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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
'बेड टी '

[Image: tea-111.jpg]









रोल प्ले खत्म हुआ जब सुबह वो बेड टी ले के आये ,

 
लेकिन  उसके पहले हम दोनों ने उन्हें 'बेड टी ' पिलाई।



असल में मेरी चुनमुनिया कुलबुला रही थी , सास दामाद की प्रेमलीला देख देख कर


[Image: Pussy-tumblr-pgbwbt-ZEfr1t8w951o1-1280.jpg]


लेकिन उससे भी ज्यादा जिस तरह से वो आदरणीया सास की , अपनी माँ को एक से एक मस्त गालियां दे रहे थे


अब ये पक्का हो गया था ये बेटा बिना अपनी माँ को चोदे नहीं रहेगा

और ये सुन सुन के मैं और , ... रहा नहीं जा रहा था



 
मैंने मम्मी को प्रॉमिस किया था की आज रात इनके खूंटे को मैं हाथ भी नहीं लगाउंगी , ...

 ( इसीलिए तो मैंने पैर से उस मोटे को पकड़ जकड के रगड़ा था

और अपने किसी भी छेद में इनका मूसल नहीं घोंटूंगी ( इसलिए बहुत ललचायी , तो इनके 'रसगुल्ले ' को ही घोंट के ही ,.. )


 
लेकिन ये तो मेरी चुनमुनिया को चाट चूस सकते थे

इसलिए जैसे ही ये अपने सास से अलग हुए , इनकी सास इनके ऊपर से हटीं , मैं चढ़ गयी

[Image: face-sitting-21374640.gif]


मेरी चुनमुनिया सीधे इनके मुंह के ऊपर , ...
 
ये एकदम पक्के लालची , नदीदे , लगे चाटने चूसने

पर मैंने अपनी जाँघों को थोड़ा सा ऊपर कर दिया , और कंधो को कस के दबा दिया


अब बेचारे वो सर उठा के अपनी जीभ निकाल के मेरी गुलाबो पर , नीचे से ही ,

[Image: Pussy-licking-G-tumblr-o2cwkg-PO4t1revz5to1-400.gif]
 
लेकिन मन तो मेरा भी उतना ही कर रहा था मैं एक बार फिर से बैठ गयी


और उनके खुले होंठों के बीच अपने निचले होंठों को ,
 
जैसे थोड़ी देर पहले उनकी सास उन्हें चोद रही थीं , कस कस के ,
 
उसी तरह मेरी गुलाबो भी कस कस के उनके होंठों को रगड़ रही थी

[Image: face-sitting-gif-19780042.gif]
 
सच में चूसने में उनका जवाब नहीं था , पक्का चूत चटोरा , ... दोनों होंठ मेरी फांको के ऊपर और चूत के अंदर उनकी जीभ


क्या कोई लंड से चोदेगा जैसे वो जीभ से चोद रहे थे , हुआ वही जो होना था , दस मिनट और मैं ऐसी झड़ी की , .... 


एकदम थेथर लेकिन उनका चूसना चाटना बंद नहीं हुआ
[Image: face-sitting-19630444.gif]

और मैं भी ,
 
लेकिन थोड़ी देर में एक और परेशानी गयी , ... सुनहली धूप की पहली किरण छन के आना शुरू हो गयी थी , पिघलते सोने की तरह ,
 
और जो सुबह सुबह होता है ,... 

बहुत जोर से रही थी ,
 
मैंने छुड़ाने की कोशिश की 


लेकिन मम्मी के दामाद की पकड़ , पहली रात से ही मैं समझ गयी थी की मैं इससे छूट नहीं सकती थी ,
 
मैंने हलके से बोला भी , ...
 
 
छोड़ यार , ... रही है बहुत जोर से , ...
 
जवाब में उन्होंने और कस के पकड़ लिया मुझे ,
 
मुस्कराते , उन्हें समझाते मैंने हलके से एक चपत लगाई और वार्न किया ,
 
" हे छोड़ यहीं हो जायेगी यहीं "

[Image: face-sitting-20959983.gif]
 
पर वो ऐसे मुस्कराये जैसे कह रहे हों , हो जाने दो ,...
 
और फिर कस के अपने दोनों होंठ मेरी गुलाबो से चिपका दिया एकदम और इतनी जोर से चूसने लगे की ,
 
किसी तरह से मैंने अपनी गुलाबो को उठाने की कोशिश की


उनका मुंह एकदम खुला था

सुनहली धुप हम दोनों पर बरस रही थी

और मेरी गुलाबो से

[Image: pussy-wet.jpg]
 
एक सुनहली बूंद

दूसरी सुनहली बूंद ,...
 
