28-12-2019, 07:24 AM
नमस्कार जी,
उम्मीद है कि आप अच्छे ही हो।
सबसे पहले बहुत बढ़िया अपडेट देने के लिए धन्याद। आपने जिस तरह से अनु का घर में स्वागत करवाया है वो बहुत ही बढ़िया है। दोनों ने एक दूसरे के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की ओर घर वालो ने भी अपना पुराना इतिहास दोहराने की कोशिश की।
कुछ सुझाव, अगर पसंद आए तो उन्हें आप कहानी में ले सकते है:-
(१) अभी इतनी जल्दी अनु के मा और पिताजी को गांव में मत लाओ। अभी थोड़ी कहानी ऐसे ही आगे बढ़ाओ।
(२) जैसा कि पहले भी लिखा गया है कि रितिका को सीधा सीधा खलनायक ना बनाओ, वो तो कहानी की नायिका रहा चुकी है। उस अब इस बात का एहसास होने दो की उसने क्या खोया है। उसे मनु के प्यार का एहसास करवाओ जो उसने अपनी नादानी के कारण खो दिया।
(३) कुछ ऐसा हो कि अनु और रितिका दोनों ही मनु के लिए लड़े। उससे अपने अपने प्यार का इजहार करे और उसका साथ पाने के लिए लड़े। (ये वाली बात काफी लोगो को जरूर पसंद आएगी और कहानी में एक नया मोड़ भी आ जाएगा)
वैसे ये सारी बातें केवल और केवल आपके लिए एक सुझाव ही है। उम्मीद है कि आप इन्हे एक बार पढ़े, बाकी तो आप खुद ही बहुत अच्छा लिखते है।
एक बार फिर से बढ़िया अपडेट के लिए धन्यवाद।
उम्मीद है कि आप अच्छे ही हो।
सबसे पहले बहुत बढ़िया अपडेट देने के लिए धन्याद। आपने जिस तरह से अनु का घर में स्वागत करवाया है वो बहुत ही बढ़िया है। दोनों ने एक दूसरे के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की ओर घर वालो ने भी अपना पुराना इतिहास दोहराने की कोशिश की।
कुछ सुझाव, अगर पसंद आए तो उन्हें आप कहानी में ले सकते है:-
(१) अभी इतनी जल्दी अनु के मा और पिताजी को गांव में मत लाओ। अभी थोड़ी कहानी ऐसे ही आगे बढ़ाओ।
(२) जैसा कि पहले भी लिखा गया है कि रितिका को सीधा सीधा खलनायक ना बनाओ, वो तो कहानी की नायिका रहा चुकी है। उस अब इस बात का एहसास होने दो की उसने क्या खोया है। उसे मनु के प्यार का एहसास करवाओ जो उसने अपनी नादानी के कारण खो दिया।
(३) कुछ ऐसा हो कि अनु और रितिका दोनों ही मनु के लिए लड़े। उससे अपने अपने प्यार का इजहार करे और उसका साथ पाने के लिए लड़े। (ये वाली बात काफी लोगो को जरूर पसंद आएगी और कहानी में एक नया मोड़ भी आ जाएगा)
वैसे ये सारी बातें केवल और केवल आपके लिए एक सुझाव ही है। उम्मीद है कि आप इन्हे एक बार पढ़े, बाकी तो आप खुद ही बहुत अच्छा लिखते है।
एक बार फिर से बढ़िया अपडेट के लिए धन्यवाद।