Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
#76
Big Grin


श्रद्धा सुबह होते ही सौरभ के कमरे से चल दी. आज उसका बापू वापिस आने वाला था इसलिए वो जल्द से जल्द घर पहुँचना चाहती थी.


"ठीक है...मैं तो चलती हूँ तुम लोग अपना प्लान बनाओ कि अब क्या करोगे...जहा मेरी ज़रूरत हो बता देना" श्रद्धा ने चलते हुए कहा.

सौरभ उसके करीब आया और धीरे से उसके कान में बोला, "ज़रूरत तो तुम्हारी हमेशा है...दुबारा गान्ड कब दोगि"

"तुम्हे चट नही चाहिए क्या...जिसे देखो मेरी गान्ड के पीछे पड़ा है....मार-मार कर सूजा दी मेरी अब नही दूँगी किसी को भी गान्ड मैं....चूत लेनी हो तो बताओ" श्रद्धा ने धीरे से कहा.

"मेरा वो मतलब नही था अगली बार तेरी चूत ही लेनी है...बता कब देगी" सौरभ ने कहा.

"पूरी रात मैं यहा बोर होती रही....रात नही निपटा सकते थे ये काम तुम"

"पागल हो क्या अपर्णा के रहते कैसे करते?"

"ओफ इस अपर्णा ने तो सारा मज़ा खराब कर रखा है....मैं जा रही हूँ बाद में बात करेंगे"

"ठीक है जाओ....जल्दी बताना कब दोगि?"

"आज मेरा बापू आ जाएगा.....जब मोका लगेगा बता दूँगी"

सौरभ ने उसकी तरफ आँख मारी और बोला, "जल्दी कोशिश करना"

"ठीक है गुरु जी मैं जाउ अब"

"हां-हां बिल्कुल" सौरभ ने कहा.

श्रद्धा चली गयी. श्रद्धा के जाते ही अपर्णा ने राहत की साँस ली.

"गुरु क्या कह रहे थे चुपके-चुपके श्रद्धा को"

"कुछ नही इधर-उधर की बाते कर रहे थे" सौरभ ने कहा.

"मैं सब जानती हूँ ये इधर-उधर की बाते कौन सी हैं...मुझे इस मुसीबत में फँसा कर तुम मस्ती कर रहे हो....कुछ सोचा तुमने कि मेरा अब क्या होगा. मेरे घर में सब परेशान होंगे. मेरे पिता जी दिल के मरीज हैं अगर कुछ हो गया तो उसके ज़िम्मेदार भी तुम होंगे. मैं अब और नही सह सकती मैं घर जा रही हूँ"

सौरभ कुछ नही कह पाया जवाब में.

"अपर्णा जी शांत हो जाओ, गुरु की तो ग़लती है ही...मैं मानता हूँ पर जो भी हुआ अंजाने में हुआ" आशु ने कहा.

"हां....मुझे क्या पता था की खेल इस तरह बिगड़ जाएगा" सौरभ ने कहा.

"जिस खेल को कंट्रोल ना कर सको वो खेल नही खेलना चाहिए मिस्टर सौरभ....अब वो विटनेस भी मार दिया उस ने....बताओ हमारे पास करने को क्या है...पोलीस मुझे ढूँढ रही है....तुम्हे नही...तुम्हारी तस्वीर टीवी पर आई होती ना तो पता चलता तुम्हे" अपर्णा ने गुस्से में कहा.

"देखो अपर्णा मैं अपनी ग़लती मानता हूँ....जो सज़ा तुम्हे देनी है दे दो" सौरभ ने कहा और उसके कदमो में बैठ गया.

अपर्णा फूट-फूट कर रोने लगी, "मैं क्या सज़ा दू तुम्हे...सज़ा तो मुझे मिल रही है....पता नही किस बात की"

"अपर्णा जी आप चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा...हम सब हैं ना आपके साथ" आशु ने कहा.

"तुम मुझसे दूर ही रहना मुझे तुमसे कुछ नही लेना देना समझे" अपर्णा ने अपनी आँखो से आँसू पोंछते हुए आशु को कहा.
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 27-12-2019, 07:10 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)