29-12-2019, 09:55 AM
(This post was last modified: 08-03-2021, 11:16 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उनकी सास,
मेरे चेहरे की ओर देख कर मम्मी समझ गयीं , और उन्होंने इशारा किया मैं भी आ जाऊं उनके दामाद का खूंटा चूसने चाटने में , ऐसी तैसी करने में ,
बस हम दोनों मिल के , ... लेकिन मैं मान गयी मम्मी को ,
सिर्फ जीभ की टिप से , ...
पहले तो मम्मी ने अपने दोनों होंठों से दबा के बहुत हलके से सुपाड़ा का चमड़ा हटा दिया ,
वो मोटा , पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा पूरी तरह खुल गया था ,
और अब मम्मी की सिर्फ जीभ की टिप से सुपाड़े के चारों ओर ,
बहुत हलके से फिर सीधे पेशाब वाले छेद के अंदर उन्होंने जीभ की टिप गड़ा दी ,
और लगी सुरसुरी करने ,
उनकी हालत खराब हो रही थी , वो सिसक रहे थे ,उचक रहे थे ,
पर उनकी सास इत्ती जल्दी छोड़ने वाली नहीं थी , अब वो जीभ से चाट रही थीं , ...
लेकिन इतना मोटा गन्ना , रसदार , उनसे भी नहीं रहा गया ,
गप्पांक से उन्होंने पूरा सुपाड़ा घोंट लिया , ...
और लगी चुभलाने चूसने , जीभ से साथ लिक भी कर रही थी ,
और अब दोनों हाथों से कस के अपने दामाद के मोटे गन्ने को उन्होंने पकड़ भी लिया ,
मुठिया भी रही थीं , चूस भी रही थीं ,
और मैं देख रही थी ललचा रही थी
मम्मी ने कनखियों से देखा मुझे और इशारा किया ,
बस ,
अब गन्ना सास चूस रही थी , और
दोनों रसगुल्ले सास की बेटी , ....
कुछ ही देर में मम्मी ने इनका पूरा बित्ते का घोंट लिया ,
और मुझे भी कुछ इशारा किया
उनका सबसे सेंसिटव प्वाइट , ...पिछवाड़े का छेद
रसगुल्ले के चूसने के साथ , मेरी उंगलिया अब गोलकुंडा के आस पास चक्कर काट रही थीं , ..
फिर सीधे छेद पर , पहले तो दबाया फिर ऊँगली की टिप हलके हलके ,
उनकी हालत अब एकदम खराब हो रही थी ,
उनका सुपाड़ा अब बार मम्मी की हलक में ठोकर मार रहा था ,
वो कस कस के चूस रही थी ,
साथ में उनकी जीभ दामाद के मूसल के निचले हिस्से को रगड़ रगड़ के चाट रही थीं ,
और अब उनका मन कर रहा था सास उनकी अब चूस चूस कर के ही झाड़ दें ,
मम्मी ने उन्हें छोड़ दिया ,
और मैंने भी ,...
हम दोनों दूर बैठे , मम्मी उन्हें देख के मुस्करा रहीं थी , उनका खूंटा एकदम खड़ा , परेशान ,
लेकिन मम्मी से बहुत देर देखा नहीं गया और अपने दामाद को खींच के अपने पास बुला लिया और सीधे अपने गदराये ३६ डी डी के जोबन को ,
पहले उनके हाथों में , फिर होंठों पर , ...
हम दोनों को मालूम था मम्मी के उभार उन्हें किस तरह ललचाते थे ,
लेकिन असली चीज तो कुछ और थी ,
मम्मी ने खुद उनके खूंटे को पकड़ के अपने उभारों के बीच , और खुद उनके ऊपर चढ़ कर टिट फक करने लगीं ,
कुछ देर बाद वो ऊपर थे ,
अपने सुपाड़े को मम्मी के निप्स के ऊपर फ्लिक कर रहे थे
पर कुछ देर में ही अपने मोटे बालिस्त भर लम्बे लंड से अपनी सास की बड़ी बड़ी चूँचियों को चोद रहे थे ,
मम्मी भी न
अपनी लम्बी जीभ निकाल के उनके खुले सुपाड़े को चाट लेती थीं।
लेकिन अब उनकी सास ने नहीं रहा गया ,
उन्होंने धक्का देकर दामाद को पलंग पर पटक दिया , और खुद ऊपर
और सास की बेटी
मेरे चेहरे की ओर देख कर मम्मी समझ गयीं , और उन्होंने इशारा किया मैं भी आ जाऊं उनके दामाद का खूंटा चूसने चाटने में , ऐसी तैसी करने में ,
बस हम दोनों मिल के , ... लेकिन मैं मान गयी मम्मी को ,
सिर्फ जीभ की टिप से , ...
