में लगभग आधा अन्दर घुस गया ।
"आह....ऊऊऊऊ.....माँ........ मर... गई रे....कितना मोटा है रे....आह" बबिता इतने ज़ोर से चिल्लाई की तनु को उसकी चीख साफ -2 सुनाई दी । बबिता ने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से सोफ़े को पकड़ लिया ।
उस खूँटे जैसे लौड़े वाले आदमी ने अब धीरे-धीरे अपना मूसल अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था और लय में आ रहा था तनु देख रही थी वो मूसल लन्ड हर धक्के के साथ बबिता की गाँड़ में और गहरा उतरता जा रहा था ।
बबिता- आह आह आह ..साले.. बहुत दर्द हो रहा है, उफ़फ्फ़… जलन होने लगी है एयेए और मत डालना आह.. पहले इतने से ही कर।
वो समझ गया कि अभी भी बबिता की गांड बहुत टाइट है और कुछ डर की वजह से बबिता ने कर रखी है। वो अब आधे लंड को ही अन्दर-बाहर कर रहा था।
"साले चोद न भोसड़ा बना दे इसकी गाँड़ को ...उफ्फ क्या जानदार लन्ड है" तनु अपनी चूत को तेजी से रगड़ते हुए सोच रही थी वो इस समय तक पूरी गर्म हो चुकी थी उसे होश भी नहीं था कि वो बबिता के घर के बाहर है और सड़क से आते जाते लोग उसे देख सकते हैं वैसे रात के अंधेरे ने उसको अजनबी नज़रों से बचा रखा था ।
बबिता कराह रही थी मगर धीरे-2 दर्द कम हो रहा था। फिर वो बड़े आराम से लंड को हिला रहा था।
करीब 5 मिनट तक वो धीरे-धीरे गांड को चोदता रहा। अब बबिता का दर्द भी कम हो गया था तो उसने ने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी। अब हर धक्के के साथ वो लंड को थोड़ा आगे कर देता और इसी तरह 10 मिनट की चुदाई में पूरा लंड गांड में समा गया और बबिता को बस मामूली दर्द हुआ। बबिता को तो जब पता चला जब उसकी की गोटियाँ उसकी जाँघ से टकराईं कि काका ने पूरा लंड गांड में घुसा दिया।
बबिता- आह.. वाह.. पूरा चला गया आह.. पता भी नहीं चला आह.. आप बहुत अच्छे हो काका आह.. चोदो अब आह.. जोर से करो आह.. अब मज़ा आने लगा है।
"साली राँड़ कैसे मज़े से पूरा ले गयी" तनु अपने मोम्मों को दबाते हुए खुद से बोली। लेकिन उतेजना वश शायद उसकी आवाज कुछ ऊंची थी क्योंकि राहुल ने उसकी आवाज़ सुन ली थी।
राहुल पर अब जैसा दोहरा भार आ गया था एक तो वो अपने चरम पर पहुँच रहा था दूसरा वो तनु को हब्शी चुदाई दिखना चाहता था वो फुल जोश में आ गया ,अब उसने ने बबिता की कमर को कस कर पकड़ लिया और चुत में उंगली करते हुए उसकी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगा।
बबिता अब उत्तेजित हो गई थी, उसकी चुत भी गर्म हो गई थी। उसने राहुल से कहा- थोड़ी देर मेरी चुत में लंड डाल दो.. बड़ी आग लगी हुई है...जल रही है ।
राहुल फुल स्पीड से लंड को अन्दर-बाहर करने करने लगा। बबिता भी गांड हिला-हिला कर उसका साथ देने लगी।
वो कभी बबिता की चुत में लंड घुसेडता… कभी उसकी की गाँड़ में, इस तरह तनु को एक अलग ही सीन देखने को मिल रहा था और इस घमसान चुदाई का अंत अब करीब था।
बबिता- आह जोर करो… उफ़फ्फ़ आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई आह… आह फास्ट ऊउउ आआ ससस्स और तेज आह…
राहुल ने मोना को रेल बना दिया और वो झड़ गई। राहुल ने उसकि चूत से लंड निकालकर फिर गाँड़ में घुसा दिया…
बबिता- उननम उम्म्म आह सस्स आह… तू इंसान नहीं जानवर है ... आह मर गई आह… उईईइ उईईइ मत....कर...रुक जा ....धीरे से क्क्क…करो आह....
