29-12-2019, 12:17 PM
सब से पहले तो प्रणाम @सुभ प्रभात कोमल जी ??
बता नहीं सकता इस खुशी को व्यक्त कैसे कर पाऊंगा ?
में आप की कहानियों ओर आप की उत्कृष्ट लेखनी का एक बहुत बड़ा पाठक हूँ ! जोरू का गुलाम Xossip पर मैने जेठानी की आप के द्वारा दुर्दशा करने तक पड़ी थी फिर अचानक वो साइट बंद हो गयी मेरे साथ साथ लाखों दिल जो आप को किसी रति किसी देवी से कम नहीं मानतें है टूट गए !
तब से आज तक आप को हर जगह ढूंढा, हर किसी से पूछा सब कुछ किया आप से पुनः जुड़ने के लिए पर सब निर्थक ही साबित हुआ !!?
24 को भगवान ने पुनः आप से मिलवा दिया है ,,कोमल जी इस खुशी को में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ बस ये आग्रह है आप इस परिवार की मुखिया है हम सब आप के परिवार के सदस्य है ओर अब कभी इतना दूर मत होना जी नहीं पाएंगे !!
मैंने इस महनीय रचना को पुनः शुरू से पढ़ना आरंभ किया है एक निवेदन है कोई पार्ट मिस मत करना वोही क्रम बनाये रखना ये कोई कहानी नहीं है ये आप की अदभुत लेखनी का एक अमूल्य संग्रह एक प्रेमग्रहंथ है !! उस कहानी की तरह पहले जेठानी फिर गुड्डी फिर समधन सब की लेना और वो भी भर पेट खिला पिला के बखीर के साथ ?????
बता नहीं सकता इस खुशी को व्यक्त कैसे कर पाऊंगा ?
में आप की कहानियों ओर आप की उत्कृष्ट लेखनी का एक बहुत बड़ा पाठक हूँ ! जोरू का गुलाम Xossip पर मैने जेठानी की आप के द्वारा दुर्दशा करने तक पड़ी थी फिर अचानक वो साइट बंद हो गयी मेरे साथ साथ लाखों दिल जो आप को किसी रति किसी देवी से कम नहीं मानतें है टूट गए !
तब से आज तक आप को हर जगह ढूंढा, हर किसी से पूछा सब कुछ किया आप से पुनः जुड़ने के लिए पर सब निर्थक ही साबित हुआ !!?
24 को भगवान ने पुनः आप से मिलवा दिया है ,,कोमल जी इस खुशी को में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ बस ये आग्रह है आप इस परिवार की मुखिया है हम सब आप के परिवार के सदस्य है ओर अब कभी इतना दूर मत होना जी नहीं पाएंगे !!
मैंने इस महनीय रचना को पुनः शुरू से पढ़ना आरंभ किया है एक निवेदन है कोई पार्ट मिस मत करना वोही क्रम बनाये रखना ये कोई कहानी नहीं है ये आप की अदभुत लेखनी का एक अमूल्य संग्रह एक प्रेमग्रहंथ है !! उस कहानी की तरह पहले जेठानी फिर गुड्डी फिर समधन सब की लेना और वो भी भर पेट खिला पिला के बखीर के साथ ?????