Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
#72
Heart 
"आओ अभी ट्राइ करके देखते हैं"


"मुझे क्या पागल समझा है तुमने"

"नही अपर्णा जी आप ग़लत समझ रही हैं"

"देखो श्रद्धा इधर ही आ रही है....उसके सामने कोई बात मत करना" अपर्णा ने कहा.

"वो यहा नही आएगी...उसे नींद आ रही है देखो वो तो खाट बिछा कर लेट गयी"

अपर्णा ने मूड कर देखा. श्रद्धा वाकाई पेड़ के नीचे खाट पर लेटी थी.

"पर उसकी नज़र यही रहेगी" अपर्णा ने कहा.

"छोड़ो ना उसे वो सो चुकी है आओ मुझे डालने दो...ये जीन्स ज़रा नीचे सरकाओ"

"अगर उसने देख लिया ना तो मेरी जान ले लेगी वो"

"मेरा यकीन करो वो सो चुकी है"

आशु ने अपर्णा की जीन्स का बटन खोला और उसे नीचे खीचने लगा.

"रूको इतनी जल्दी क्या है?"

"मैं तड़प रहा हूँ अपर्णा जी प्लीज़ जल्दी से ये जीन्स उतारो"

अपर्णा ने जीन्स नीचे सरका ली. आशु ने फ़ौरन अपर्णा की पॅंटी नीचे खींच ली.

"बहुत सुंदर....ऐसी चूत मैने आज तक नही देखी...आपके चेहरे की तरह आपकी चूत भी सुंदर है"

"चुप रहो श्रद्धा सुन लेगी"

"उसकी मुझे परवाह नही....चलो थोड़ा घूम जाओ मुझे पीछे से डालना अच्छा लगता है"

"आज ही डालना क्या ज़रूरी है...फिर कभी देखेंगे"

"नही आज ही फ़ैसला हो जाए की ये लंड अंदर जाएगा की नही"

"अगर नही गया तो...क्या ये प्यार ख़तम?"

"प्यार सेक्स का मोहताज़ नही है अपर्णा जी....आइ लव यू"

"पता नही क्यों पर तुम मुझे अच्छे लगे"

"यही तो प्यार है...चलो थोड़ा घूम जाओ अब"

अपर्णा आशु के सामने घूम कर झुक गयी और आशु ने उसकी सुंदर चूत पर लंड टीका दिया.

"देखो थोड़ा धीरे से डालना" अपर्णा ने कहा.

"आप बिल्कुल चिंता मत करो बिल्कुल धीरे से डालूँगा"

"आआहह मर गयी इसे धीरे कहते हो तुम...निकालो बाहर नही जाएगा ये" अपर्णा चिल्लाई

"जब लंड बड़ा हो तो थोड़ा ज़ोर तो लगाना ही पड़ता है हे हे हे" आशु ने कहा.

"उफ्फ ये आगे नही जाएगा मेरी बात मानो और मत डालना"

"अपर्णा जी ये पूरा जाएगा....आप चिंता मत करो" आशु ने ज़ोर लगा कर धक्का मारा.

"उुउऊहह मा...डाल दिया क्या पूरा बहुत दर्द हो रहा है"

"अभी आधा गया है अपर्णा जी"

"ये प्यार आधा ही रहने दो आशु प्लीज़ पूरा मत डालना मैं मर जाउंगी"

"आज तक कोई लंड घुसने से नही मरा...ये प्यार पूरा हो के रहेगा आअहह" आशु ने कहा और इस बार ज़ोर लगा कर अपना पूरा लंड अपर्णा की चूत में उतार दिया.

"उूउऊयययययीीईई मा....आआअहह मेरी जान ले कर रहोगे आज तुम आहह"

"कंग्रॅजुलेशन अपर्णा जी मेरा लंड पूरा का पूरा अब आपकी चूत में है"

"इसे पूरा लेने में जो मेरी हालत हुई है वो मैं ही जानती हूँ...ऐसा प्यार रोज मिलेगा तो मैं तो गयी काम से" अपर्णा ने हांपते हुए कहा.

"हर बार ऐसा दर्द नही होगा तुम्हारी चूत धीरे धीरे अड्जस्ट कर लेगी"

"आआहह पता नही अभी तो बहुत दर्द हो रहा है."

"थोड़ी देर रुकते हैं"

"हां मैं भी यही कहने वाली थी"

"अब जब मैं तुम्हारी मारूँगा तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा"

"श्रद्धा ठीक कहती थी तुम वो पकड़ कर ही घुस्साते हो"

"गान्ड को पकड़ कर चूत में लंड डालने का मज़ा ही कुछ और है"

"ह्म....श्रद्धा अभी भी सो रही है ना"

"हां-हाँ सो रही है तुम उसकी चिंता मत करो"

"अब थोड़ा आराम है"

"मतलब की मैं छूट मारना शुरू करूँ"

"मेरा वो मतलब नही था"

"जो भी हो मैं अब मारने जा रहा हूँ" आशु ने कहा और अपना लंड अपर्णा की चूत से बाहर की ओर खींच कर वापिस अंदर धकैल दिया.

"उउउहह....आअहह"

"क्या हुआ अच्छा लगा ना" आशु ने पूछा.

"उम्म पता नही तुम करते रहो"

"तुम एंजाय कर रही हो मुझे पता है...बड़ा लंड पहले थोड़ा दर्द ज़रूर देता है लेकिन बाद में बेहिसाब मज़ा भी देता है"

"आआहह बहुत गर्व है तुम्हे अपने साइज़ पर हाँ"

"क्यों ना हो हर किसी को ये साइज़ नही मिलता अपर्णा जी....आअहह"

आशु ने अपने धक्को की स्पीड बहुत तेज कर दी.

"य...य..ये क्या कर रहे हो थोड़ा धीरे चलाओ गाड़ी"

"सॉरी ब्रेक फैल हो गये हैं अब स्पीड कम नही होगी"

"गयी भंस पानी में...ब्रेक किसने खराब किए ये ज़रूर श्रद्धा का काम है"

"हे..हे..शायद उसी का काम है आआहह"

"उउऊहह तुमने तो तूफान मच्चा दिया आआहह."

"ऐसी सुंदर चूत मिलेगी तो तूफान तो आएगा ही" आशु ने कहा

"रूको श्रद्धा करवट ले रही है..... और....और ये उसके पास कौन खड़ा है....हे भगवान ये तो वही है...आशु रूको देखो वही है कातिल....रुक जाओ वो श्रद्धा को मार देगा आअहह"

"इस हराम खोर को भी अभी आना था....अपर्णा जी ये गाड़ी अब मंज़िल पर पहुँच कर ही रुकेगी" आशु लगातार अपर्णा की चूत में धक्के मारता रहा.
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 27-12-2019, 06:56 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)