राहुल ने पूरी ताक़त लगा दी और कमर को तेज़ी से हिलाने लगा। उनके लंड से वीर्य की बौछार शुरू हो गई और बबिता की जलती गांड को काका के रस ने थोड़ा सुकून दे दिया।
इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे....बबिता ...राहुल....और तनु...।
राहुल को एहसास था कि बाहर कोई है....उसने अपनी दिव्य शक्ति से देखा तनु दरवाजे के सहारा लेकर बैठी बुरी तरह हाँफ रही थी । वो डर गया कि तनु ने उसे बबिता के साथ देख लिया होगा ...अब वो उसे कभी नहीं अपनाएगी ....वो उसके दिमाग को पढ़ने लगा " उफ्फ कितना बड़ा था उसका लन्ड ...और बिल्कुल हब्शियों सा सेक्स कर रहा था....राहुल?....नहीं मैंने उसकी शक्ल तो देखी नहीं ...लेकिन राहुल घर पर भी तो नहीं था...." तनु सोच रही थी । और उसकी उलझन ने राहुल को बचने का मौका दे दिया था । उसने चित निढाल पड़ी बबिता को चूमा और कपड़े पहनकर अपनी किताबों को उठाया और पीछे की खिड़की से कूदकर बाहर निकल आया और कुछ ही सेकण्ड्स में वो अपने कमरे में था ।
वो चादर ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा पर उसका दिमाग अभी भी तनु पे लगा हुआ था ,तनु कोई 10 मिनट बाद घर पहुँची । मेन गेट खुलने के कारण राहुल को उसके आने का पता चला । तनु की कामुकता का बुखार अब उतर चला था एक बार फिर वो बिना किसी कारण राहुल के प्रति नफरत से भरती जा रही थी ।
राहुल उसके दिमाग को पढ़ रहा था "यँहा तो लल्लू बनता है और यह कारनामे हैं इस लड़के के माँ को बताऊंगी.....उफ्फ..कितनी बड़ी गलती कर दी बबिता के घर पर ही रँगे हाथों पकड़ लेना चाहिए था .....लेकिन अगर वो वँहा न होता तो...उसके कमरे में चेक करती हूँ"
राहुल ने चैन की साँस ली वो भी यही चाहता था कि तनु उसे कमरे में देख ले और उसका शक दूर हो जाए ।
तनु(उसने राहुल को सोते देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया)- तू कब आया घर ?
राहुल(जागने का नाटक करते हुए)- क्या हुआ सोने दे मुझे ...हमेंशा मुझपर चिल्लाती रहती है ।
तनु(उसका गुस्सा न जाने क्यों और बढ़ गया था)- मैं पूछ रही हूँ तू घर कब आया ?
राहुल-दो घण्टे पहले ।
तनु-मुझे बताया क्यों नहीं ?
राहुल( तनु की खूबसूरती को निहारते हुए , वो गुस्से में और सुंदर लग रही थी)-कोई भी घर पर नहीं था ,मुझे लगा तू माँ के साथ गयी है ।
तनु अपने कमरे में तो आ गयी पर न जाने क्यों उसका दिल कह रहा था कि वो आदमी राहुल ही था जो बबिता को चोद रहा था.....वो काफी देर तक करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई ।
To be continued....
अभी तक-:
राहुल बबिता को एक चोद लेने के बाद उसे गोद में बिठाकर सनी लियोनी की चुदाई की दास्तान सुनाने लगता ,उधर रमा अपनी बेटी को उसी डिस्को में देखती है जहाँ वो रवि के साथ पहुँची थी । तो घर पर राकेश तनु को पॉकेट मनी की लालच देकर राहुल को लाने के लिए भेजता है
राकेश(तनु को एटीएम देते हुए)-ज़रूर चले जाना 2000 ले लेना ज्यादा नहीं वरना मार पड़ेगी ।
तनु-पक्का चली जाऊँगी ,अब मैं जाऊं वरना शो निकल जाएगा ।
राकेश-ठीक है ।
तनु एटीएम लेकर टीवी देखने चली जाती है ।
अब आगे
इधर डिस्को में पार्टी फूल मूड में थी गरिमा और कर्ण बाहों में बाहें डाले झूम रहे थे । कर्ण कुछ उदास लग रहा था ।
गरिमा-कर्ण तुम अभी भी उदास हो ,मुझे लगा था यँहा आकर तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा ।
कर्ण-हम्म मन उदास है यह सोचकर कि किन्हीं तुम मुझे छोड़ न दो ।
गरिमा-तुम मेरे प्यार पर शक करना कब बन्द करोगे ?
कर्ण(गरिमा के होंठ चूमते हुए)-शक कैसे न करूँ ? तुम मेरे परिवार से मिल चुकी हो वो तुम्हें अपनी बहू मान चुके हैं पर तुमने अभी मुझे अपने घरवालों से मिलवाया तक नहीं है ,मिलवाना तो दूर तुमने तो उन्हें अभी तक हमारे बारे में बताया तक नहीं है ।
गरिमा (वो देखती है कि एक मॉडल सी देखने वाली लड़की उसे घूर रही है )-कर्ण तुम तो जानते हो मेरे परिवार में एक उम्र से पहले ....वो उस लड़की की घूरती नज़रों से परेशान हो जाती है...