और फिर  तो मैं चाह के  भी नहीं रोक सकती थी ,

तेज धार छलछल

सीधे मेरे निचले होंठों से  उनके होंठ के बीच ,
 
वो मुंह   खोल के एक एक बूँद रोप रहे थे , ...
 
मुझे बहुत प्यार रहा था , उनपर 
 
प्यार से  उनके गाल पर चपत मारते हुए मैंने बोला ,
 
" देख , स्साले माँ के भंडुए , ... एक भी बूँद अगर बाहर छलकी तो बहुत मारूंगी मैं, ... "
 
मम्मी मुझे देख कर मुस्करा रही थीं

[Image: mom-5.jpg]


मुझे उकसा रही थीं , और फिर तो जैसे बाँध टूट पड़ा ,
 
लेकिन  सच में एक भी बूद बाहर नहीं छलकी

और फिर मैंने अपनी चुनमुनिया  उनके होंठों के बीच चिपका दिया , और अब सीधे मेरे निचले होंठों से उनके होंठों से   होते हुए , ... 


कुछ देर तक उनका गाल फुला रहा , फिर सब का सब पेट में , ...
 
और मेरे बाद मम्मी ने नंबर लगाया लेकिन टिपिकल उनकी सास , उनसे खुल कर कहलवाया , उनसे बुलवाया
 
गोल्डन शावर , सुनहली शराब , बल्कि साफ साफ ,
 
और उसके बाद जम कर ,



 
दो कप बेड टी उन्हें हम माँ बेटी ने पिलाई , सुबह हो रही थी
 
 
और उसके बाद हम दोनों सो गए , वो घर के काम में लग गए।
 
सुबह का ब्रेकफास्ट , बाकी सब कुछ,
 
ब्रेकफास्ट टेबल पर हम दोनों ,मैं और मम्मी उन्हें चिढाते रहे ,खूब छेड़ते रहे।  उनकी माँ का नाम ले ले ,


 
मम्मी तो सीधे उन्हें मादरचोद कह के ही बुला रही थीं

अरे चोदने में लाज नहीं तो नाम में क्या लाज , बिचारे बीरबहूटी हो रहे थे।
 
और मैं भी उन्हें बार बार याद दिला रही थी ,
 
" याद हैं आज से ठीक २२ दिन ,बल्कि २१ दिन बाद ,देखते देखते २१ दिन बीत जाएंगे पता ही नहीं चलेगा तुझे , लांग वीकेंड है , दो तीन दिन की छुट्टी ले ले ,बल्कि आज ही अप्लाई  कर देना , चार पांच दिन मातृभूमि की सेवा में , है न। "
 
और जब मेरी निगाह सामने टंगे कैलेण्डर पर गयी ,
 
उनकी चोरी पकड़ी गयी , मैं और मम्मी खिलखिलाहटों में डूब गए।
 
२१ दिन बाद वाली ' उस तारीख ' को आलरेडी उन्होंने लाल गोले से घेर दिया था।
 
 
" आफिस में आज एक जल्दी मीटिंग है ,निकलना है।

कह के शरमाते लजाते वो उठ खड़े हुए , लेकिन मम्मी भी उनके उठते उठते भी उनकी पेंट खोल चेक चेक  कर लिया।
 
सब ठीक था , फार्मल ग्रे  पैंट के अंदर 


मम्मी की दो दिन की पहनी पैंटी


[Image: Panty-MIL.jpg]


और उनका ' वो ' भी थोड़ा सोया ज्यादा जागा।
 
अपनी पैंटी के ऊपर से ' उसे ' रगड़ते मम्मी बोलीं ,
 
" बहुत याद रही है मेरी छिनार चूत मरानो समधन के भोंसडे की , जा जा अरे जल्द ही   दिलवाऊंगी तुझे रसीले भोंसडे का रस , उन के भी भोंसडे में तुझ से ज्यादा चींटे काट रहे हैं , अभी आता होगा बुरचोदो का फोन। "
 
और सच में वो निकले भी नहीं थे की मेरी सास का फोन गया , आफ कोर्स स्पीकर फोन था


और आज तो कल से भी दस गुना ज्यादा खुल्लम खुला दोनों समधनों के बीच बातें हो रही थी।
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 29-12-2019, 10:50 AM



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