29-01-2019, 11:59 PM
करुणा ने मनीष की बात सुनकर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया। मनीष करुणा की साड़ी को अपने हाथों से । उतारने लगा। करुणा के जिश्म से उसकी साड़ी के अलग होते ही मनीष करुणा की छोटी-छोटी चूचियों को ब्रा में कैद देखते हुए अपने होंठों पर अपनी जीभ फिराने लगा। करुणा ने मनीष को यूँ अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर अपने हाथों को अपनी चूचियों पर रख दिया। मनीष करुणा के हाथों को अपने हाथों में पकड़ते हुए उसके हाथों को उसके सिर के ऊपर कर दिया और अपने होंठ करुणा की चूचियों पर ब्रा के ऊपर रखते हुए करुणा की चूचियों का उपरी हिस्सा चाटने लगा।
मनीष के होंठ अपनी चूचियों के पास महसूस करके करुणा के मुँह से सिसकियां निकलने लगी और वो गरम होने लगी। मनीष ने करुणा के हाथों से अपने हाथों को हटाते हुए उसकी ब्रा को आगे से खींचकर थोड़ा नीचे कर दिया। करुणा की छोटी-छोटी चूचियों अब बिल्कुल नंगी मनीष की आँखों के सामने थी। मनीष करुणा की एक चूची को अपने हाथ से सहलाते हुए अपना मुँह खोलते हुए उसकी चूची के गुलाबी दाने को अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगा।
करुणा अपनी चूची के दाने को मनीष के मुँह में जाते ही मजे से “आअह्ह्ह...” करके चीख पड़ी और अपने हाथों को मनीष के बालों में डालते हुए अपनी चूचियों पर दबाने लगी। करुणा का पूरा जिम अब बहुत गरम हो चुका था। और उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया था। मनीष करुणा की चूची को चूसते हुए अपने दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा। मनीष अब करुणा की एक चूची को चूसने के बाद उसकी दूसरी चूची को । चूसने लगा और अपने हाथ से करुणा के नंगे पेट को सहलाने लगा।
करुणा का पूरा जिम टूट रहा था और उसके मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। मनीष अब करुणा की चूचियों को छोड़ते हुए सीधा होते हुए अपनी शर्ट को उतार दिया। शर्ट के उतारने के बाद सीधा होकर करुणा के ऊपर लेट गया।
करुणा अपनी नंगी चूचियों पर मनीष का ठोस सीना महसूस करके तड़प उठी और मनीष को सिर से पकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगी। मनीष भी करुणा के होंठों को चूसते हुए नीचे होने लगा। मनीष अब बहुत तेजी के साथ करुणा के कंधे को चूमता हुआ नीचे बढ़ने लगा। करुणा की चूचियों तक पहुँचने के बाद मनीष ने एक-एक करके करुणा की चूचियों के कड़े दानों को अपने मुँह में लेकर काटने लगा।
मनीष के दाँत अपनी चूचियों पर पड़ते ही करुणा काँप उठी- “आहहह...”
मनीष अब करुणा की चूचियों को अपने मुंह से निकालते हुए नीचे होते हुए करुणा के गोरे पेट को अपनी जीभ से चाटने लगा। करुणा की साँसें बहुत जोर से चल रही थीं, उसका पूरा शरीर काँप रहा था और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकल रही थी।
मनीष अपनी जीभ को करुणा के पेट पर फिराते हुए उसके नाभि में फिराने लगा और अपना हाथ उसकी कच्छी पर फिराने लगा।
करुणा अपनी नाभि में जीभ और कच्छी पर मनीष के हाथ को महसूस करके सिहर उठी और अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैलाते हुए जोर-जोर से सिसकने लगी।
मनीष समझ गया के करुणा झड़ने के बिल्कुल करीब है। मनीष अपने हाथ को ठीक करुणा की चूत के छेद पर लाते हुए उसे कच्छी के ऊपर से सहलाने लगा और अपनी जीभ से उसकी नाभि को चाटने लगा। करुणा की चूत से पानी निकलकर उसकी कच्छी को भिगो रहा था। इसलिए मनीष का हाथ भी भीग चुका था।
मनीष के होंठ अपनी चूचियों के पास महसूस करके करुणा के मुँह से सिसकियां निकलने लगी और वो गरम होने लगी। मनीष ने करुणा के हाथों से अपने हाथों को हटाते हुए उसकी ब्रा को आगे से खींचकर थोड़ा नीचे कर दिया। करुणा की छोटी-छोटी चूचियों अब बिल्कुल नंगी मनीष की आँखों के सामने थी। मनीष करुणा की एक चूची को अपने हाथ से सहलाते हुए अपना मुँह खोलते हुए उसकी चूची के गुलाबी दाने को अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चूसने लगा।
करुणा अपनी चूची के दाने को मनीष के मुँह में जाते ही मजे से “आअह्ह्ह...” करके चीख पड़ी और अपने हाथों को मनीष के बालों में डालते हुए अपनी चूचियों पर दबाने लगी। करुणा का पूरा जिम अब बहुत गरम हो चुका था। और उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया था। मनीष करुणा की चूची को चूसते हुए अपने दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा। मनीष अब करुणा की एक चूची को चूसने के बाद उसकी दूसरी चूची को । चूसने लगा और अपने हाथ से करुणा के नंगे पेट को सहलाने लगा।
करुणा का पूरा जिम टूट रहा था और उसके मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। मनीष अब करुणा की चूचियों को छोड़ते हुए सीधा होते हुए अपनी शर्ट को उतार दिया। शर्ट के उतारने के बाद सीधा होकर करुणा के ऊपर लेट गया।
करुणा अपनी नंगी चूचियों पर मनीष का ठोस सीना महसूस करके तड़प उठी और मनीष को सिर से पकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगी। मनीष भी करुणा के होंठों को चूसते हुए नीचे होने लगा। मनीष अब बहुत तेजी के साथ करुणा के कंधे को चूमता हुआ नीचे बढ़ने लगा। करुणा की चूचियों तक पहुँचने के बाद मनीष ने एक-एक करके करुणा की चूचियों के कड़े दानों को अपने मुँह में लेकर काटने लगा।
मनीष के दाँत अपनी चूचियों पर पड़ते ही करुणा काँप उठी- “आहहह...”
मनीष अब करुणा की चूचियों को अपने मुंह से निकालते हुए नीचे होते हुए करुणा के गोरे पेट को अपनी जीभ से चाटने लगा। करुणा की साँसें बहुत जोर से चल रही थीं, उसका पूरा शरीर काँप रहा था और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकल रही थी।
मनीष अपनी जीभ को करुणा के पेट पर फिराते हुए उसके नाभि में फिराने लगा और अपना हाथ उसकी कच्छी पर फिराने लगा।
करुणा अपनी नाभि में जीभ और कच्छी पर मनीष के हाथ को महसूस करके सिहर उठी और अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैलाते हुए जोर-जोर से सिसकने लगी।
मनीष समझ गया के करुणा झड़ने के बिल्कुल करीब है। मनीष अपने हाथ को ठीक करुणा की चूत के छेद पर लाते हुए उसे कच्छी के ऊपर से सहलाने लगा और अपनी जीभ से उसकी नाभि को चाटने लगा। करुणा की चूत से पानी निकलकर उसकी कच्छी को भिगो रहा था। इसलिए मनीष का हाथ भी भीग चुका था।