कर्ण-क्या हो गया गरिमा बात तो पूरी करो ।
गरिमा- वो देखो उस टेबल पर बैठी लड़की मुझे घूरे जा रही है ।
कर्ण- तुम हो ही इतनी सुन्दर कोई भी तुमसे जलन कर बैठेगी । वैसे वो रवि चाचा के साथ है शायद मैंने उनदोनों को पार्किंग में देखा था । वो देखो रवि चाचा भी आ गए ....चल के मिलते हैं नहीं तो चाचा बुरा मान जाएंगे ।
गरिमा-ठीक है । मैं ठीक तो लग रही हूँ न ?
कर्ण-एक दम परफेक्टली हॉट एन्ड सेक्सी लग रही हो ।
कर्ण और गरिमा को देखकर रवि आगे आकर उनसे मिलता है ।
रवि-लव बर्ड्स को आखिर फुरसत मिल ही गयी चाचा के लिए । लो इनसे मिलो यह हैं दिया और तुम्हारी होने वाली चाची ।
गरिमा-चाचा इस बार लगता है आप भी पड़ गए प्यार के चक्कर में....हेलो दिया । दिया(रमा)उठकर गरिमा के गले लगती है तो गरिमा को अजीब सी गर्मी का एहसास होता है बिल्कुल वैसी ही गर्मी का जैसे बच्चों को माँ के आग़ोश में होता है । गरिमा के चेहरे पर हैरानी भरी लकीरें उभर आती है ।
दिया(रमा)- गरिमा ,कुछ अपसेट(परेशान) हो ?
गरिमा-नहीं बस ऐसे लगा कि मैं अपनी माँ के गले लग रही हूँ ।
रवि(बात संभालते हुए)- चाची अभी हुई नहीं है और तुमने माँ भी बना लिया ।
कर्ण-यह तो अपने परिवार से इतना डरती है कि हर जगह इसे मम्मी पापा नज़र आते हैं । चारों बैठ जाते हैं ...रमा रवि के साथ और गरिमा कर्ण के साथ ।
गरिमा(थोड़ा गुस्से से)-कर्ण तुम फिर शुरू हो गए ।
रवि- लगता है क्लोड वॉर चल रही है ....हाहाहा...भाई हमें भी बताओ क्या बात है ।
गरिमा-कुछ नहीं चाचू इसकी तो आदत है बस मुझे चिढ़ाने की इसे भी मेरे जैसी नॉर्मल फैमिली मिली होती तो पता चलता ।
दिया(रमा)(उसे अपनी बेटी की बात चुभ जाती है वो सोचती है कि इतने नाज़ों से पाला है इसे और यह हमारी बुराई कर रही है)- यह तो टीन ऐज का असर है । बट मैटर क्या है ?
रवि-भाई बताओ भी हो सकता है हम बूढे ही तुम्हारे कुछ काम आ जाएं ।
कर्ण-चाचू कुछ नहीं बस यह डरपोक है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं है ।
कर्ण-ऐसा ही है ।
गरिमा-ई हेट यु ।
दोनों कि नोक-झोंक देखकर रमा और रवि एक दूसरे को देखते हैं और उनकी हँसी निकल जाती है ।
दिया(रमा)- डोंट फाइट प्लीज़ वरना हमें लगेगा हमारी वजह से आप दोनों का झगड़ा हो गया ।
कर्ण- सॉरी दिया जी ।
दिया- सॉरी कहने काम नहीं चलेगा अब तो बताना पड़ेगा कि आप इतनी प्यारी सी गरिमा के साथ क्यों लड़ रहें हैं ।(कहने के बाद उसे ध्यान आता है कि अभी तक गरिमा और कर्ण ने अपने नाम नहीं बताए थे वा रवि की तरफ देखती है)
गरिमा- आपको मेरा नाम कैसे पता है ?
रवि- भई जब तुम नाच रहे थे तो दिया को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था । गरिमा बात मत बदलो चलो बताओ कि ये शैतान तुमसे क्यों लड़ रहा था ।
गरिमा- चाचू यह कह रहा है मुझे अपनी फैमिली से मिलवाओ , और मैं यह नहीं कर सकती ।
कर्ण(बीच में बोल पड़ता है)- चाचू आप तो जानते हैं कि मेरी फैमिली इसे घर का मेंबर ही मान चुके हैं ।और इसे देखो ।
रवि-गरिमा मिलवाने में क्या दिक्कत है मिलवा दो ।
दिया(कर्ण की बात सुनकर उसके अंदर की माँ को शांति मिल जाती है , कितना समझदार लड़का है वो सोचती है....और इस बेफकूफ लड़की को देखो मिलवाने में भी डर रही है)- मिलवाने से तो रिलेशन और स्ट्रांग होगा , काश ऐसा लड़का मुझे.....मेरा मतलब हर लड़की को मिले ।
कर्ण-थैंक्स दिया जी ।
रवि-भाई चाची को ही पटा लिया ....हाहाहा।
कर्ण- चाचू आप कुछ भी कहते हो । दिया जी चाचू की शांति के लिए क्या मैं आपको चाची बुला सकता हूँ ?
