30-01-2019, 12:09 AM
मौसी के होंठों पर धन्नो की चूत से निकलता हुआ वीर्य लग चुका था, जिसे वो अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। मौसी अब नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर धन्नो की चूत से निकलता हुए वीर्य चाटने लगी। मौसी उसका सारा वीर्य चाटने के बाद अपनी जीभ को धन्नो की चूत में घुसा दिया और अपनी जीभ को घुमा-घुमाकर उसकी चूत को अंदर से साफ करने लगी।
“ऊह्ह... आह्ह्ह...” धन्नो अपनी चूत में मौसी की जीभ के घुसते ही चीख पड़ी, पर थोड़ी ही देर बाद उसके मुँह से सिसकियां निकालने लगी। धन्नो को अब अपनी चूत में दर्द के साथ मीठा मजा आने लगा था।
मौसी ने धन्नों की पूरी चूत को चाटकर साफ कर दिया। बूढ़े का लण्ड फिर से तनने लगा था। धन्नो बूढे के लण्ड को उठता हुआ देखकर डर गई। उसने एक बार उत्तेजना में बूढ़े से चुदवा लिया था, मगर अब उसे बूढ़े से घिन आ रही थी। धन्नो उठते हुए अपने कपड़े पहनने लगी।
मौसी ने धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर कहा- “क्या हुआ रानी, पेट भर गया क्या?”
धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्म के मारे पानी-पानी हो गई, न जाने क्यों आज उसे अपने ऊपर घिन आ रही थी। धन्नो को अपनी आत्मा धिक्कार रही थी। वो मन ही मन में अपने आपको रवी का दोषी समझ रही थी, क्योंकी वो अब रवी की पत्नी बनने वाली थी।
धन्नो ने मौसी से कहा- “मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूँ...” यह कहते हुए धन्नो अपनी खटिया पर जाकर लेट गई और अपने ऊपर चादर ओढ़ ली।
बूढ़ा जो धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर पेशाब करने चला गया था, वो वापस आते ही मौसी की खटिया पर बैठ गया और अपनी कमीज निकालकर पहनने लगा। मौसी ने बूढ़े के हाथ से कमीज को छीनते हुए खटिया पर लेटा दिया और अपने हाथ से उसके काले लण्ड को सहलाते हुए कहने लगी- “कहाँ भाग रहा है कुत्ते? मेरी चूत की आग क्या तेरा बाप निकलेगा?” यह कहते हुए मौसी ने बूढ़े का लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
धन्नो अपने मुँह पर चादर ओढ़कर रो रही थी। उसे न जाने क्यों आज अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था। वो सोच रही थी की रवी से मिलने से पहले तो ठीक था, मगर अब वो जब रवीं की पत्नी बनने वाली थी तो उसे अपने ऊपर कंट्रोल रखना चाहिये था। धन्नो ना जाने कितनी देर तक यूँ ही अपने आपको धिक्कारती रही। अब उसके कानों में बूढ़े और मौसी की सिसकियां और गालियां सुनने में आ रही थी। धन्नो समझ गई के वो दोनों फिर से चुदाई कर रहे हैं। धन्नो ने फैसला कर लिया के आज के बाद वो अब अपने जिश्म पर किसी को हाथ लगाने नहीं देगी।
बूढ़े ने इस बार मौसी की चूत को चोदते हुए अपना वीर्य उसकी चूत में भर दिया और कुछ देर वहीं लेटने के बाद अपने कपड़े पहनकर वहां से चला गया। बूढ़े के जाने के बाद मौसी भी अपनी खटिया पर लेट गई।
* *
“ऊह्ह... आह्ह्ह...” धन्नो अपनी चूत में मौसी की जीभ के घुसते ही चीख पड़ी, पर थोड़ी ही देर बाद उसके मुँह से सिसकियां निकालने लगी। धन्नो को अब अपनी चूत में दर्द के साथ मीठा मजा आने लगा था।
मौसी ने धन्नों की पूरी चूत को चाटकर साफ कर दिया। बूढ़े का लण्ड फिर से तनने लगा था। धन्नो बूढे के लण्ड को उठता हुआ देखकर डर गई। उसने एक बार उत्तेजना में बूढ़े से चुदवा लिया था, मगर अब उसे बूढ़े से घिन आ रही थी। धन्नो उठते हुए अपने कपड़े पहनने लगी।
मौसी ने धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर कहा- “क्या हुआ रानी, पेट भर गया क्या?”
धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्म के मारे पानी-पानी हो गई, न जाने क्यों आज उसे अपने ऊपर घिन आ रही थी। धन्नो को अपनी आत्मा धिक्कार रही थी। वो मन ही मन में अपने आपको रवी का दोषी समझ रही थी, क्योंकी वो अब रवी की पत्नी बनने वाली थी।
धन्नो ने मौसी से कहा- “मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूँ...” यह कहते हुए धन्नो अपनी खटिया पर जाकर लेट गई और अपने ऊपर चादर ओढ़ ली।
बूढ़ा जो धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर पेशाब करने चला गया था, वो वापस आते ही मौसी की खटिया पर बैठ गया और अपनी कमीज निकालकर पहनने लगा। मौसी ने बूढ़े के हाथ से कमीज को छीनते हुए खटिया पर लेटा दिया और अपने हाथ से उसके काले लण्ड को सहलाते हुए कहने लगी- “कहाँ भाग रहा है कुत्ते? मेरी चूत की आग क्या तेरा बाप निकलेगा?” यह कहते हुए मौसी ने बूढ़े का लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
धन्नो अपने मुँह पर चादर ओढ़कर रो रही थी। उसे न जाने क्यों आज अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था। वो सोच रही थी की रवी से मिलने से पहले तो ठीक था, मगर अब वो जब रवीं की पत्नी बनने वाली थी तो उसे अपने ऊपर कंट्रोल रखना चाहिये था। धन्नो ना जाने कितनी देर तक यूँ ही अपने आपको धिक्कारती रही। अब उसके कानों में बूढ़े और मौसी की सिसकियां और गालियां सुनने में आ रही थी। धन्नो समझ गई के वो दोनों फिर से चुदाई कर रहे हैं। धन्नो ने फैसला कर लिया के आज के बाद वो अब अपने जिश्म पर किसी को हाथ लगाने नहीं देगी।
बूढ़े ने इस बार मौसी की चूत को चोदते हुए अपना वीर्य उसकी चूत में भर दिया और कुछ देर वहीं लेटने के बाद अपने कपड़े पहनकर वहां से चला गया। बूढ़े के जाने के बाद मौसी भी अपनी खटिया पर लेट गई।
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