30-01-2019, 12:01 AM
मोहित ने उन सभी का परिचय उस लड़की से कराया- “यह रिया है मेरी होने वाली पत्नी..."
रिया ने सबको प्रणाम किया और धन्नो और करुणा को गौर से देखने लगी। मोहित ने रिया से उन सभी का परिचय कराया। धन्नो को रिया के सीने पर उठी हुई चूचियां बहुत पसंद आई। वो मोहित से कहने लगीतुम्हारी होने वाली बीवी बहुत सुंदर है...”
तभी मौसी कमरे में चाय लेकर आ गई और सबको चाय देते हुए बोली- “पूरे गाँव में यह एक ही तो गोरी और खूबसूरत है..”
मौसी को अचानक खयाल आया और वो हैरान होते हुए कहने लगी- “अरे तुम लोग खड़े क्यों हो। बैठो ना?”
मनीष वहाँ पर पड़ी दूसरी कुर्सी पर बैठ गया और धन्नो और करुणा जाकर दूसरी चारपाई पर बैठ गई, मनीष कुछ देर तक बातें करने के बाद मोहित और मौसी से इजाजत लेकर वहाँ से चला गया और उसके जाने के बाद रिया भी वहाँ पर सभी से इजाजत लेकर चली गई।
मौसी मनीष और रिया के जाने के बाद खाना बनाने चली गई और धन्नो और करुणा मोहित से बातें करने लगे। बातें करते हुए धन्नो ने ठाकुर की कही बात मोहित को सुना दी।
मोहित ने खुश होते हुए कहा- “यह तो बहुत अच्छा हुआ की तुम दोनों शादी की बाद हमारे गाँव में ही रहोगी...”
धन्नो ने भी मोहित से कहा- “तुमने तो गाँव में भी तगड़े माल को अपने हाथ में रखा है..”
मोहित ने कहा- “रिया मेरे बचपन का प्यार है। पहले उसका बाप उसे मुझसे दूर रहने को कहता था, मगर अब वो भी राजी है..."
हमें बातें करते हुए टाइम का पता ही नहीं चला, मौसी खाना बना चुकी थी। मौसी के साथ सभी ने खाना खाया और सभी सोने की तैयारी करने लगे। मौसी ने करुणा और धन्नो से पूछा- “तुम कमरे में सोओगी या बाहर आँगन में?” उस वक़्त बहार का मौसम था, ना तो इतनी ज्यादा ठंड थी ना ही गर्मी।
धन्नो ने कहा- मैं आँगन में सोऊँगी...”
करुणा ने कमरे में सोने के लिए कहा।
मौसी के घर में 3 कमरे थे उसने एक कमरे में करुणा का बिस्तर लगा दिया। मोहित जिस कमरे में था वहीं सो गया। मौसी ने आँगन में दो-चारपाईयां लगा दी, एक धन्नो के लिए और दूसरी अपने लिए। धन्नो अपनी चारपाई पर आकर लेट गई। मौसी भी अपनी चारपाई पर आकर लेट गई।
मौसी ने अपना चेहरा धन्नो की तरफ करते हुए कहा- “बेटी तुम्हें रिया कैसी लगी?”
धन्नो ने कहा- “मौसी बहुत खूबसूरत है वो लड़की..." और मौसी की तरफ देखते हुए कहा- “मौसी आपसे एक बात पूछनी है?”
मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ पूछो बेटी जो पूछना है...”
धन्नो ने मौसी से कहा- “मौसी वो जब हम ठाकुर के घर जा रहे थे तो रास्ते में एक सुनसान जगह थी...”
मौसी ने धन्नो को बीच में टोकते हुए कहा- “हाँ जहाँ पर एक खंडहर जैसी जगह बनी हुई है... बोल ना?”
धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी। वहाँ से गुजरते हुए हमें कुछ अजीब आवाजें सुनाई दे रही थी, जैसे कोई लड़की चीख रही हो..."
मौसी ने फिर से धन्नो को टोकते हुए कहा- “तुम कहीं उस जगह में तो नहीं गई? वहाँ पर सारे गाँव के बदमाश और आवारा लोग लड़कियों को बहला फुसलाकर उस खंडहर में ले जाते हैं और उनका काम कर देते हैं..."
धन्नो ने अंजान बनते हुए कहा- “नहीं मौसी हम वहाँ नहीं गये, मगर वो लोग लड़कियों को क्या करते हैं वहाँ?”