दिया-मुझे अच्छा लगेगा अगर तुम मुझे चाची कहोगे तो ।
गरिमा-कर्ण (इतेफाक से एक साथ एक ही वाक्य बोल पड़ते हैं)- चाची आप ही इसे समझाओ न ।
दिया- परिवार से मिलवाने में कोई प्रॉब्लम तो मुझे नहीं दिखाई देती ।
गरिमा(थोड़ा शर्माते हुए)-इसे तो बस लाइसेंस चाहिए वो सब करने का ।
दिया-वो सब ?
रवि-मुझे तो लगा था अभी तक ....
कर्ण-सब हो चुका उस चीज़ का बहाना बनाकर यह मुझे बदनाम कर रही है ।
दिया(रमा को समझ नहीं आ रहा था कि किस चीज़ की बात हो रही है ...वो सोच भी नहीं सकती थी कि गरिमा सेक्स कर चुकी होगी)- किस चीज़ के बारे में बात हो रही है ।
रवि(रमा के कान में)- चुदाई की बात कर रहें है ।
रमा(रवि के कान में फुसफुसाती है)-प्रेग्नेंसी हो गयी तो ?
गरिमा-मेरा मज़ाक उड़ाया जा रहा है ?
रवि- नहीं नहीं तुम्हारी चाची पूछ रही थी कि प्रोटेक्शन यूज़ करते हो कि नहीं ।
गरिमा( कंडोम तो इसके टोपे को भी कवर नहीं कर पाता मुझे ही गोली लेनी पड़ती है ...वो मन सोचती है )-हम्म करते हैं ।
दिया-रवि और कर्ण बुरा मत मानना मुझे गरिमा से कुछ फीमेल्स वाली बात करनी है तो तुम दोनों क्या कुछ देर के लिए ....
कर्ण-हाँ हाँ चाची आप बात करो हम घूम आते है कुछ देर मुझे भी चाचू से कुछ बात करनी थी ।
रवि और कर्ण के चले बाद दिया यानी रमा गरिमा के बगल में बैठ जाती है ।
गरिमा-आपने उन्हें क्यों भेज दिया ?
दिया-क्योंकि मुझे तुमसे बात करनी थी ,तुम्हें देखते ही मैं तुमको बहन जैसा प्यार करने लगी हूँ ।
गरिमा-मैं भी जब आपसे गले लगी थी तो ऐसा लगा था मानो मैं आपको बरसों से जानती हूं ।
दिया-तो अपनी बहन को बताओ कि सेक्स (अपनी बेटी के सामने सेक्स शब्द का प्रयोग करते हुए रमा का बदन उतेजना से कांप जाता है) करते समय कर्ण कंडोम का प्रयोग करता है कि नही ।
गरिमा- कँहा चाची आपको तो पता इन सबका साइज ...मुझे ही टेबलेट लेनी पड़ती है ।
रमा-बहुत बड़ा है क्या उसका?
गरिमा-चाचू का नहीं है क्या ?
रमा- तुम्हें रवि का साइज पता है ?
गरिमा-आप न समझी नहीं इन सब का फैमिली साइज ही ऐसा है ।
रमा-हम्म वो तो पता है....तुम्हें परेशानी तो नहीं होती ?
गरिमा- लगता है चाचू काफी वाइल्ड सेक्स करते हैं ।
रमा(शर्मा जाती है)- तुम उसके साइज से खुश तो कहीं इसी वजह से तो उसे अपनी फैमिली से नहीं मिलवाना चाहती , मैंने बड़े साइज के कारण होने वाले डिवोर्स के बारे सुना है ।
गरिमा-नहीं ...नहीं वो प्रॉब्लम नहीं ...उसमें तो बड़ा मजा आता है । और उसे फैमिली के साथ तो इसलिए नहीं मिलवा रही क्योंकि मेरी मोम बड़ी सख्त हैं आज झूठ बोला कि सहेली के घर जाना है तब भी आने नहीं दे रहीं थी ....लेकिन यह तो मम्मी का प्यार है वो केअर करती है ना कॉलेज में हो जाऊं फिर उनसे बात करूँगी ।
दिया(रमा)- हम्म यह तो है । हर माँ को बेटियों की चिंता तो होती ही है ।अच्छा अपने पीरियड्स के दिनों में क्या करती हो ?
गरिमा-ओरल और क्या आप नहीं करती क्या ?
रमा(इस छोटी सी उम्र कैसी चुड़कड हो गयी है , चूसने भी लगी है और एक मैं हूँ जिसे आधी उम्र बीत जाने के बाद मौका मिला है वो सोचती है और उसे यह सोचकर हँसी आ जाती है वो अपनी बेटी से जलन करने लगी है)-ओरल तो रवि को भी बहुत पसंद है और मुझे भी इसलिए हम तो हमेशा करते हैं ।
गरिमा-आपको पहले कभी नही देखा ?
