30-01-2019, 12:27 AM
“क्या कहा ठाकुर साहब? छोटे ठाकुरों पर किसी ने हमला किया, हम अभी पता लगाते हैं, किस माई के लाल में इतना दम है जो आपसे टक्कर ले रहा है?” दूसरी तरफ से उस शख्स ने हैरान होते हुये कहा।
रवि- “डैड हमारी तो किसी से दुश्मनी भी नहीं है...” रवी ने अपने पिता की तरफ देखते हुए कहा।
मनीष- “हमारी नहीं, मगर डैड की जरूर किसी से दुश्मनी है...” इतनी देर से खामोश मनीष ने पहली बार बोलते हुए कहा।
ठाकुर- “बेटा सच कहा। कोई तो है जो हमें नुकसान पहुँचाना चाहता है, मगर तुम फिकर मत करो हम पता लगा लेंगे...” ठाकुर ने संजीदा होते हुए कहा। ठाकुर ने अपने बेटों से कुछ देर बातें करने के बाद उन्हें अपने कमरे में। जाकर आराम करने के लिए कहा।
रवी और मनीष अपने कमरों में जाकर लेट गये। मनीष ने फैसला कर लिया था की शादी के बाद वो किसी दूसरी जगह जाकर रहेंगे।
इधर मोहित और सभी अपने घर पहुँच चुके थे। मौसी गोली की बात सुनकर बहुत डर गई थी। उसने धन्नो और करुणा को वापस जाने की सलाह दी। रात का खाना खाकर सभी सोने की तैयारी करने लगे। धन्नो और करुणा डर के मारे एक साथ एक कमरे में सोई थी और उन्हें जल्दी ही नींद आ गई।
रवी की आँखों से नींद गायब थी उसका लण्ड रात वाली बात को याद करते ही उठ चुका था और वो अपने लण्ड
को हाथ से सहलाते हुए शिल्पा का इंतजार करने लगा।
* * * * * * * * * *
शिल्पा और उसका यार सूरज
शिल्पा ने ठाकुर को दोपहर को ही कह दिया था की वो रात को नहीं आएगी।
शिल्पा अपने बाप के सोने के बाद अपने यार को मिसकाल दे दी थी और वो इस वक़्त शिल्पा को उल्टा करके चोद रहा था। शिल्पा अपने यार के 9" इंच लंबे और 24 इंच मोटे लण्ड से चुदते हुए दो बार झड़ चुकी थी। शिल्पा ने सिसकते हुए कहा-
“आहहह... तुम चोदने लगाते हो तो झड़ने का नाम ही नहीं लेते...”
“तुम्हें मेरी यही बात तो अच्छी लगती है...” उस शख्स ने अपने लण्ड को जोर से शिल्पा की चूत में अंदर-बाहर
करते हुए कहा।
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शिल्पा- “हाँ.. वो तो है, मगर तुम्हारा निशाना कैसे चूका?" शिल्पा ने मजे से सिसकते हुए कहा।
शायद ठाकुर के बेटों को कुछ दिन जिंदा रहना लिखा था..” उस शख्स ने हाँफते हुए कहा- “आह्ह... शिल्पा में झड़ रहा हूँ..” वो शख्स चिल्लाता हुआ शिल्पा की चूत को अपने वीर्य से भरने लगा।
शिल्पा भी अपनी चूत में वीर्य के जाते ही तीसरी बार झड़ने लगी। शिल्पा झड़ने के बाद सीधी होकर वहीं लेट
गई और वो शख्स भी उसके साइड में लेट गया।
जान मुझे कुछ दिनों तक यहाँ से जाना होगा, मगर मैं जल्द ही लौट आऊँगा..” उस शख्स ने शिल्पा की तरफ देखते हुए कहा।
शिल्पा- “सूरज मैं समझ सकती हूँ तुम्हारा यहाँ रहना ठीक नहीं है..." शिल्पा ने अपने यार को गले लगाते हुए
कहा।
सूरज- “ठीक है शिल्पा मैं चलता हूँ अपना खयाल रखना...” सूरज शिल्पा को अलविदा कहते हुए कपड़े पहनकर वहाँ से चला गया।
शिल्पा सूरज के जाते ही सोचने लगी की कब उनका इंतकाम पूरा होगा और कब वो आपस में शादी करेंगे। शिल्पा को अब अपने आपसे घिन होने लगी थी। शिल्पा चाहती थी की जल्द से जल्द उनका इंतकाम पूरा हो
जाये और वो भी शादी करके सूरज की पत्नी बनकर रहे। वो अपना जिश्म नोचवाकर तंग हो चुकी थी और वो अब अपना घर चाहती थी, जिसमें उसके पति और बच्चे हों। शिल्पा को सोचते-सोचते कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला।
