30-01-2019, 02:35 PM
जोरू का गुलाम पार्ट ९
अँधेरे बंद कमरे -मन के
हाँ तो मैं कह रही थी ,असल में बात कुछ ख़ास नहीं बहुत लोग करते हैं। न सुनाना बेईमानी होगी। फिर भी समझ में नहीं आ रहा है कैसे शुरू करूँ।
बात ये है की मैं एक सीढ़ी ढूंढ रही थी , ऊपर चढ़ने वाली नहीं नीचे उतरने वाली।
हम लोगो की गाडी पटरी पर आ गयी थी , लेकिन आलमोस्ट। मुझे लगता था की जैसे मैंने किसी तिलस्म को तोड़ तो दिया है , जिसमें इनके मायकेवालियों ने इन्हे बंद कर रखा था , लेकिन तब भी ऐसेकई कमरे हैं जिसकी चाभी मेरे पास नहीं है।
बात करते करते वो अक्सर 'आफ ' हो जाते थे , कई बार मुझे लगता था की वो मेरे पास हैं लेकिन ,मेरे पास नहीं है। चारो ओर जैसे रौशनी की दरिया बह रही हो , लेकिन बीच में अँधेरे के बड़े बड़े द्वीप होंऔर वो वहां गम हो जाते हों।
अब हम दोनों एक दुसरे से बहुत खुल गए थे फिर भी ,
और उनमे एक चीज थी उनकी लैपी
वो कई बार उसमें उलझे रहते थे। लेकिन जो चीज जिसने मुझे स्ट्राइक की वो थी , ओ के , हिस्ट्री।
मैंने एक दो बार उनसे उनका लैपी माँगा , तो कुछ देर से दिया उन्होंने। मुझे लगता था की आफिस का कोई काम कर रहे होंगे। लेकिन एक बार मैंने थोड़ी देर कुछ साइट्स देखने के बाद गलती से बंद कर दिया ,और फिर खोला , जब मुझे याद नहीं आया तो हिस्ट्री खोली , कुछ देर बाद मैंने रिएक्ट किया।
मुझसे पहले की सारी हिस्ट्री साफ ,
अब गलती मेरी ही थी , सिम्पल क्यूरियॉसिटी।
फिर तो हर बार जब मैं इन से इन का लैपी मांगती , तो मारे क्यूरियॉसिटी के पहले हिस्ट्री चेक करती
और हर बार वो शुरू से साफ होती।
और एक दिन मौका मिल गया , आफिस से कोई काल आया और उन्हें तुरंत जाना पड़ा।
बस मैंने सीढ़ी लगा ली ,
सिर्फ उनके मन के गहरे अँधेरे कूएँ में ही नहीं , बल्कि उसके अंदर से ढेर सारी सुरंगे निकलती हुईं ,
कुछ पर भारी भारी पत्थर रखे हुए , कुछ जाले पड़े हुएउनके अंदर चलना मुश्किल , मेरी ऐसी 'बोल्ड ब्यूटी ' के लिए भी ,
हिस्ट्री साइट में कुछ तो पोर्न साइट्स थी , वो मेरे लिए अजूबे की बात नहीं थी , सारे मर्द देखते हैं , लेकिन उसमें ऐसे छिप के देखने का क्या , हम साथ साथ भी देख सकते थे। लेकिन पॉर्न से बहुतज्यादा चैट साइट्स , थोड़ी बहुत चैट तो सभी करते हैं लेकिन व्हाटसऐप आने के बाद।
पर चैट साइट्स के नाम देखते ही मुझे जोर का झटका जोर से लगा।
ज्यादातर बी डी एस एम साइट्स थीं।
चैट्रोपॉलिस , आल्ट , बांडेज और भी न जाने क्या क्या ,
और जब मैंने चैट साइट को खोला तो उसके अंदर तरह तरह के रूम , सब रूम , इन्सेस्ट रूम , मिस्ट्रेस रूम।
एक नयी दुनिया।
ये नहीं की बी डी एस एम से के बारे में मुझे पता नहीं था। मुझे मालूम था की मैं थोड़ी डॉमिनेटिंग टेण्डेंसीज रखती हूँ , मुझे लाइट बांडेज स्टोरीज पढने में मजा आता था।
और एक बार मेरी कुछ फ्रेंड्स ने चढ़ा दिया तो मैंने नाम बदल के एक कांटेस्ट में लिटइरोटिका पे एक स्टोरी भी लाइट बांडेज की पोस्ट की। और उन्होंने इनाम में एक फर रैप्ड हैंडकफ भी मुझे दिया जो मैंनेसोचा था की हनीमून में इस्तेमाल करुँगी , पर कर्टसी उनके मायकेवालों के न हनीमून पे गयी न वो डिब्बा खुला।
पर मैंने कभी इस तरह की चैट नहीं की थी।
अब अगला सवाल था की उनकी आई डी कौन सी है।
मैंने थोड़ा जासूसी लगाई। मेरे अंदर का छिपा बॉबी जासूस जाग उठा।
