29-01-2019, 11:58 PM
* * * * * * * * * *मनीष और करुणा
कमरे में मनीष ने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजा अंदर से लाक कर दिया और करुणा को अपनी बाहों में भर लिया। मनीष का कमरा भी रवी के कमरे की तरह बहुत खूबशूरत और भरा हुआ था। मनीष ने करुणा को बाहों में लेते हुए, भरते हुए अपने होंठ करुणा के होंठों पर रखने चाहे, मगर करुणा ने अपना सिर थोड़ा घुमा लिया। मनीष के होंठ करुणा के होंठों की बजाए उसके गाल पर आकर रुक गये। मनीष ने फिर से अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रखना चाहा मगर इस बार भी करुणा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
मनीष ने करुणा की आँखों में देखते हुए कहा- “क्या कर रही हो करुणा प्लीज... किस लेने दो ना क्यों तड़पा रही हो?”
करुणा ने शरारती अंदाज से कहा- “अब तो हमारी शादी के बाद ही आप हमें चूम सकते हैं..."
मनीष ने अपने हाथों से करुणा के सिर को पकड़ते हुए कहा- “शादी की बच्ची... अभी तुम्हें बताता हूँ की कैसे मस्ती की जाती है?” कहकर मनीष फिर से अपने होंठ करुणा के होंठों तक ले जाने लगा।
मगर जैसे ही उसके होंठ करुणा के होंठों को छूने ही वाले थे की करुणा ने मनीष को धक्का देते हुए अपने आपसे दूर कर दिया और मनीष से दूर भागते हुए कहने लगी- “हमने कहा ना की अब हम शादी से पहले कुछ नहीं करने देंगे...”
मनीष भी करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली बहुत नखड़े कर रही हो, आज तुम्हें नहीं छोडूंगा..."
करुणा भागते हुए बेड पर चढ़ते हुए बेड के उस तरफ खड़ी हो गई और मनीष की तरफ देखते हुए उस चिढ़ाते हुए कहने लगी-
“तुम्हें पता है की हम ठाकुर साहब की बहू हैं। अगर तुमने हमें ज्यादा तंग किया तो हम ठाकुर साहब से आपकी शिकायत कर देंगे...”
मनीष फिर से करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली आज तुम्हें मजा चखाना ही पड़ेगा.." और करुणा के पीछे बेड के दूसरी तरफ जाने लगा।
मनीष जैसे ही बेड की दूसरी तरफ पहुँचा, करुणा फिर से बेड पर चढ़ते हुए दूसरी तरफ चली गई। करुणा फिर से मनीष को चिढ़ाते हुए अपनी जीभ निकालकर मनीष को दिखाने लगी। करुणा भागने की वजह से जोर से हाँफ रही थी जिस वजह से उसकी चूचियों भी बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थीं। मनीष का भी वोही हाल था वो भी बुरी तरह से हॉफ रहा था। अचानक मनीष बेड पर चढ़ते हुए करुणा की तरफ जाने लगा। करुणा मनीष को अपनी तरफ आते हुए देखकर वहां से भागने लगी। मगर इस बार मनीष बेड के ऊपर से आने की वजह से वो मनीष से भाग नहीं पाई, और मनीष ने भागते हुए करुणा को पीछे से पकड़ते हुए अपनी बाहों में जकड़ लिया। मनीष करुणा को अपनी बाहों में कैद किए हुए थोड़ी देर तक बहुत जोर से साँसें लेने लगा।
करुणा भी बुरी तरह से हॉफ रही थी। कुछ देर बाद मनीष ने करुणा को अपनी बाहों में जोर से दबाते हुए कहाअब बोलो ठाकुर साहब की बहू क्या कह रही थी?"
करुणा ने अपने आपको मनीष से बहुत छुड़ाने की कोशिश की, मगर इस बार मनीष ने उसे अपनी बाहों की पकड़ से छूटने नहीं दिया और उसे अपनी बाहों में उठाते हुए बेड पर पटक दिया। मनीष करुणा को बेड पर लेटाते हुए खुद भी उसके ऊपर चढ़ गया और अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रख दिया। इस बार करुणा ने भी कोई विरोध नहीं किया और मनीष के चुंबन का जवाब देने लगी। मनीष करुणा का विरोध खतम होते ही उसके पूरे होंठों को चाटते हुए अपनी जीभ को करुणा के मुँह में डाल दिया।
करुणा ने मनीष की जीभ को कुछ देर तक चाटने के बाद अपनी जीभ को मनीष के मुँह में डाल दिया। मनीष कुछ देर तक करुणा की जीभ को चाटने के बाद करुणा के ऊपर से उठते हुए हुए अपने हाथों से उसकी साड़ी को उतारने लगा। करुणा ने अपने हाथ से अपनी साड़ी को पकड़ लिया।
मगर मनीष ने करुणा के हाथ को उसकी साड़ी से अलग करते हुए कहा- “जानेमन थोड़ी देर के लिए हमें अपने हुश्न का दीदार करने दो..."
