30-01-2019, 12:08 AM
धन्नो अपने होंठों पर बूढे के काटने से छटपटा उठी और उसकी आँखें खुल गई। धन्नो की आँखें खुलते ही बूढ़ा उसके होंठों को छोड़कर उसके कंधे को चूमने लगा। धन्नो अपनी आँखें खोलते ही बूढ़े को अपने आपसे दूर करने का नाटक करने लगी। धन्नो अपने हाथों से बूढ़े के पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए कहने लगी- “हटो मेरे ऊपर से यह क्या बदतमीजी है?"
धन्नों के नाखून अपनी पीठ पर पड़ते ही बूढ़े ने धन्नो के दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए सीधा खटिया पर रख दिया, और उसे अपने हाथों से जोर से दबा दिया। धन्नो अब पूरी तरह से बूढ़े की गिरफ्त में थी। बूढ़े ने अपना मुँह फिर से धन्नो के होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डालने लगा। धन्नों ने अपने होंठ जोर से बंद कर दिये। बूढ़ा अपनी बाड़ी को हिलाते हुए धन्नों की बाड़ी पर रगड़ने लगा।
बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत पर रगड़ खाते ही धन्नो के मुँह से “आहहह... निकल गई।
धन्नों का मुँह खुलते ही बूढ़े ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। धन्नो को बूढ़े के मुँह से बदबू आ रही थी, मगर वो अब बहुत गरम हो चुकी थी, और वो अब बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत में लेना चाहती थी। बूढ़ा अपनी जीभ उसके मुँह में डाले अपना लण्ड धन्नो की चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो का पूरा जिम उत्तेजना के मारे काँप रहा था। धन्नों से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए उसने बूढ़े की जीभ को चूसते हुए अपनी चूत को उसके लण्ड पर दबाने लगी।
मौसी जो चुपचाप उन दोनों का खेल देख रही थी वो धन्नो की इस हरकत से हकबका कर रह गई। बूढ़े ने धन्नों के दोनों बाजू आजाद कर दिये। धन्नो अपने बाजू आजाद होते ही बूढे को अपनी बाहों का हार पहनाते हुए उसके बालों को सहलाने लगी।
बूढ़े ने अपनी जीभ धन्नो के मुँह से निकालते हुए उसकी जीभ को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया और उसे चाटने लगा। बूढ़ा कुछ देर तक धन्नो की जीभ चाटने के बाद उसके होंठों को छोड़ते हुए, नीचे होते हुए धन्नो की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसे जोर-जोर चाटने लगा। बूढ़ा अब एक-एक करके धन्नो की दोनों चूचियों को चाटते हुए अपने होंठों से काटने लगा।
ऊहह... आह्ह्ह..” धन्नो अपनी चूचियों पर बूढे के दाँत पड़ते ही जोर से सिसकते हुए अपने नाखून बूढे की पीठ पर गाड़ने लगी।
बूढ़ा अपनी पीठ पर धन्नो के नाखून पड़ते ही उसकी चूचियों को जोर-जोर से काटने लगा, और धन्नो बूढ़े की पीठ पर अपने नाखून जोर से गड़ाने लगी। धन्नो की चूचियों पर बूढे के काटने से लाल निशान पड़ चुके थे, और बूढ़े की पीठ का भी वोही हाल था, मगर दोनों उस वक़्त इस खेल का मजा ले रहे थे। बूढ़े ने नीचे होते हुए धन्नो की दोनों टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया।
धन्नो की टाँगें उसके पेट पर पड़ी थी और उसकी चूत बूढे की आँखों के सामने थी। बूढ़ा अपना काला लौड़ा धन्नो की रस टपकाती गुलाबी चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो अपनी चूत के छेद पर बूढे के लौड़े का स्पर्श पड़ते ही पागल हो गई। बूढ़े ने अपने हाथों से धन्नो की चूत के होंठों को खोलते हुए अपना लौड़ा वहाँ पर सेट कर दिया। धन्नो जल्दी से अपने चूतड़ उछालकर बूढ़े के लौड़े को अपनी चूत में लेने लगी। बूढ़े के लौड़े का सुपाड़ा धन्नो के चूतड़ उछालने से उसकी चूत में घुस गया।
“ऊह्ह...” बूढे के लौड़े का सुपाड़ा अपनी चूत में घुसते ही धन्नो के मुँह से हल्की चीख निकल गई। बूढे के लौड़े का सुपाड़ा बहुत मोटा था, इसलिए धन्नो को तकलीफ हो रही थी।
बूढ़े ने धन्नो की टाँगों को पकड़ते हुए एक धक्का मार दिया। बूढ़े का लौड़ा धन्नो की चूत को फैलाता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया।