*
रवि- “डैड हमारी तो किसी से दुश्मनी भी नहीं है...” रवी ने अपने पिता की तरफ देखते हुए कहा।
मनीष- “हमारी नहीं, मगर डैड की जरूर किसी से दुश्मनी है...” इतनी देर से खामोश मनीष ने पहली बार बोलते हुए कहा।
ठाकुर- “बेटा सच कहा। कोई तो है जो हमें नुकसान पहुँचाना चाहता है, मगर तुम फिकर मत करो हम पता लगा लेंगे...” ठाकुर ने संजीदा होते हुए कहा। ठाकुर ने अपने बेटों से कुछ देर बातें करने के बाद उन्हें अपने कमरे में। जाकर आराम करने के लिए कहा।
रवी और मनीष अपने कमरों में जाकर लेट गये। मनीष ने फैसला कर लिया था की शादी के बाद वो किसी दूसरी जगह जाकर रहेंगे।
इधर मोहित और सभी अपने घर पहुँच चुके थे। मौसी गोली की बात सुनकर बहुत डर गई थी। उसने धन्नो और करुणा को वापस जाने की सलाह दी। रात का खाना खाकर सभी सोने की तैयारी करने लगे। धन्नो और करुणा डर के मारे एक साथ एक कमरे में सोई थी और उन्हें जल्दी ही नींद आ गई।
रवी की आँखों से नींद गायब थी उसका लण्ड रात वाली बात को याद करते ही उठ चुका था और वो अपने लण्ड
को हाथ से सहलाते हुए शिल्पा का इंतजार करने लगा।
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शिल्पा और उसका यार सूरज
शिल्पा ने ठाकुर को दोपहर को ही कह दिया था की वो रात को नहीं आएगी।
शिल्पा अपने बाप के सोने के बाद अपने यार को मिसकाल दे दी थी और वो इस वक़्त शिल्पा को उल्टा करके चोद रहा था। शिल्पा अपने यार के 9" इंच लंबे और 24 इंच मोटे लण्ड से चुदते हुए दो बार झड़ चुकी थी। शिल्पा ने सिसकते हुए कहा-
“आहहह... तुम चोदने लगाते हो तो झड़ने का नाम ही नहीं लेते...”
“तुम्हें मेरी यही बात तो अच्छी लगती है...” उस शख्स ने अपने लण्ड को जोर से शिल्पा की चूत में अंदर-बाहर
करते हुए कहा।
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शिल्पा- “हाँ.. वो तो है, मगर तुम्हारा निशाना कैसे चूका?" शिल्पा ने मजे से सिसकते हुए कहा।
शायद ठाकुर के बेटों को कुछ दिन जिंदा रहना लिखा था..” उस शख्स ने हाँफते हुए कहा- “आह्ह... शिल्पा में झड़ रहा हूँ..” वो शख्स चिल्लाता हुआ शिल्पा की चूत को अपने वीर्य से भरने लगा।
शिल्पा भी अपनी चूत में वीर्य के जाते ही तीसरी बार झड़ने लगी। शिल्पा झड़ने के बाद सीधी होकर वहीं लेट
गई और वो शख्स भी उसके साइड में लेट गया।
जान मुझे कुछ दिनों तक यहाँ से जाना होगा, मगर मैं जल्द ही लौट आऊँगा..” उस शख्स ने शिल्पा की तरफ देखते हुए कहा।
शिल्पा- “सूरज मैं समझ सकती हूँ तुम्हारा यहाँ रहना ठीक नहीं है..." शिल्पा ने अपने यार को गले लगाते हुए
कहा।
सूरज- “ठीक है शिल्पा मैं चलता हूँ अपना खयाल रखना...” सूरज शिल्पा को अलविदा कहते हुए कपड़े पहनकर वहाँ से चला गया।
शिल्पा सूरज के जाते ही सोचने लगी की कब उनका इंतकाम पूरा होगा और कब वो आपस में शादी करेंगे। शिल्पा को अब अपने आपसे घिन होने लगी थी। शिल्पा चाहती थी की जल्द से जल्द उनका इंतकाम पूरा हो
जाये और वो भी शादी करके सूरज की पत्नी बनकर रहे। वो अपना जिश्म नोचवाकर तंग हो चुकी थी और वो अब अपना घर चाहती थी, जिसमें उसके पति और बच्चे हों। शिल्पा को सोचते-सोचते कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला।
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