कमरे में मनीष ने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजा अंदर से लाक कर दिया और करुणा को अपनी बाहों में भर लिया। मनीष का कमरा भी रवी के कमरे की तरह बहुत खूबशूरत और भरा हुआ था। मनीष ने करुणा को बाहों में लेते हुए, भरते हुए अपने होंठ करुणा के होंठों पर रखने चाहे, मगर करुणा ने अपना सिर थोड़ा घुमा लिया। मनीष के होंठ करुणा के होंठों की बजाए उसके गाल पर आकर रुक गये। मनीष ने फिर से अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रखना चाहा मगर इस बार भी करुणा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
मनीष ने करुणा की आँखों में देखते हुए कहा- “क्या कर रही हो करुणा प्लीज... किस लेने दो ना क्यों तड़पा रही हो?”
करुणा ने शरारती अंदाज से कहा- “अब तो हमारी शादी के बाद ही आप हमें चूम सकते हैं..."
मनीष ने अपने हाथों से करुणा के सिर को पकड़ते हुए कहा- “शादी की बच्ची... अभी तुम्हें बताता हूँ की कैसे मस्ती की जाती है?” कहकर मनीष फिर से अपने होंठ करुणा के होंठों तक ले जाने लगा।
मगर जैसे ही उसके होंठ करुणा के होंठों को छूने ही वाले थे की करुणा ने मनीष को धक्का देते हुए अपने आपसे दूर कर दिया और मनीष से दूर भागते हुए कहने लगी- “हमने कहा ना की अब हम शादी से पहले कुछ नहीं करने देंगे...”
मनीष भी करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली बहुत नखड़े कर रही हो, आज तुम्हें नहीं छोडूंगा..."
करुणा भागते हुए बेड पर चढ़ते हुए बेड के उस तरफ खड़ी हो गई और मनीष की तरफ देखते हुए उस चिढ़ाते हुए कहने लगी-
“तुम्हें पता है की हम ठाकुर साहब की बहू हैं। अगर तुमने हमें ज्यादा तंग किया तो हम ठाकुर साहब से आपकी शिकायत कर देंगे...”
मनीष फिर से करुणा के पीछे भागते हुए कहने लगा- “साली आज तुम्हें मजा चखाना ही पड़ेगा.." और करुणा के पीछे बेड के दूसरी तरफ जाने लगा।
मनीष जैसे ही बेड की दूसरी तरफ पहुँचा, करुणा फिर से बेड पर चढ़ते हुए दूसरी तरफ चली गई। करुणा फिर से मनीष को चिढ़ाते हुए अपनी जीभ निकालकर मनीष को दिखाने लगी। करुणा भागने की वजह से जोर से हाँफ रही थी जिस वजह से उसकी चूचियों भी बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थीं। मनीष का भी वोही हाल था वो भी बुरी तरह से हॉफ रहा था। अचानक मनीष बेड पर चढ़ते हुए करुणा की तरफ जाने लगा। करुणा मनीष को अपनी तरफ आते हुए देखकर वहां से भागने लगी। मगर इस बार मनीष बेड के ऊपर से आने की वजह से वो मनीष से भाग नहीं पाई, और मनीष ने भागते हुए करुणा को पीछे से पकड़ते हुए अपनी बाहों में जकड़ लिया। मनीष करुणा को अपनी बाहों में कैद किए हुए थोड़ी देर तक बहुत जोर से साँसें लेने लगा।
करुणा भी बुरी तरह से हॉफ रही थी। कुछ देर बाद मनीष ने करुणा को अपनी बाहों में जोर से दबाते हुए कहाअब बोलो ठाकुर साहब की बहू क्या कह रही थी?"
करुणा ने अपने आपको मनीष से बहुत छुड़ाने की कोशिश की, मगर इस बार मनीष ने उसे अपनी बाहों की पकड़ से छूटने नहीं दिया और उसे अपनी बाहों में उठाते हुए बेड पर पटक दिया। मनीष करुणा को बेड पर लेटाते हुए खुद भी उसके ऊपर चढ़ गया और अपने होंठों को करुणा के गुलाबी होंठों पर रख दिया। इस बार करुणा ने भी कोई विरोध नहीं किया और मनीष के चुंबन का जवाब देने लगी। मनीष करुणा का विरोध खतम होते ही उसके पूरे होंठों को चाटते हुए अपनी जीभ को करुणा के मुँह में डाल दिया।
करुणा ने मनीष की जीभ को कुछ देर तक चाटने के बाद अपनी जीभ को मनीष के मुँह में डाल दिया। मनीष कुछ देर तक करुणा की जीभ को चाटने के बाद करुणा के ऊपर से उठते हुए हुए अपने हाथों से उसकी साड़ी को उतारने लगा। करुणा ने अपने हाथ से अपनी साड़ी को पकड़ लिया।
मगर मनीष ने करुणा के हाथ को उसकी साड़ी से अलग करते हुए कहा- “जानेमन थोड़ी देर के लिए हमें अपने हुश्न का दीदार करने दो..."