अँधेरे बंद कमरे -मन के
हाँ तो मैं कह रही थी ,असल में बात कुछ ख़ास नहीं बहुत लोग करते हैं। न सुनाना बेईमानी होगी। फिर भी समझ में नहीं आ रहा है कैसे शुरू करूँ।
बात ये है की मैं एक सीढ़ी ढूंढ रही थी , ऊपर चढ़ने वाली नहीं नीचे उतरने वाली।
हम लोगो की गाडी पटरी पर आ गयी थी , लेकिन आलमोस्ट। मुझे लगता था की जैसे मैंने किसी तिलस्म को तोड़ तो दिया है , जिसमें इनके मायकेवालियों ने इन्हे बंद कर रखा था , लेकिन तब भी ऐसेकई कमरे हैं जिसकी चाभी मेरे पास नहीं है।
बात करते करते वो अक्सर 'आफ ' हो जाते थे , कई बार मुझे लगता था की वो मेरे पास हैं लेकिन ,मेरे पास नहीं है। चारो ओर जैसे रौशनी की दरिया बह रही हो , लेकिन बीच में अँधेरे के बड़े बड़े द्वीप होंऔर वो वहां गम हो जाते हों।
अब हम दोनों एक दुसरे से बहुत खुल गए थे फिर भी ,
और उनमे एक चीज थी उनकी लैपी
वो कई बार उसमें उलझे रहते थे। लेकिन जो चीज जिसने मुझे स्ट्राइक की वो थी , ओ के , हिस्ट्री।
मैंने एक दो बार उनसे उनका लैपी माँगा , तो कुछ देर से दिया उन्होंने। मुझे लगता था की आफिस का कोई काम कर रहे होंगे। लेकिन एक बार मैंने थोड़ी देर कुछ साइट्स देखने के बाद गलती से बंद कर दिया ,और फिर खोला , जब मुझे याद नहीं आया तो हिस्ट्री खोली , कुछ देर बाद मैंने रिएक्ट किया।
मुझसे पहले की सारी हिस्ट्री साफ ,
अब गलती मेरी ही थी , सिम्पल क्यूरियॉसिटी।
फिर तो हर बार जब मैं इन से इन का लैपी मांगती , तो मारे क्यूरियॉसिटी के पहले हिस्ट्री चेक करती
और हर बार वो शुरू से साफ होती।
और एक दिन मौका मिल गया , आफिस से कोई काल आया और उन्हें तुरंत जाना पड़ा।
बस मैंने सीढ़ी लगा ली ,
सिर्फ उनके मन के गहरे अँधेरे कूएँ में ही नहीं , बल्कि उसके अंदर से ढेर सारी सुरंगे निकलती हुईं ,
कुछ पर भारी भारी पत्थर रखे हुए , कुछ जाले पड़े हुएउनके अंदर चलना मुश्किल , मेरी ऐसी 'बोल्ड ब्यूटी ' के लिए भी ,
हिस्ट्री साइट में कुछ तो पोर्न साइट्स थी , वो मेरे लिए अजूबे की बात नहीं थी , सारे मर्द देखते हैं , लेकिन उसमें ऐसे छिप के देखने का क्या , हम साथ साथ भी देख सकते थे। लेकिन पॉर्न से बहुतज्यादा चैट साइट्स , थोड़ी बहुत चैट तो सभी करते हैं लेकिन व्हाटसऐप आने के बाद।
पर चैट साइट्स के नाम देखते ही मुझे जोर का झटका जोर से लगा।
ज्यादातर बी डी एस एम साइट्स थीं।
चैट्रोपॉलिस , आल्ट , बांडेज और भी न जाने क्या क्या ,
और जब मैंने चैट साइट को खोला तो उसके अंदर तरह तरह के रूम , सब रूम , इन्सेस्ट रूम , मिस्ट्रेस रूम।
एक नयी दुनिया।
ये नहीं की बी डी एस एम से के बारे में मुझे पता नहीं था। मुझे मालूम था की मैं थोड़ी डॉमिनेटिंग टेण्डेंसीज रखती हूँ , मुझे लाइट बांडेज स्टोरीज पढने में मजा आता था।
और एक बार मेरी कुछ फ्रेंड्स ने चढ़ा दिया तो मैंने नाम बदल के एक कांटेस्ट में लिटइरोटिका पे एक स्टोरी भी लाइट बांडेज की पोस्ट की। और उन्होंने इनाम में एक फर रैप्ड हैंडकफ भी मुझे दिया जो मैंनेसोचा था की हनीमून में इस्तेमाल करुँगी , पर कर्टसी उनके मायकेवालों के न हनीमून पे गयी न वो डिब्बा खुला।
पर मैंने कभी इस तरह की चैट नहीं की थी।
अब अगला सवाल था की उनकी आई डी कौन सी है।
मैंने थोड़ा जासूसी लगाई। मेरे अंदर का छिपा बॉबी जासूस जाग उठा।