धन्नो के मुँह से “आह्ह्ह... ओह्ह..” की जोर की चीख निकल गई। धन्नो को अपनी चूत पूरी भरी हुई महसूस हो रही थी। धन्नो को लगा जैसे बूढ़े ने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया है, वो अपना हाथ नीचे करते हुए बूढ़े के अंडों को चेक करने लगी।
धन्नों के नाखून अपनी पीठ पर पड़ते ही बूढ़े ने धन्नो के दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए सीधा खटिया पर रख दिया, और उसे अपने हाथों से जोर से दबा दिया। धन्नो अब पूरी तरह से बूढ़े की गिरफ्त में थी। बूढ़े ने अपना मुँह फिर से धन्नो के होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डालने लगा। धन्नों ने अपने होंठ जोर से बंद कर दिये। बूढ़ा अपनी बाड़ी को हिलाते हुए धन्नों की बाड़ी पर रगड़ने लगा।
बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत पर रगड़ खाते ही धन्नो के मुँह से “आहहह... निकल गई।
धन्नों का मुँह खुलते ही बूढ़े ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। धन्नो को बूढ़े के मुँह से बदबू आ रही थी, मगर वो अब बहुत गरम हो चुकी थी, और वो अब बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत में लेना चाहती थी। बूढ़ा अपनी जीभ उसके मुँह में डाले अपना लण्ड धन्नो की चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो का पूरा जिम उत्तेजना के मारे काँप रहा था। धन्नों से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए उसने बूढ़े की जीभ को चूसते हुए अपनी चूत को उसके लण्ड पर दबाने लगी।
मौसी जो चुपचाप उन दोनों का खेल देख रही थी वो धन्नो की इस हरकत से हकबका कर रह गई। बूढ़े ने धन्नों के दोनों बाजू आजाद कर दिये। धन्नो अपने बाजू आजाद होते ही बूढे को अपनी बाहों का हार पहनाते हुए उसके बालों को सहलाने लगी।
बूढ़े ने अपनी जीभ धन्नो के मुँह से निकालते हुए उसकी जीभ को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया और उसे चाटने लगा। बूढ़ा कुछ देर तक धन्नो की जीभ चाटने के बाद उसके होंठों को छोड़ते हुए, नीचे होते हुए धन्नो की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसे जोर-जोर चाटने लगा। बूढ़ा अब एक-एक करके धन्नो की दोनों चूचियों को चाटते हुए अपने होंठों से काटने लगा।
ऊहह... आह्ह्ह..” धन्नो अपनी चूचियों पर बूढे के दाँत पड़ते ही जोर से सिसकते हुए अपने नाखून बूढे की पीठ पर गाड़ने लगी।
बूढ़ा अपनी पीठ पर धन्नो के नाखून पड़ते ही उसकी चूचियों को जोर-जोर से काटने लगा, और धन्नो बूढ़े की पीठ पर अपने नाखून जोर से गड़ाने लगी। धन्नो की चूचियों पर बूढे के काटने से लाल निशान पड़ चुके थे, और बूढ़े की पीठ का भी वोही हाल था, मगर दोनों उस वक़्त इस खेल का मजा ले रहे थे। बूढ़े ने नीचे होते हुए धन्नो की दोनों टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया।
धन्नो की टाँगें उसके पेट पर पड़ी थी और उसकी चूत बूढे की आँखों के सामने थी। बूढ़ा अपना काला लौड़ा धन्नो की रस टपकाती गुलाबी चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो अपनी चूत के छेद पर बूढे के लौड़े का स्पर्श पड़ते ही पागल हो गई। बूढ़े ने अपने हाथों से धन्नो की चूत के होंठों को खोलते हुए अपना लौड़ा वहाँ पर सेट कर दिया। धन्नो जल्दी से अपने चूतड़ उछालकर बूढ़े के लौड़े को अपनी चूत में लेने लगी। बूढ़े के लौड़े का सुपाड़ा धन्नो के चूतड़ उछालने से उसकी चूत में घुस गया।
“ऊह्ह...” बूढे के लौड़े का सुपाड़ा अपनी चूत में घुसते ही धन्नो के मुँह से हल्की चीख निकल गई। बूढे के लौड़े का सुपाड़ा बहुत मोटा था, इसलिए धन्नो को तकलीफ हो रही थी।
बूढ़े ने धन्नो की टाँगों को पकड़ते हुए एक धक्का मार दिया। बूढ़े का लौड़ा धन्नो की चूत को फैलाता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया।
धन्नो के मुँह से “आह्ह्ह... ओह्ह..” की जोर की चीख निकल गई। धन्नो को अपनी चूत पूरी भरी हुई महसूस हो रही थी। धन्नो को लगा जैसे बूढ़े ने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया है, वो अपना हाथ नीचे करते हुए बूढ़े के अंडों को चेक करने लगी।