दिया-हम्म कुछ दिन पहले ही न्यूयॉर्क से इंडिया आई हूँ ।
गरिमा-वाओ नाइस प्लेस । मेरा भी बड़ा मन है पेरिस और न्यूयॉर्क जाने का ।
दिया-इस बार मेरे साथ चलना ।
गरिमा-थैंक्स ,अगर मम्मी को मना पाई तो ।
दिया(गरिमा को टटोलने की कोशिश करती है)-कोई बहाना बना कर भी तो चल सकती हो ।
गरिमा-चल तो सकती हूँ लेकिन मम्मी से इतना बड़ा झूठ नहीं बोल सकती ,कर्ण से मिलने आना होता है तो झूठ बोलती हूँ वो भी मुझे बड़ा बुरा लगता है काश मैं मम्मी को सच बता पाती ।
दिया(रमा गरिमा की बात सुनकर इतनी खुश हो जाती है कि एक पल के लिए वो भूल जाती है कि वो माँ के रूप में उससे बात नहीं कर रही)- आह.. मेरी प्यारी बेटी । ध्यान आने पर वो अपनी गलती सुधारती है ....चाची भी तो माँ जैसी ही होती है ।
गरिमा-लेकिन आप चाची नही मेरी दोस्त हो ।अच्छा अपना नंबर तो दो आपसे बात किए बिना अब मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ।
रमा(बहाना बनाती है)-अभी तो इंडिया में शिफ्ट हुई हूँ , नंबर लिया ही नहीं ।
गरिमा-कोई बात नहीं आप मेरा नम्बर ले लो और बाद में मुझे मेसेज कर देना , कर देना भूल मत जाना ।
इधर मां बेटी की अनोखी मुलाकात चल रही थी तो दूसरी तरफ तनु पॉकेट मनी की लालच में राहुल की लाने घर से निकल रही थी ।
तनु ने पहले एटीएम से पैसे निकाले और फिर बबिता के घर की तरफ चल पड़ी । बबिता के घर के गेट के अभी वो अंदर भी नहीं थी कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई देने लगी ।
बबिता-चूसते -2 थक गई मैं ...तेरा तो निकलता ही नहीं
राहुल- अरे ये तो शुरूआत है.. निकलेगी क्रीम जिसे तू हमेंशा पी जाती है.. तू बस चूसती रह।
बबिता-ऐसा मूसल लौड़ा नहीं देखा मैंने आज तक 15 मिनट से चूस रही हूँ होंठ दर्द करने लग गए ।
"यह बबिता के घर से कैसी आवाज़ें आ रही हैं कौन किसका चूस रही है ...क्या बबिता उस बुद्धू का .....नहीं नहीं.....तो उसके सामने ही ....पक्का कमीनी ने काम पे लगा रखा होगा उसे....चुपचाप चाबी वाले छेद से देखती हूँ" तनु मन में सोचती है और झुककर चाबी के छेद से अंदर का नज़ारा देखकर दंग रह जाती है पर दिक्कत यह थी कि वो लड़के का चेहरा नहीं देख पा रही थी बबिता जो ज़मीन पर बैठे एक विशाल काय लन्ड को चूस रही थी उसका चेहरा तो साफ-2 नजर आ रहा था पर लड़के का नहीं वो उसको केवल छाती तक देख पा रही थी ।"ओह माय गॉड कितना बड़ा लन्ड है ,बबिता की बाजू जितना लम्बा मोटा तो उससे भी ज्यादा" तनु मन में सोचती है ।
बबिता सीधे जाकर उस व्यक्ति के खड़े लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।
व्यक्ति- आह.. रानी तू तो बड़ी समझदार है आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कूद रानी मेरे लंड पे कूद आह.. कर दे इसको अपनी चुत में गायब आह.. उहह ले आह.. ले पूरा खा ले।
अब वो बंदा भी अब नीचे से झटके मारने लगा था और बबिता गांड को ऊपर-नीचे करके मज़ा ले रही थी। अब कमरे में दोनों की आहें गूँजने लगी थीं और चुदाई का तूफान जोरों पे था। बबिता हर धक्के पर एक एक फुट ऊपर उछल रही थी।
इधर बबिता की चुदाई का नज़ारा देखकर तनु भी गर्म होने लगी थी इससे पहले उसे लाइव चुदाई देखने का मौका नहीं मिला था । उसके बदन में अजीब सा कसाव आता जा रहा था उसे अपने निप्पल कसते हुए महसूस हो रहे थे । वो पोर्न फिल्मों में हब्शियों के लन्ड देखती तो सोचती थी कैसे लेती होंगी लड़कियां इतने बड़े लन्ड पर अब वो लाइव देख रही थी ।
बबिता- आह.. राजा आह जोर से आह.. काश मेरी शादी तेरे से हो जाये आह.. मज़ा आ जाता आह.. कब से प्यासी थी में आह.. आज अपने मेरी चुत को तृप्त कर दिया आह.. आह..आह...आज इस मज़े के कारण जान निकल जायेगी.....आह..