पहले तो मम्मी ने अपने दोनों होंठों से दबा के बहुत हलके से सुपाड़ा का चमड़ा हटा दिया ,
वो मोटा , पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा पूरी तरह खुल गया था ,
और अब मम्मी की सिर्फ जीभ की टिप से सुपाड़े के चारों ओर ,
बहुत हलके से फिर सीधे पेशाब वाले छेद के अंदर उन्होंने जीभ की टिप गड़ा दी ,
और लगी सुरसुरी करने ,
उनकी हालत खराब हो रही थी , वो सिसक रहे थे ,उचक रहे थे ,
पर उनकी सास इत्ती जल्दी छोड़ने वाली नहीं थी , अब वो जीभ से चाट रही थीं , ...
लेकिन इतना मोटा गन्ना , रसदार , उनसे भी नहीं रहा गया ,
गप्पांक से उन्होंने पूरा सुपाड़ा घोंट लिया , ...
और लगी चुभलाने चूसने , जीभ से साथ लिक भी कर रही थी ,
और अब दोनों हाथों से कस के अपने दामाद के मोटे गन्ने को उन्होंने पकड़ भी लिया ,
मुठिया भी रही थीं , चूस भी रही थीं ,
और मैं देख रही थी ललचा रही थी
मम्मी ने कनखियों से देखा मुझे और इशारा किया ,
बस ,
अब गन्ना सास चूस रही थी , और
दोनों रसगुल्ले सास की बेटी , ....
कुछ ही देर में मम्मी ने इनका पूरा बित्ते का घोंट लिया ,
और मुझे भी कुछ इशारा किया
उनका सबसे सेंसिटव प्वाइट , ...पिछवाड़े का छेद
रसगुल्ले के चूसने के साथ , मेरी उंगलिया अब गोलकुंडा के आस पास चक्कर काट रही थीं , ..
फिर सीधे छेद पर , पहले तो दबाया फिर ऊँगली की टिप हलके हलके ,
उनकी हालत अब एकदम खराब हो रही थी ,
उनका सुपाड़ा अब बार मम्मी की हलक में ठोकर मार रहा था ,
वो कस कस के चूस रही थी ,
साथ में उनकी जीभ दामाद के मूसल के निचले हिस्से को रगड़ रगड़ के चाट रही थीं ,
और अब उनका मन कर रहा था सास उनकी अब चूस चूस कर के ही झाड़ दें ,
मम्मी ने उन्हें छोड़ दिया ,
और मैंने भी ,...
हम दोनों दूर बैठे , मम्मी उन्हें देख के मुस्करा रहीं थी , उनका खूंटा एकदम खड़ा , परेशान ,
लेकिन मम्मी से बहुत देर देखा नहीं गया और अपने दामाद को खींच के अपने पास बुला लिया और सीधे अपने गदराये ३६ डी डी के जोबन को ,
पहले उनके हाथों में , फिर होंठों पर , ...
हम दोनों को मालूम था मम्मी के उभार उन्हें किस तरह ललचाते थे ,
लेकिन असली चीज तो कुछ और थी ,
मम्मी ने खुद उनके खूंटे को पकड़ के अपने उभारों के बीच , और खुद उनके ऊपर चढ़ कर टिट फक करने लगीं ,
कुछ देर बाद वो ऊपर थे ,
अपने सुपाड़े को मम्मी के निप्स के ऊपर फ्लिक कर रहे थे
पर कुछ देर में ही अपने मोटे बालिस्त भर लम्बे लंड से अपनी सास की बड़ी बड़ी चूँचियों को चोद रहे थे ,
मम्मी भी न
अपनी लम्बी जीभ निकाल के उनके खुले सुपाड़े को चाट लेती थीं।
लेकिन अब उनकी सास ने नहीं रहा गया ,
उन्होंने धक्का देकर दामाद को पलंग पर पटक दिया , और खुद ऊपर