30-01-2019, 02:40 PM
सब मिसिव
और जिस तरह की ड्रेसेज उन्होंने पहनी थी चैट रूम में , जिस तरह अपने को डिस्क्राइब किया था ,
" ब्रोकेड , लो कट वेरी टाइट बैकलेस चोली शोइंग ३२ सी फर्म एंड हार्ड बूब्स , लॉन्ग हेयर कास्केडिंग ओवर शोल्डर्स , आइस फुल आफ कोहल , लिप्स पेंटेड विथ डार्क लिपस्टिक , …"
ये साफ था की वह आई डी सिर्फ लड़कों को अट्रैक्ट करने के लिए नही थी ,
उनके अंदर के छिपे फेमिनिन पर्सोना को एक्सप्रेस करने के लिए रास्ता ढूंढने का भी एक तरीका था।
लेकिन सब में वो एक सब मिसिव गर्ल की तरह थे , चाहे वो किसी डॉमिनेटिंग महिला के साथ हो या पुरुष के साथ।
६०-६५ % चैट डाली के नाम से थीं।
लेकिन मेल आई डी भी थी जो उनके नाम को ही उलट पुलट के बनायीं गयी थी। और पुरुष की रूप में उनकी जो चैट्स थीं , वो ज्यादातर एम आई एल फ ( मदर ,आई लव टू फक ), और इन्सेस्ट रूम मेंथी।
बड़ी उम्र की औरतों के बीच वो काफी पॉपुलर थे , और वो ख़ास तौर से उन ४० साल की ऊपर की लेडीज के चक्कर में थे , जिसके जोबन खूब बड़े बड़े ३८ + और हिप्स भी बड़े थे यानी + साइज वाली औरतोंके साथ।
और इन्सेस्ट रूम में रोल प्ले में कोई रिश्ता बचा नहीं था ,
लेकिन ब्रदर सिस्टर उनका फेवरिट था।
एक रूम था जहाँ मैं उनका रूप धर के गयी , और मिस्ट्रेस पेट्रीसिया नाम की एक डॉमीनेटरिक्स ने मुझे दबोच लिया।
कुछ बहाना बना के मैं ….
और अपनी हैकर विद्या से और कुछ बॉबी जासूस के रूप में , मैंने पहले तो एम आई ल फ महिलाओं के बारे में पता किया , ज्यादाार असली थीं और वो डॉमिनिट्रेक्स भी कोई प्रोफेशनल थी।
मैंने साइट्स सब बंद आकर दी और अपने फूट प्रिंट्स मिटा दिए।
और वैसे भी मैंने अब कभी भी 'परकाया प्रवेश ' के लिए सभी पासवर्ड जुटा लिए थे।
लेकिन मैं एक बार फिर सोच में पड़ गयी।
क्या करूँ , क्या न करूँ।
एक बात तय थी ये मैं उन्हें कभी बता नहीं सकती थी की उनका ये पहलू मुझे मालूम है।
वो और अपने कोकून में चले जाएंगे , और ये बात मैं मांम से भी शेयर नहीं करुँगी ,
बल्कि खुद भी कोशिश करुँगी अपने जेहन से गायब करने की।
फैंटेसी किस की नहीं होती , और उन की इन फैंटेसी के पीछे तो साफ साफ उनकी 'मायकेवलियां '
जिन्होंने उन्होंने कभी इमोशनली ग्रो नहीं करने दिया , एक अच्छे बच्चे की इमेज में ट्रैप कर दिया ,
लेकिन कहीं तो उनकी मेल सेक्सुअलिटी रास्ता ढूंढती , और इन अँधेरी गलियों , सुरंगो में उन्हें भटकने को छोड़ दिया ,
उनके उस रिप्रेशन ने। इस लिए उन के मन में सिर्फ गांठे ही गांठे बच गयी और वो कुछ ठीक से इंजाव्य नहीं कर पाते।
मेरे उनका रिश्ता नार्मल हसबैंड वाइफ से थोड़ा हटकर था।
और दो बाते हमारे रिश्ते को गवर्न करती थीं ,
पहली तो ये की मैं उन्हें बेइंतहा प्यार करती थी , बस बता नहीं सकती। और वो भी , अपने ढंग से मुझे।
और अब धीमे धीमे वह हर चीज के लिए मुझ पे रिलाई करते थे।
दूसरी बात ये की मैंने ये मान लिया था की मेरा साजन सिर्फ मेरा है।
इसलिए वो जो भी चाहता है , खुले मन से , छुप छुप कर , अवचेतन में सब पूरा कराने की ,
अगर कोई किसी होटल को देखता है , बार बार देखता है ,
महीने में एकाध बार खाना खा लेगा , उसका मन भर जाएगा।
लेकिन उसे मना करो , तो वो रोज वही सोचेगा।
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
……………………..
