28-12-2019, 10:44 AM
Update 28
आशु कन्फ्यूज़ हो गया. "मेरी क्या ग़लती है...मैं तो बस आपकी मदद करना चाहता हूँ" आशु ने कहा.
"मेरा सर घूम रहा है प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो" अपर्णा ने कहा.
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई. सौरभ ने दरवाजा खोला. सामने पूजा खड़ी थी.
"अपर्णा कहा है?" पूजा ने पूछा.
"यही है..आओ" सौरभ ने कहा.
पूजा अंदर आ गयी और अपर्णा के पास बैठ गयी.
"सॉरी कल शाम को मैं नही आ सकी....इतनी गहरी नींद आई की पूछो मत" पूजा ने कहा.
"कोई बात नही" अपर्णा ने कहा.
"ये चेहरा क्यों उतरा हुआ है तुम्हारा" पूजा ने कहा.
"जब कोई ऐसी मुसीबत में फँसा हो तो...और क्या होगा" अपर्णा ने कहा.
"ज़्यादा देर तक तुम इस मुसीबत में नही रहोगी...बहुत जल्द असली मुजरिम पकड़ा जाएगा" पूजा ने कहा.
"कैसे होगा ये चमत्कार पोलीस तो मेरे पीछे पड़ी है उन्हे कैसे यकीन दीलाएँगे की खूनी मैं नही कोई और है" अपर्णा ने कहा.
"आप चिंता मत करो अपर्णा जी सब ठीक हो जाएगा" आशु ने कहा.
"कैसे ठीक होगा सब मुझे समझाओ तो सही" अपर्णा झल्ला कर बोली.
किसी के पास कोई जवाब नही था.
"सिर्फ़ कहने भर से की सब ठीक हो जाएगा बात नही बनती...मुझे तो हर तरफ अंधेरा दीखाई दे रहा है" अपर्णा ने कहा.
अचानक दरवाजा खड़कने लगा.
"आशु....तुम यहा हो क्या?" बाहर से आवाज़ आई
"ये तो भोलू की आवाज़ है" आशु बड़बड़ाया.
आशु ने दरवाजा खोला.
"शूकर है तू मिल गया...तुझे ढूँढ-ढूँढ कर थक गया मैं"
आशु ने भोलू को अंदर नही आने दिया और अपने पीछे दरवाजा बंद करके वही खड़ा हो गया.
"क्या हुआ...मुझे क्यों ढूँढ रहे थे तुम?" आशु ने पूछा.
"रोज पूछता था ना तू अपनी जाय्निंग के बारे में"
"हां-हां आगे बोल"
"चल आज तेरी सॉरी आपकी जाय्निंग करा देता हूँ....अब तो तुम एसआइ बन जाओगे तुम्हे आप ही बोलना पड़ेगा"
"तू ये क्या कह रहा है....मुझे यकीन नही हो रहा"
"यकीन करले अब....तुझे फॉरन चलना होगा मेरे साथ...अभी जाय्निंग हो जाएगी तुम्हारी"
"ये सब अचानक कैसे"
"नयी एएसपी साहिबा आई हैं उन्होने ही ऑर्डर दिया है तुम्हारी जाय्निंग का चलो अब देर मत करो"
ये ऐसा वक्त था कि एमोशन्स उमड़ आना नॅचुरल है. आशु की आँखो में आँसू उभर आए और उसने भोलू को गले लगा लिया और बोला, "लगता था कि पोलीस में जाने का सपना, सपना ही रह जाएगा...तू मुझे बस 15 मिनट दे मैं अभी आता हूँ"
"ठीक है मैं अपने घर पर हूँ वही आ जाना" भोलू ने कहा.
भोलू के जाने के बाद आशु अंदर आया. उसकी आँखे अभी भी भरी हुई थी.
अंदर सभी ने भोलू और आशु की बातें सुन ली थी.
आशु के अंदर आते ही सौरभ ने उसे गले से लगा लिया.