मौसी ने दाँत निकालते हुए कहा- “तुम इतनी भोली भी नहीं हो जो हमसे पूछ रही हो। तुम्हें पता नहीं की लड़के लड़कियों के पीछे क्यों लगे रहते हैं?”
धन्नो ने भोलेपन का नाटक करते हुए कहा- “मौसी बताओ। सच में मुझे नहीं पता और मैं जो बाथरूम में कर रही थी वो सिर्फ सोनाली आँटी को करते हुए देखा था इसलिए मैं भी करने लगी थी...”
मौसी ने कहा- “सच में सोनाली यह सब करती है?”
धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी सच में। मैंने सोनाली आँटी को करते हुए देखा है...”
मौसी ने कहा- “बेचारी जवानी में ही विधवा हो गई और क्या कर सकती है बेचारी। अच्छा तो तुमने अपनी आँटी की चूत देखी है?”
धन्नो ने शर्माने का नाटक करते हुए कहा- “जी हमने एक दफा देखी है...”
मौसी ने कहा- “तुम्हारी आँटी की चूत कैसी है?" ।
धन्नो ने अपना सिर नीचे करते हुए कहा- “जी उनकी बहुत गोरी है...”
मौसी ने खुश होते हुए कहा- “बिल्कुल तुम्हारी चूत की तरह..”
धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्माते हुए अपने मुँह पर चादर रख ली। धन्नो ने थोड़ी देर बाद मौसी से कहामौसी आप भी तो विधवा हैं। आप अपनी जवानी को कैसे संभालती आई हैं?”
मौसी ने धन्नो की बात सुनते ही चौंकते हुए कहा- “बेटी तुमसे क्या छुपाना? मैंने तो अपनी चूत में जी भरकर लण्ड डलवा दिए हैं। अब जब भी जरूरत पड़ती है तो एक बूढ़ा है उससे चुदवा लेती हूँ। साले का लौड़ा बहुत बड़ा और टाइट है, सारी आग बुझा देता है...”
धन्नो मौसी की बात सुनकर चुप हो गई और चुपचाप सो गई।
मौसी ने कहा- “क्या हुआ बेटी सो गई क्या?”
धन्नो ने करवट लेते हुए कहा- “मौसी बहुत नींद आ रही है...”
मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ सो जाओ बेटी मुझे भी नींद आ रही है...”
धन्नो को कुछ ही देर में नींद ने आगोश में ले लिया।
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रिया ने सबको प्रणाम किया और धन्नो और करुणा को गौर से देखने लगी। मोहित ने रिया से उन सभी का परिचय कराया। धन्नो को रिया के सीने पर उठी हुई चूचियां बहुत पसंद आई। वो मोहित से कहने लगीतुम्हारी होने वाली बीवी बहुत सुंदर है...”
तभी मौसी कमरे में चाय लेकर आ गई और सबको चाय देते हुए बोली- “पूरे गाँव में यह एक ही तो गोरी और खूबसूरत है..”
मौसी को अचानक खयाल आया और वो हैरान होते हुए कहने लगी- “अरे तुम लोग खड़े क्यों हो। बैठो ना?”
मनीष वहाँ पर पड़ी दूसरी कुर्सी पर बैठ गया और धन्नो और करुणा जाकर दूसरी चारपाई पर बैठ गई, मनीष कुछ देर तक बातें करने के बाद मोहित और मौसी से इजाजत लेकर वहाँ से चला गया और उसके जाने के बाद रिया भी वहाँ पर सभी से इजाजत लेकर चली गई।
मौसी मनीष और रिया के जाने के बाद खाना बनाने चली गई और धन्नो और करुणा मोहित से बातें करने लगे। बातें करते हुए धन्नो ने ठाकुर की कही बात मोहित को सुना दी।
मोहित ने खुश होते हुए कहा- “यह तो बहुत अच्छा हुआ की तुम दोनों शादी की बाद हमारे गाँव में ही रहोगी...”
धन्नो ने भी मोहित से कहा- “तुमने तो गाँव में भी तगड़े माल को अपने हाथ में रखा है..”
मोहित ने कहा- “रिया मेरे बचपन का प्यार है। पहले उसका बाप उसे मुझसे दूर रहने को कहता था, मगर अब वो भी राजी है..."
हमें बातें करते हुए टाइम का पता ही नहीं चला, मौसी खाना बना चुकी थी। मौसी के साथ सभी ने खाना खाया और सभी सोने की तैयारी करने लगे। मौसी ने करुणा और धन्नो से पूछा- “तुम कमरे में सोओगी या बाहर आँगन में?” उस वक़्त बहार का मौसम था, ना तो इतनी ज्यादा ठंड थी ना ही गर्मी।
धन्नो ने कहा- मैं आँगन में सोऊँगी...”