बबिता की बातें उस अनजान शख्स का जोश बड़ा रही थी , तनु देख रही थी कि कैसे उस शख्स के धक्कों की रफ्तार बढ़ती जा रही और बबिता के स्तनों को कभी मसल रहा है तो कभी चूस रहा है । तनु अनजाने में ही एक हाथ से अपने मोटे गोल मम्मों को मसलने लगी थी तो दूसरे हाथ से अपनी लेग्गिंग के ऊपर से चूत सहला रही थी । "राहुल....यह....राहुल है क्या ....ऐसा लन्ड....उफ्फ कितना सुंदर है ....नहीं नहीं यह वो नहीं हो सकता ...." तनु के विचार इधर उधर भटक रहे थे ।
कुछ मिनट ये चुदाई चली, उस व्यक्ति के तगड़े लंड के दमदार झटके मोना की चुत सह नहीं पाई और उसकी चुत का बाँध टूट गया.. वो लंबी साँसें लेते हुए झड़ने लगी। बबिता तो ठंडी हो गई.. मगर उस अनजान मर्द के लंड का जोश तो वैसा का वैसा ही था। अब बबिता को लंड की चोट बर्दाश्त नहीं हो रही थी.. नहीं रे जालिम रुक जा..बस कर ...आह...मर जाऊंगी रे ....रुक जा
व्यक्ति-साली राँड़ खुद तो झड़ गयी मेरा लन्ड कौन ढीला करेगा ।
बबिता झट से लंड से उठ गई और फ़ौरन लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। "मैं करूँगी न इस खूंटे को ढीला"
खूंटा शब्द तनु के कानों में पड़ा और वो सोचने लगी "हाँ ...बिल्कुल खूँटे जैसा ही तो है ....राहुल का ..." उसने अपनी सोच को रोक लिया ।
राहुल(तनु अभी भी उसका चेहरा नहीं देख पा रही थी)- आह साली छिनाल आह.. ये क्या किया चुत में मज़ा आ रहा था.. उफ़ चूस साली चूस आह.. अब तुझे घोड़ी बना के ऐसे शॉट मारूँगा आह.. तू क्या याद करेगी।
"काश कोई ऐसे ही लन्ड वाला मुझे घोड़ी बना के शॉट मारता" तनु ने अपना हाथ अपनी लेग्गिंग में डालते हुए सोचा ।उसकी चूत पर चींटियां काट रही थी और इन चींटियों को लन्ड रूपी साँप की ज़रूरत थी पर उसके पास उंगलियों के सिवा कुछ नहीं था ।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद शायद बबिता समझ गई कि ये लंड मुँह से नहीं चुत से ही ठंडा होगा तो वो घोड़ी बन गई और कुतिया की तरह अपनी मोटी गाँड़ हिलाते हुए बोली आह.. ले आह.. कर ले अपना अरमान पूरा आह.. ले तेरी घोड़ी तैयार है आजा चढ़ जा!
वो खड़ा हुआ और बबिता के पीछे जाकर लंड को चुत पे सैट किया फिर बबिता की कमर को कस के पकड़ के एक जोरदार धक्का मारा तो पूरा लंड एक ही बार में बबिता की चुत में जड़ तक समा गया।बबिता का मुँह खुल गया ।
बबिता- आआईइ रे जालिम मार डाला रे.. उफ़ आह.. किन्हीं भागी जा रही थी कि मैं जो इतनी बेहरहमी तूने एक ही बार में पेल दिया ,आज तो बरसों की चुदाई आपने एक ही रात में कर दी आह.. आ उफ़फ्फ़ मारो आह.. और धक्के मार आह.. आ.....
तनु देख रही थी बबिता की हिम्मत जवाब दे रही है पर वो आदमी तो जैसे मशीन था उसने अब स्पीड से बबिता की चुत में लंड पेल रहा था बबिता के मोम्मे तेज़ी हवा में झूल रहे थे वो वहशी जानवर की तरह उसे चोदता रहा था और साथ में अपनी उंगली से बबिता की गांड का भी मुआयना कर रहा था- आह.. ले साली रांड आह.. तेरी गांड तो बहुत कसी हुई लगती है आह.. लगता किसी ने इसको ज़्यादा नहीं चोदा होगा।
बबिता- आह.. ऑउच नहीं जान...मेरे राजा.. उफ़फ्फ़ प्लीज़ तुम बस चुत से ही संतुष्ट हो जाओ.. आह.. गांड नहीं ये मूसल झेल नहीं पाएगी।
अनजान आदमी(मतलब की राहुल) - क्यों रानी आह.. ले दुनिया में कोई चुत और गांड ऐसी नहीं बनी जो लंड ना ले सके.. रानी भगवान ने ये बनाई ही चुदाई के लिए है आह.. ले आह आह ले..वो अब बहुत तेज झटके मारने लगा था ..वो धक्के लगाए जा रहा था और बबिता को ओर्गास्म आने ही वाला था , ये देखकर उस आदमी ने उसे तड़पाने के लिए अचानक धक्के लगाना बंद कर दिया.