"वाओ....मेरा आशु अब पोलीस में जाएगा और सबकी बॅंड बजाएगा"
"गुरु सब तुम्हारी दुवाओ का नतीजा है"
"भाई मुझे तो यकीन नही था...इसलिए मैने कभी दुवा नही की...सब तेरी लगन का नतीज़ा है...बड़ी महनत से दिए थे तूने पेपर....मान गये आशु"
"गुरु हो ना हो इसमें अपर्णा जी के सपने का भी हाथ है" आशु ने कहा.
अपर्णा ने अपने तेज धड़कते दिल पर हाथ रखा और बोली, "ऐसा नही हो सकता"
"क्या हुआ अपर्णा जी क्या आपको ख़ुशी नही हुई" आशु ने कहा.
"नही-नही ऐसा नही है मैं तुम्हारे लिए खुश हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर आपने क्यों कहा कि ऐसा नही हो सकता...आपका सपना तो सच हो गया...और कुछ याद हो तो बताओ ना क्या पता वो भी सच हो जाए" आशु ने कहा.
"इतना कुछ सच हो गया.... अब क्या हर बात सच होगी....ऐसा नही होगा" अपर्णा ने कहा.
अपर्णा की बात किसी को समझ नही आई. आती भी कैसे पूरा सपना तो सिर्फ़ उसे ही पता था.
"अपर्णा जी क्या हुआ आप इतनी परेशान सी क्यों लग रही हैं." आशु ने पूछा.
"कुछ नही...तुम जाओ वरना लेट हो जाओगे" अपर्णा ने कहा.
"अरे हां...मैं लेट हो रहा हूँ....गुरु मैं निकलता हूँ...पहले जाके जॉइन कर लू बाकी की बाते बाद में करेंगे" आशु ने कहा.
"ठीक है तुम निकलो हम तीनो बैठ कर आगे का प्लान बनाते हैं." सौरभ ने कहा.
"ठीक है तुम लोग प्लान बनाओ मैं बाद में मिलता हूँ" आशु ने कहा और कमरे से निकल गया.
आशु कन्फ्यूज़ हो गया. "मेरी क्या ग़लती है...मैं तो बस आपकी मदद करना चाहता हूँ" आशु ने कहा.
"मेरा सर घूम रहा है प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो" अपर्णा ने कहा.
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई. सौरभ ने दरवाजा खोला. सामने पूजा खड़ी थी.
"अपर्णा कहा है?" पूजा ने पूछा.
"यही है..आओ" सौरभ ने कहा.
पूजा अंदर आ गयी और अपर्णा के पास बैठ गयी.
"सॉरी कल शाम को मैं नही आ सकी....इतनी गहरी नींद आई की पूछो मत" पूजा ने कहा.
"कोई बात नही" अपर्णा ने कहा.
"ये चेहरा क्यों उतरा हुआ है तुम्हारा" पूजा ने कहा.
"जब कोई ऐसी मुसीबत में फँसा हो तो...और क्या होगा" अपर्णा ने कहा.
"ज़्यादा देर तक तुम इस मुसीबत में नही रहोगी...बहुत जल्द असली मुजरिम पकड़ा जाएगा" पूजा ने कहा.
"कैसे होगा ये चमत्कार पोलीस तो मेरे पीछे पड़ी है उन्हे कैसे यकीन दीलाएँगे की खूनी मैं नही कोई और है" अपर्णा ने कहा.
"आप चिंता मत करो अपर्णा जी सब ठीक हो जाएगा" आशु ने कहा.
"कैसे ठीक होगा सब मुझे समझाओ तो सही" अपर्णा झल्ला कर बोली.
किसी के पास कोई जवाब नही था.
"सिर्फ़ कहने भर से की सब ठीक हो जाएगा बात नही बनती...मुझे तो हर तरफ अंधेरा दीखाई दे रहा है" अपर्णा ने कहा.
अचानक दरवाजा खड़कने लगा.
"आशु....तुम यहा हो क्या?" बाहर से आवाज़ आई
"ये तो भोलू की आवाज़ है" आशु बड़बड़ाया.
