30-01-2019, 12:22 AM
रिया- “मेरे होंठ क्या कोई खाना है जो तुम्हें लजीज लग रहे हैं?” रिया ने फिर से गुस्सा होते हुए कहा। मैं दरवाजा खोलती हूँ, कोई आ गया तो मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहूंगी।
धन्नो ने यह सुनते ही वहाँ से हटते हुए करुणा के साथ दूसरे कमरे में चली गई। करुणा ने कमरे में पहुँचते ही धन्नो से कहा- “क्या सुन रही थी वहाँ पर दीदी?”
धन्नो- “तुम्हें तो पता है मोहित का... वो रिया को मीठी गोली खिला रहा था। मगर वो चिड़िया उसके चंगुल में ना फैंसी..." धन्नो ने बेड पर बैठते हुए कहा।
उधर रिया ने दरवाजा खोल दिया और वापस जाकर मोहित के साथ बैठ गई।
धन्नो और करुणा आपस में बातें ही कर रही थी की मोहित और रिया उनके कमरे में दाखिल हुए और वहाँ पर बैठते हुए मोहित ने कहा- “शाम को हम मेले पर जा रहे हैं, हमने सोचा आप दोनों से भी पूछ लें...”
धन्नो ने मोहित की बात सुनकर कहा- “मोहित शाम को हम भी मनीष के साथ मेले में जा रहे हैं..."
मोहित खुश होते हुए- “फिर तो बहुत अच्छी बात है सब साथ में चलते हैं."
धन्नो- “ठीक है। शाम को सब साथ में चलेंगे, मगर एक गाड़ी में सब आ जाएंगे?” धन्नो ने सवाल किया।
मोहित- “हाँ क्यों नहीं? कार में चार लोग पीछे बैठ सकते हैं और वैसे भी मेला इतना दूर नहीं है...” मोहित ने फिर से जवाब दिया। मोहित और रिया कुछ देर तक उनसे बातें करने के बाद वहाँ से चले गये।
धन्नो ने करुणा से कहा- “मुझे नींद आ रही है मैं सो रही हूँ..”
धन्नो की बात सुनकर करुणा ने कहा- “मैं भी सो रही हूँ ताकी जल्दी शाम हो जाये...”
करुणा की
धन्नो ने यह सुनते ही वहाँ से हटते हुए करुणा के साथ दूसरे कमरे में चली गई। करुणा ने कमरे में पहुँचते ही धन्नो से कहा- “क्या सुन रही थी वहाँ पर दीदी?”
धन्नो- “तुम्हें तो पता है मोहित का... वो रिया को मीठी गोली खिला रहा था। मगर वो चिड़िया उसके चंगुल में ना फैंसी..." धन्नो ने बेड पर बैठते हुए कहा।
उधर रिया ने दरवाजा खोल दिया और वापस जाकर मोहित के साथ बैठ गई।
धन्नो और करुणा आपस में बातें ही कर रही थी की मोहित और रिया उनके कमरे में दाखिल हुए और वहाँ पर बैठते हुए मोहित ने कहा- “शाम को हम मेले पर जा रहे हैं, हमने सोचा आप दोनों से भी पूछ लें...”
धन्नो ने मोहित की बात सुनकर कहा- “मोहित शाम को हम भी मनीष के साथ मेले में जा रहे हैं..."
मोहित खुश होते हुए- “फिर तो बहुत अच्छी बात है सब साथ में चलते हैं."
धन्नो- “ठीक है। शाम को सब साथ में चलेंगे, मगर एक गाड़ी में सब आ जाएंगे?” धन्नो ने सवाल किया।
मोहित- “हाँ क्यों नहीं? कार में चार लोग पीछे बैठ सकते हैं और वैसे भी मेला इतना दूर नहीं है...” मोहित ने फिर से जवाब दिया। मोहित और रिया कुछ देर तक उनसे बातें करने के बाद वहाँ से चले गये।
धन्नो ने करुणा से कहा- “मुझे नींद आ रही है मैं सो रही हूँ..”
धन्नो की बात सुनकर करुणा ने कहा- “मैं भी सो रही हूँ ताकी जल्दी शाम हो जाये...”
करुणा की