बबिता चिल्लाई , “ यू बास्टर्ड , धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ , आई ऍम कमिंगम्मींगगगग ….फक मी …….चोदो मुझे …कमीने तुम शुरू से मुझे चोदना चाहते थे …अब रुक क्यूँ गये…….ओइईईईई..आह……ओइइ…माआअ…”
"साले चोद अब तेरी फट गई क्या" तनु तेज़ी से अपनी चूत मसलते हुए बुदबुदाई ।
पर उस व्यक्ति ने बबिता को तड़पाना जारी रखा वो अपना लौकी जैसा लम्बा और मोटा लन्ड कुतिया बनी बबिता के नितम्बो के बीच धीरे-2 रगड़ते हुए बोला " तो तेरी गाँड़ का उद्घाटन कर दूँ मेरी जान ,मेरी राँड़"
बबिता- प्लीज़ मत तड़पाओ न डाल दो जँहा भी डालना है ....ई वांट दैट बिग डिक ।
तनु देख रही थी उस मर्द के लन्ड की नसें उभर आईं थीं शायद वो भी झड़ने वाला था तनु साँसे रोके देख रही थी कि आगे क्या होगा .....उस आदमी ने अपने मोटे बैगन जैसे टोपे को बबिता की गुदा पर सेट कर दिया और अपने बड़े-2 हाथों से बबिता की कमर पकड़ते हुए अपने भारी कुहलों को ज़ोर से उचका दिया वो भयंकर लन्ड बबिता की गाँड़ में लगभग आधा अन्दर घुस गया ।
"आह....ऊऊऊऊ.....माँ........ मर... गई रे....कितना मोटा है रे....आह" बबिता इतने ज़ोर से चिल्लाई की तनु को उसकी चीख साफ -2 सुनाई दी । बबिता ने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से सोफ़े को पकड़ लिया ।
उस खूँटे जैसे लौड़े वाले आदमी ने अब धीरे-धीरे अपना मूसल अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था और लय में आ रहा था तनु देख रही थी वो मूसल लन्ड हर धक्के के साथ बबिता की गाँड़ में और गहरा उतरता जा रहा था ।
बबिता- आह आह आह ..साले.. बहुत दर्द हो रहा है, उफ़फ्फ़… जलन होने लगी है एयेए और मत डालना आह.. पहले इतने से ही कर।
वो समझ गया कि अभी भी बबिता की गांड बहुत टाइट है और कुछ डर की वजह से बबिता ने कर रखी है। वो अब आधे लंड को ही अन्दर-बाहर कर रहा था।
"साले चोद न भोसड़ा बना दे इसकी गाँड़ को ...उफ्फ क्या जानदार लन्ड है" तनु अपनी चूत को तेजी से रगड़ते हुए सोच रही थी वो इस समय तक पूरी गर्म हो चुकी थी उसे होश भी नहीं था कि वो बबिता के घर के बाहर है और सड़क से आते जाते लोग उसे देख सकते हैं वैसे रात के अंधेरे ने उसको अजनबी नज़रों से बचा रखा था ।
बबिता कराह रही थी मगर धीरे-2 दर्द कम हो रहा था। फिर वो बड़े आराम से लंड को हिला रहा था।
करीब 5 मिनट तक वो धीरे-धीरे गांड को चोदता रहा। अब बबिता का दर्द भी कम हो गया था तो उसने ने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी। अब हर धक्के के साथ वो लंड को थोड़ा आगे कर देता और इसी तरह 10 मिनट की चुदाई में पूरा लंड गांड में समा गया और बबिता को बस मामूली दर्द हुआ। बबिता को तो जब पता चला जब उसकी की गोटियाँ उसकी जाँघ से टकराईं कि काका ने पूरा लंड गांड में घुसा दिया।
बबिता- आह.. वाह.. पूरा चला गया आह.. पता भी नहीं चला आह.. आप बहुत अच्छे हो काका आह.. चोदो अब आह.. जोर से करो आह.. अब मज़ा आने लगा है।
"साली राँड़ कैसे मज़े से पूरा ले गयी" तनु अपने मोम्मों को दबाते हुए खुद से बोली। लेकिन उतेजना वश शायद उसकी आवाज कुछ ऊंची थी क्योंकि राहुल ने उसकी आवाज़ सुन ली थी।
राहुल पर अब जैसा दोहरा भार आ गया था एक तो वो अपने चरम पर पहुँच रहा था दूसरा वो तनु को हब्शी चुदाई दिखना चाहता था वो फुल जोश में आ गया ,अब उसने ने बबिता की कमर को कस कर पकड़ लिया और चुत में उंगली करते हुए उसकी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगा।