आशु ने दरवाजा खोला.
"शूकर है तू मिल गया...तुझे ढूँढ-ढूँढ कर थक गया मैं"
आशु ने भोलू को अंदर नही आने दिया और अपने पीछे दरवाजा बंद करके वही खड़ा हो गया.
"क्या हुआ...मुझे क्यों ढूँढ रहे थे तुम?" आशु ने पूछा.
"रोज पूछता था ना तू अपनी जाय्निंग के बारे में"
"हां-हां आगे बोल"
"चल आज तेरी सॉरी आपकी जाय्निंग करा देता हूँ....अब तो तुम एसआइ बन जाओगे तुम्हे आप ही बोलना पड़ेगा"
"तू ये क्या कह रहा है....मुझे यकीन नही हो रहा"
"यकीन करले अब....तुझे फॉरन चलना होगा मेरे साथ...अभी जाय्निंग हो जाएगी तुम्हारी"
"ये सब अचानक कैसे"
"नयी एएसपी साहिबा आई हैं उन्होने ही ऑर्डर दिया है तुम्हारी जाय्निंग का चलो अब देर मत करो"
ये ऐसा वक्त था कि एमोशन्स उमड़ आना नॅचुरल है. आशु की आँखो में आँसू उभर आए और उसने भोलू को गले लगा लिया और बोला, "लगता था कि पोलीस में जाने का सपना, सपना ही रह जाएगा...तू मुझे बस 15 मिनट दे मैं अभी आता हूँ"
"ठीक है मैं अपने घर पर हूँ वही आ जाना" भोलू ने कहा.
भोलू के जाने के बाद आशु अंदर आया. उसकी आँखे अभी भी भरी हुई थी.
अंदर सभी ने भोलू और आशु की बातें सुन ली थी.
आशु के अंदर आते ही सौरभ ने उसे गले से लगा लिया.
"वाओ....मेरा आशु अब पोलीस में जाएगा और सबकी बॅंड बजाएगा"
"गुरु सब तुम्हारी दुवाओ का नतीजा है"
"भाई मुझे तो यकीन नही था...इसलिए मैने कभी दुवा नही की...सब तेरी लगन का नतीज़ा है...बड़ी महनत से दिए थे तूने पेपर....मान गये आशु"
"गुरु हो ना हो इसमें अपर्णा जी के सपने का भी हाथ है" आशु ने कहा.
अपर्णा ने अपने तेज धड़कते दिल पर हाथ रखा और बोली, "ऐसा नही हो सकता"
"क्या हुआ अपर्णा जी क्या आपको ख़ुशी नही हुई" आशु ने कहा.
"नही-नही ऐसा नही है मैं तुम्हारे लिए खुश हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर आपने क्यों कहा कि ऐसा नही हो सकता...आपका सपना तो सच हो गया...और कुछ याद हो तो बताओ ना क्या पता वो भी सच हो जाए" आशु ने कहा.
"इतना कुछ सच हो गया.... अब क्या हर बात सच होगी....ऐसा नही होगा" अपर्णा ने कहा.
अपर्णा की बात किसी को समझ नही आई. आती भी कैसे पूरा सपना तो सिर्फ़ उसे ही पता था.
"अपर्णा जी क्या हुआ आप इतनी परेशान सी क्यों लग रही हैं." आशु ने पूछा.
"कुछ नही...तुम जाओ वरना लेट हो जाओगे" अपर्णा ने कहा.
"अरे हां...मैं लेट हो रहा हूँ....गुरु मैं निकलता हूँ...पहले जाके जॉइन कर लू बाकी की बाते बाद में करेंगे" आशु ने कहा.
"ठीक है तुम निकलो हम तीनो बैठ कर आगे का प्लान बनाते हैं." सौरभ ने कहा.
"ठीक है तुम लोग प्लान बनाओ मैं बाद में मिलता हूँ" आशु ने कहा और कमरे से निकल गया.