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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
* * * * * * * * * *धन्नो और रवि

कमरे में रवी ने मेरे पास आते हुए कहा- “छोरी तुम क्यों इतना शर्मा रही हो? अब तो तुम मेरी बीवी बनने वाली हो। चलो तुम्हें अपना कमरा दिखाता हूँ..”

रवी की बात सुनकर मैं चुपचाप रवी के साथ उसके कमरे में जाने लगी। कमरे में पहुँचते ही मैं हैरान रह गई। रवी का कमरा बहुत बड़ा और खूबसूरत बना हुआ था। उस कमरे में एक बहुत बड़ा बेड, कुर्सियां, टीवी, एसी और दूसरी सभी चीजें मौजूद थी। रवी कमरे में आते ही बेड पर बैठ गया, मैं वहाँ पर पड़ी हुई कुर्सी पर बैठ गई। कुर्सी पर बहुत बढ़िया फोम रखा हुआ था। फोम पर बैठते ही मुझे ऐसे महसूस हुआ जैसे मैं हवा में झूल रही हूँ।

रवी मुझे कुर्सी पर बैठते हुए देखकर उठते हुए कहने लगा- “अरे छोरी तुम वहाँ क्यों बैठ गई? आओ ना बेड पर बहुत जगह है, वहाँ पर बैठते हैं...”

मैंने शर्माते हुए कहा- “नहीं मैं यही ठीक हूँ...”

रवी ने कहा- “अच्छा हमसे शर्मा रही हो..” और खुद भी मेरे साथ मेरी कुर्सी के साथ पड़ी हुई दूसरी कुर्सी पर बैठ गया। रवी वहाँ बैठते हुए मुझसे बातें करने लगा।

अचानक बातें करते हुए रवी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे हाथ पर रख दिया और मेरे हाथ को सहलाने लगा। रवी का हाथ अपने हाथ पर महसूस करते ही मेरे सारे शरीर में करेंट दौड़ने लगा, और मेरे शरीर से पशीना निकलने लगा। रवी मेरे शरीर से पशीना बहते हुए देखकर उठते हुए दरवाजा बंद कर लिया, और एसी का रिमोट उठाकर उसकी स्पीड बढ़ा दी। रवी वापस आते हुए मेरे साथ बैठ गया और कहने लगा- “आज बहुत गर्मी है..." और फिर से मुझसे बातें करने लगा।

रवी ने फिर से बातें करते हुए मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा। रवी ने अचानक बातें करते हुए अपना हाथ मेरे हाथ से उठाते हुए मेरी जाँघ पर रख दिया, और मुझसे पूछने लगा- “धन्नो तुम्हारे कालेज में तुम्हारा कोई दोस्त है?”

रवी का हाथ मेरी जाँघ पर पड़ते ही मेरे शरीर में फिर से सिहरन दौड़ने लगी और मैंने अपना थूक गटकते हुए रवी से कहा- “कालेज में मेरी बहुत सारी लड़कियां दोस्त थी और लड़कों में सिर्फ रोहन जीजू से ही मैं बात करती थी..."

रवी मेरी बात सुनकर खुश होते हुए अपने हाथ से मेरी जाँघ को सहलाते हुए कहने लगा- “धन्नो तुम्हें देखकर ही मैं तुमसे प्यार करने लगा था, और मुझे पता था की तुम बहुत शरीफ लड़की हो..” कहकर रवी अपने हाथ से । मेरी जाँघ को ऊपर से नीचे तक सहलाने लगा। मुझे अपने जिम में गुदगुदी हो रही थी इसलिए मैंने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया। रवी ने अपना हाथ सीधा करते हुए अपनी उंगलियां मेरे हाथ की उंगलियों में फँसाते हुए मेरा हाथ अपने मुँह की तरफ ले जाते हुए उसे चूम लिया।

रवी ने मेरा हाथ चूमते हुए कहा- “धन्नो तुम्हारा हाथ तो बहुत नरम है, बिल्कुल फोम की तरह...”

मैंने शर्माते हुए अपना हाथ रवी के हाथ से छुड़ाते हुए कुर्सी से उठकर दूर खड़ी हो गई। रवी भी अपनी कुर्सी से उठते हुए मेरे पीछे खड़ा हो गया और कहने लगा- “क्या हुआ धन्नो तुम इतना शर्मा क्यों रही हो?"

रवी मेरे बिल्कुल पीछे खड़ा था। मेरी साँसें बहुत जोर-जोर से चल रही थी। अचानक रवी मेरे पीछे सटकर खड़ा हो गया और अपने हाथों को आगे बढ़ाते हुए मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया। मैंने रवी से अपने आपको छुड़ाने की बहुत कोशिश की, मगर रवी ने मुझे अपनी बाहों में कसकर पकड़ रखा था। रवी अपने दोनों हाथ मेरे नंगे पेट पर रखे हुए था और वो मुझे बहुत जोर से पकड़े हुए था। इसलिए मैं बिल्कुल हिल भी नहीं पा रही थी।

रवी ने मुझे ऐसे पकड़े हुए ही अपना मुँह मेरे कंधे पर रख दिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा। मुझे अपने चूतड़ों पर रवी की पैंट के ऊपर से ही उसका लण्ड महसूस हो रहा था। मैंने रवी से अपने आपको बहुत छुड़ाने की कोशिश की, मगर मैं उसके मजबूत बाहों की कैद से ना छूट सकी, और आखीरकार हार मानकर अपने आपको ढीला छोड़ दिया।

रवी ने मुझे ढीला देखकर अपने हाथ की पकड़ को ढीला करते हुए मेरे नंगे पेट को सहलाते हुए मेरे कंधे को चूमने लगा। मेरी साँसें बहुत जोर-जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। रवी ने अचानक अपने हाथ ऊपर करते हुए मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरी चूचियों को पकड़ लिया। रवी का हाथ अपनी चूचियों पर पड़ते ही मैं उत्तेजना के मारे जल्दी से रवी के हाथों को पकड़ते हुए अपनी चूचियों से दूर किया और सीधा होते हुए रवी को कसकर अपनी बाहों में भर लिया।

रवी भी अपने हाथों को मेरी पीठ पर रखते हुए अपने बाहों में भर लिया और अपना मुँह फिर से मेरे कंधे पर रख दिया, और उसे आगे से बेतहाशा चूमने लगा। रवी के सख़्त सीने में अपनी चूचियों के दबते ही मेरी चूत से उत्तेजना के मारे पानी बहने लगा। मेरा पूरा शरीर तप चुका था, मेरे होंठ खुश्क हो चुके थे और मैं चाहती थी की रवी आगे बढ़कर मेरे होंठों को चूम ले।

मगर रवी तो मेरे कंधे को ही चूम रहा था। मैं अपने हाथों से रवी की पीठ को सहलाते हुए अपना चेहरा ऊपर करते हुए इधर-उधर पटकने लगी, जिस वजह से रवी के होंठ मेरे पूरे कंधे पर चुंबनों की बरसात करने लगे। अचानक मैं अपने कंधे को नीचे करने लगी। रवी ने अपना चेहरा मेरे कंधे से हटा लिया और मैं अपना सिर नीचे किए ही अपने होंठों पर जीभ को फिराते हुए जोर-जोर से साँसें लेने लगी।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 29-01-2019, 11:57 PM



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