और जिस तरह की ड्रेसेज उन्होंने पहनी थी चैट रूम में , जिस तरह अपने को डिस्क्राइब किया था ,
" ब्रोकेड , लो कट वेरी टाइट बैकलेस चोली शोइंग ३२ सी फर्म एंड हार्ड बूब्स , लॉन्ग हेयर कास्केडिंग ओवर शोल्डर्स , आइस फुल आफ कोहल , लिप्स पेंटेड विथ डार्क लिपस्टिक , …"
ये साफ था की वह आई डी सिर्फ लड़कों को अट्रैक्ट करने के लिए नही थी ,
उनके अंदर के छिपे फेमिनिन पर्सोना को एक्सप्रेस करने के लिए रास्ता ढूंढने का भी एक तरीका था।
लेकिन सब में वो एक सब मिसिव गर्ल की तरह थे , चाहे वो किसी डॉमिनेटिंग महिला के साथ हो या पुरुष के साथ।
६०-६५ % चैट डाली के नाम से थीं।
लेकिन मेल आई डी भी थी जो उनके नाम को ही उलट पुलट के बनायीं गयी थी। और पुरुष की रूप में उनकी जो चैट्स थीं , वो ज्यादातर एम आई एल फ ( मदर ,आई लव टू फक ), और इन्सेस्ट रूम मेंथी।
बड़ी उम्र की औरतों के बीच वो काफी पॉपुलर थे , और वो ख़ास तौर से उन ४० साल की ऊपर की लेडीज के चक्कर में थे , जिसके जोबन खूब बड़े बड़े ३८ + और हिप्स भी बड़े थे यानी + साइज वाली औरतोंके साथ।
और इन्सेस्ट रूम में रोल प्ले में कोई रिश्ता बचा नहीं था ,
लेकिन ब्रदर सिस्टर उनका फेवरिट था।
एक रूम था जहाँ मैं उनका रूप धर के गयी , और मिस्ट्रेस पेट्रीसिया नाम की एक डॉमीनेटरिक्स ने मुझे दबोच लिया।
कुछ बहाना बना के मैं ….
और अपनी हैकर विद्या से और कुछ बॉबी जासूस के रूप में , मैंने पहले तो एम आई ल फ महिलाओं के बारे में पता किया , ज्यादाार असली थीं और वो डॉमिनिट्रेक्स भी कोई प्रोफेशनल थी।
मैंने साइट्स सब बंद आकर दी और अपने फूट प्रिंट्स मिटा दिए।
और वैसे भी मैंने अब कभी भी 'परकाया प्रवेश ' के लिए सभी पासवर्ड जुटा लिए थे।
लेकिन मैं एक बार फिर सोच में पड़ गयी।
क्या करूँ , क्या न करूँ।
एक बात तय थी ये मैं उन्हें कभी बता नहीं सकती थी की उनका ये पहलू मुझे मालूम है।
वो और अपने कोकून में चले जाएंगे , और ये बात मैं मांम से भी शेयर नहीं करुँगी ,
बल्कि खुद भी कोशिश करुँगी अपने जेहन से गायब करने की।
फैंटेसी किस की नहीं होती , और उन की इन फैंटेसी के पीछे तो साफ साफ उनकी 'मायकेवलियां '
जिन्होंने उन्होंने कभी इमोशनली ग्रो नहीं करने दिया , एक अच्छे बच्चे की इमेज में ट्रैप कर दिया ,
लेकिन कहीं तो उनकी मेल सेक्सुअलिटी रास्ता ढूंढती , और इन अँधेरी गलियों , सुरंगो में उन्हें भटकने को छोड़ दिया ,
उनके उस रिप्रेशन ने। इस लिए उन के मन में सिर्फ गांठे ही गांठे बच गयी और वो कुछ ठीक से इंजाव्य नहीं कर पाते।
मेरे उनका रिश्ता नार्मल हसबैंड वाइफ से थोड़ा हटकर था।
और दो बाते हमारे रिश्ते को गवर्न करती थीं ,
पहली तो ये की मैं उन्हें बेइंतहा प्यार करती थी , बस बता नहीं सकती। और वो भी , अपने ढंग से मुझे।
और अब धीमे धीमे वह हर चीज के लिए मुझ पे रिलाई करते थे।
दूसरी बात ये की मैंने ये मान लिया था की मेरा साजन सिर्फ मेरा है।
इसलिए वो जो भी चाहता है , खुले मन से , छुप छुप कर , अवचेतन में सब पूरा कराने की ,
अगर कोई किसी होटल को देखता है , बार बार देखता है ,
महीने में एकाध बार खाना खा लेगा , उसका मन भर जाएगा।
लेकिन उसे मना करो , तो वो रोज वही सोचेगा।
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
……………………..