30-12-2019, 12:54 AM
थोड़ी ही देर मे मैं अपने ठीक करके बाहर आ गयी.. वो बाहर खाने की टेबल पर बैठा हुआ था ऑर मुझे ही देखे जा रहा था.. वो जिस तरह से मुझे घूरता था मेरे अंदर एक आग लग जाती थी.. कुछ कह भी नही सकती थी.. मनीष के गाँव से जो आया था.. शादी के बाद मैं गाँव मे ज़्यादा नही रही थी इस लिए मुझे वाहा के लोगो के बारे मे कोई जानकारी नही थी…
मैने किचन मे जा कर खाना ले कर उसको सर्व कर दिया.. अभी मैं वाहा से हट कर थोड़ी दूर ही चली थी.. की..
आआहह… आआअहह… उसने आवाज़ निकालना शुरू कर दिया. उसके मुँह से आवाज़ सुन कर मैं वापस उसकी तरफ पलटी..
इस तरह की हरकत करके तुम क्या दिखना चाहते हो कि तुम बोहोत स्मार्ट हो ? मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए बोला.. खुद पर काबू करना अब मुश्किल होता जा रहा था..
मेरी बात सुन कर वो कुछ नही बोला ऑर मुझे देख कर मुस्कुराने लग गया..
मुझे पता है कि तुमने कल मनीष ऑर हमारी बात सुन ली थी.. पर तुम्हारी भलाई इसीमे है कि तुम अपने काम से काम रखो एग्ज़ॅम देने आए हो एग्ज़ॅम दो ऑर यहा से चलते बनो.. मैने खुले खुले सॉफ सॉफ शब्दो मे उसे कह दिया..
आप क्या कह रहे हो भाभी जी मेरी कुछ समझ मे नही आ रहा है.. उसने बनने का नाटक किया जैसे उसे कुछ पता ही नही हो..
देखो मिस्टर. अमित ज़्यादा स्मार्ट बनने की ज़रूरत नही है.. ओर जिस तरह की तुम हरकत कर रहे हो यहा पर मुझे देख कर इस बारे मे मैं मनीष से बात करूगी.. तब तुम्हे पता चलेगा.. अगर तुम चाहते हो कि मैं मनीष से कुछ ना कहु तो चुप चाप अपने काम से काम रखो ओर मुझसे दूर रहो.. मैने एक ही साँस मे उसे बुरी तरह से हड़का दिया था..
भाभी आप आवाज़े बोहोत बढ़िया करती हो.. उसने फिर से मुस्कुराते हुए कहा..
उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से चौंक पड़ी.. शर्म के मारे मेरे मुँह से अब शब्द नही निकल रहे थे..
वैसे कितनी बार किया था भैया ने ? ऑर आप के वाहा जो तिल है कसम से भाभी जी एक कातिल है.. उसने मेरे कुछ कहने से पहले ही अपनी बात कह दी..
मुझे तो लग रहा था कि इसने केवल आवाज़ ही सुनी है पर जब तिल की बात की तो मैं बुरी तरह से घबरा गयी..
वैसे भाभी जी मैने वो तिल अपने मोबाइल मे ले लिया है गाँव मे जा कर जब आप की याद आएगी तब आराम से देखा करूगा..
मेरे दोनो हाथ मेरे मुँह पर आ गये.. मैं उस से कुछ कहती तब तक मेरे मोबाइल की बेल बज गयी.. फ़ोन मनीष का था..
हेलो… जान.. मुझे ऑफीस के काम से 2 दिनो के लिए बाहर जाना पड़ रहा है.. मेरा वेट ना करना ऑर पीनू को खाना खिला देना ऑर खुद भी खा लेना.. ओकक बाइ कह कर मनीष ने फ़ोन कट कर दिया..
मैं उन्हे इस पीनू की हरकत के बारे मे बताना चाहती थी पर जब उन्होने बाहर जाने का नाम लिया तो फिर मैने अपने आप को रोक लिया.. क्यू की मैं अपनी वजह से उन्हे डिस्टर्ब नही करना चाहती थी.. इस लिए उन्हे कुछ नही कहा..
मैं वापस अपने कमरे मे जाने लगी क्यूकी उस से बात करने का कोई मतलब नही समझ मे आ रहा था.. समझ नही आ रहा था कि क्या कहु उस से उसने मेरी तस्वीरे अपने मोबाइल मे ले ली..
तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया कि कोई बात नही है रात को जब सो जाएगा तब उसके कमरे मे जाकर उसके मोबाइल से अपने तस्वीरे डिलीट कर दुगी..
मैने किचन मे जा कर खाना ले कर उसको सर्व कर दिया.. अभी मैं वाहा से हट कर थोड़ी दूर ही चली थी.. की..
आआहह… आआअहह… उसने आवाज़ निकालना शुरू कर दिया. उसके मुँह से आवाज़ सुन कर मैं वापस उसकी तरफ पलटी..
इस तरह की हरकत करके तुम क्या दिखना चाहते हो कि तुम बोहोत स्मार्ट हो ? मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए बोला.. खुद पर काबू करना अब मुश्किल होता जा रहा था..
मेरी बात सुन कर वो कुछ नही बोला ऑर मुझे देख कर मुस्कुराने लग गया..
मुझे पता है कि तुमने कल मनीष ऑर हमारी बात सुन ली थी.. पर तुम्हारी भलाई इसीमे है कि तुम अपने काम से काम रखो एग्ज़ॅम देने आए हो एग्ज़ॅम दो ऑर यहा से चलते बनो.. मैने खुले खुले सॉफ सॉफ शब्दो मे उसे कह दिया..
आप क्या कह रहे हो भाभी जी मेरी कुछ समझ मे नही आ रहा है.. उसने बनने का नाटक किया जैसे उसे कुछ पता ही नही हो..
देखो मिस्टर. अमित ज़्यादा स्मार्ट बनने की ज़रूरत नही है.. ओर जिस तरह की तुम हरकत कर रहे हो यहा पर मुझे देख कर इस बारे मे मैं मनीष से बात करूगी.. तब तुम्हे पता चलेगा.. अगर तुम चाहते हो कि मैं मनीष से कुछ ना कहु तो चुप चाप अपने काम से काम रखो ओर मुझसे दूर रहो.. मैने एक ही साँस मे उसे बुरी तरह से हड़का दिया था..
भाभी आप आवाज़े बोहोत बढ़िया करती हो.. उसने फिर से मुस्कुराते हुए कहा..
उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से चौंक पड़ी.. शर्म के मारे मेरे मुँह से अब शब्द नही निकल रहे थे..
वैसे कितनी बार किया था भैया ने ? ऑर आप के वाहा जो तिल है कसम से भाभी जी एक कातिल है.. उसने मेरे कुछ कहने से पहले ही अपनी बात कह दी..
मुझे तो लग रहा था कि इसने केवल आवाज़ ही सुनी है पर जब तिल की बात की तो मैं बुरी तरह से घबरा गयी..
वैसे भाभी जी मैने वो तिल अपने मोबाइल मे ले लिया है गाँव मे जा कर जब आप की याद आएगी तब आराम से देखा करूगा..
मेरे दोनो हाथ मेरे मुँह पर आ गये.. मैं उस से कुछ कहती तब तक मेरे मोबाइल की बेल बज गयी.. फ़ोन मनीष का था..
हेलो… जान.. मुझे ऑफीस के काम से 2 दिनो के लिए बाहर जाना पड़ रहा है.. मेरा वेट ना करना ऑर पीनू को खाना खिला देना ऑर खुद भी खा लेना.. ओकक बाइ कह कर मनीष ने फ़ोन कट कर दिया..
मैं उन्हे इस पीनू की हरकत के बारे मे बताना चाहती थी पर जब उन्होने बाहर जाने का नाम लिया तो फिर मैने अपने आप को रोक लिया.. क्यू की मैं अपनी वजह से उन्हे डिस्टर्ब नही करना चाहती थी.. इस लिए उन्हे कुछ नही कहा..
मैं वापस अपने कमरे मे जाने लगी क्यूकी उस से बात करने का कोई मतलब नही समझ मे आ रहा था.. समझ नही आ रहा था कि क्या कहु उस से उसने मेरी तस्वीरे अपने मोबाइल मे ले ली..
तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया कि कोई बात नही है रात को जब सो जाएगा तब उसके कमरे मे जाकर उसके मोबाइल से अपने तस्वीरे डिलीट कर दुगी..