बबिता अब उत्तेजित हो गई थी, उसकी चुत भी गर्म हो गई थी। उसने राहुल से कहा- थोड़ी देर मेरी चुत में लंड डाल दो.. बड़ी आग लगी हुई है...जल रही है ।
राहुल फुल स्पीड से लंड को अन्दर-बाहर करने करने लगा। बबिता भी गांड हिला-हिला कर उसका साथ देने लगी।
वो कभी बबिता की चुत में लंड घुसेडता… कभी उसकी की गाँड़ में, इस तरह तनु को एक अलग ही सीन देखने को मिल रहा था और इस घमसान चुदाई का अंत अब करीब था।
बबिता- आह जोर करो… उफ़फ्फ़ आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई आह… आह फास्ट ऊउउ आआ ससस्स और तेज आह…
राहुल ने मोना को रेल बना दिया और वो झड़ गई। राहुल ने उसकि चूत से लंड निकालकर फिर गाँड़ में घुसा दिया…
बबिता- उननम उम्म्म आह सस्स आह… तू इंसान नहीं जानवर है ... आह मर गई आह… उईईइ उईईइ मत....कर...रुक जा ....धीरे से क्क्क…करो आह....
राहुल ने पूरी ताक़त लगा दी और कमर को तेज़ी से हिलाने लगा। उनके लंड से वीर्य की बौछार शुरू हो गई और बबिता की जलती गांड को काका के रस ने थोड़ा सुकून दे दिया।
इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे....बबिता ...राहुल....और तनु...।
राहुल को एहसास था कि बाहर कोई है....उसने अपनी दिव्य शक्ति से देखा तनु दरवाजे के सहारा लेकर बैठी बुरी तरह हाँफ रही थी । वो डर गया कि तनु ने उसे बबिता के साथ देख लिया होगा ...अब वो उसे कभी नहीं अपनाएगी ....वो उसके दिमाग को पढ़ने लगा " उफ्फ कितना बड़ा था उसका लन्ड ...और बिल्कुल हब्शियों सा सेक्स कर रहा था....राहुल?....नहीं मैंने उसकी शक्ल तो देखी नहीं ...लेकिन राहुल घर पर भी तो नहीं था...." तनु सोच रही थी । और उसकी उलझन ने राहुल को बचने का मौका दे दिया था । उसने चित निढाल पड़ी बबिता को चूमा और कपड़े पहनकर अपनी किताबों को उठाया और पीछे की खिड़की से कूदकर बाहर निकल आया और कुछ ही सेकण्ड्स में वो अपने कमरे में था ।
वो चादर ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा पर उसका दिमाग अभी भी तनु पे लगा हुआ था ,तनु कोई 10 मिनट बाद घर पहुँची । मेन गेट खुलने के कारण राहुल को उसके आने का पता चला । तनु की कामुकता का बुखार अब उतर चला था एक बार फिर वो बिना किसी कारण राहुल के प्रति नफरत से भरती जा रही थी ।
राहुल उसके दिमाग को पढ़ रहा था "यँहा तो लल्लू बनता है और यह कारनामे हैं इस लड़के के माँ को बताऊंगी.....उफ्फ..कितनी बड़ी गलती कर दी बबिता के घर पर ही रँगे हाथों पकड़ लेना चाहिए था .....लेकिन अगर वो वँहा न होता तो...उसके कमरे में चेक करती हूँ"
राहुल ने चैन की साँस ली वो भी यही चाहता था कि तनु उसे कमरे में देख ले और उसका शक दूर हो जाए ।
तनु(उसने राहुल को सोते देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया)- तू कब आया घर ?
राहुल(जागने का नाटक करते हुए)- क्या हुआ सोने दे मुझे ...हमेंशा मुझपर चिल्लाती रहती है ।
तनु(उसका गुस्सा न जाने क्यों और बढ़ गया था)- मैं पूछ रही हूँ तू घर कब आया ?
राहुल-दो घण्टे पहले ।
तनु-मुझे बताया क्यों नहीं ?
राहुल( तनु की खूबसूरती को निहारते हुए , वो गुस्से में और सुंदर लग रही थी)-कोई भी घर पर नहीं था ,मुझे लगा तू माँ के साथ गयी है ।
तनु अपने कमरे में तो आ गयी पर न जाने क्यों उसका दिल कह रहा था कि वो आदमी राहुल ही था जो बबिता को चोद रहा था.....वो काफी देर तक करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई ।
To be continued....
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