करुणा ने कमरे में सोने के लिए कहा।
मौसी के घर में 3 कमरे थे उसने एक कमरे में करुणा का बिस्तर लगा दिया। मोहित जिस कमरे में था वहीं सो गया। मौसी ने आँगन में दो-चारपाईयां लगा दी, एक धन्नो के लिए और दूसरी अपने लिए। धन्नो अपनी चारपाई पर आकर लेट गई। मौसी भी अपनी चारपाई पर आकर लेट गई।
मौसी ने अपना चेहरा धन्नो की तरफ करते हुए कहा- “बेटी तुम्हें रिया कैसी लगी?”
धन्नो ने कहा- “मौसी बहुत खूबसूरत है वो लड़की..." और मौसी की तरफ देखते हुए कहा- “मौसी आपसे एक बात पूछनी है?”
मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ पूछो बेटी जो पूछना है...”
धन्नो ने मौसी से कहा- “मौसी वो जब हम ठाकुर के घर जा रहे थे तो रास्ते में एक सुनसान जगह थी...”
मौसी ने धन्नो को बीच में टोकते हुए कहा- “हाँ जहाँ पर एक खंडहर जैसी जगह बनी हुई है... बोल ना?”
धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी। वहाँ से गुजरते हुए हमें कुछ अजीब आवाजें सुनाई दे रही थी, जैसे कोई लड़की चीख रही हो..."
मौसी ने फिर से धन्नो को टोकते हुए कहा- “तुम कहीं उस जगह में तो नहीं गई? वहाँ पर सारे गाँव के बदमाश और आवारा लोग लड़कियों को बहला फुसलाकर उस खंडहर में ले जाते हैं और उनका काम कर देते हैं..."
धन्नो ने अंजान बनते हुए कहा- “नहीं मौसी हम वहाँ नहीं गये, मगर वो लोग लड़कियों को क्या करते हैं वहाँ?”
मौसी ने दाँत निकालते हुए कहा- “तुम इतनी भोली भी नहीं हो जो हमसे पूछ रही हो। तुम्हें पता नहीं की लड़के लड़कियों के पीछे क्यों लगे रहते हैं?”
धन्नो ने भोलेपन का नाटक करते हुए कहा- “मौसी बताओ। सच में मुझे नहीं पता और मैं जो बाथरूम में कर रही थी वो सिर्फ सोनाली आँटी को करते हुए देखा था इसलिए मैं भी करने लगी थी...”
मौसी ने कहा- “सच में सोनाली यह सब करती है?”
धन्नो ने कहा- “हाँ मौसी सच में। मैंने सोनाली आँटी को करते हुए देखा है...”
मौसी ने कहा- “बेचारी जवानी में ही विधवा हो गई और क्या कर सकती है बेचारी। अच्छा तो तुमने अपनी आँटी की चूत देखी है?”
धन्नो ने शर्माने का नाटक करते हुए कहा- “जी हमने एक दफा देखी है...”
मौसी ने कहा- “तुम्हारी आँटी की चूत कैसी है?" ।
धन्नो ने अपना सिर नीचे करते हुए कहा- “जी उनकी बहुत गोरी है...”
मौसी ने खुश होते हुए कहा- “बिल्कुल तुम्हारी चूत की तरह..”
धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्माते हुए अपने मुँह पर चादर रख ली। धन्नो ने थोड़ी देर बाद मौसी से कहामौसी आप भी तो विधवा हैं। आप अपनी जवानी को कैसे संभालती आई हैं?”
मौसी ने धन्नो की बात सुनते ही चौंकते हुए कहा- “बेटी तुमसे क्या छुपाना? मैंने तो अपनी चूत में जी भरकर लण्ड डलवा दिए हैं। अब जब भी जरूरत पड़ती है तो एक बूढ़ा है उससे चुदवा लेती हूँ। साले का लौड़ा बहुत बड़ा और टाइट है, सारी आग बुझा देता है...”
धन्नो मौसी की बात सुनकर चुप हो गई और चुपचाप सो गई।
मौसी ने कहा- “क्या हुआ बेटी सो गई क्या?”
धन्नो ने करवट लेते हुए कहा- “मौसी बहुत नींद आ रही है...”
मौसी ने धन्नो की तरफ देखते हुए कहा- “हाँ सो जाओ बेटी मुझे भी नींद आ रही है...”
धन्नो को कुछ ही देर में नींद ने आगोश में ले लिया।
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