27-12-2019, 06:30 PM
"उफ्फ मैं अपने गले की चैन शायद सुरिंदर के घर भूल आई" मोनिका बड़बड़ाई.
मोनिका अपने घर पहुँच गयी है. उसे ज़रा भी अंदाज़ा नही कि उसके सुरिंदर के घर से जाने के बाद वहां खून की नादिया बह गयी.
"अभी सुरिंदर को फोन करती हूँ..."
मोनिका सुरिंदर का फोन ट्राइ करती है.
"क्या बात है...ये फोन क्यों नही उठा रहा" मोनिका बड़बड़ाई.
"शायद सो गया होगा....मैं भी थोड़ी देर लेट लेती हूँ....सुबह बात करूँगी सुरिंदर से."
मोनिका बिस्तर पर पसर जाती है.
"सुरिंदर के साथ कब तक चलेगा ये सब....किसी दिन संजय को पता चल गया तो....नही...नही ऐसा नही होगा....पर जो भी हो मुझे जल्दी ये सब ख़तम करना होगा"
"इस से पहले की मेरे तन की हवस मेरी ज़िंदागी बर्बाद कर दे...इस कहानी को यही ख़तम किया जाए. पर मैं ये भी जानती हूँ कि ये सब सोचना आसान है और करना मुश्किल...चलो देखते हैं किस्मत कहा ले जाती है"
"ना मैं उस दिन शादी में जाती और ना ही सुरिंदर के चक्कर में फस्ति......कम्बख़त ने पहली ही मुलाकात में फँसा लिया मुझे" मोनिका सोचते-सोचते ख़यालो में खो जाती है
मोनिका अपने घर पहुँच गयी है. उसे ज़रा भी अंदाज़ा नही कि उसके सुरिंदर के घर से जाने के बाद वहां खून की नादिया बह गयी.
"अभी सुरिंदर को फोन करती हूँ..."
मोनिका सुरिंदर का फोन ट्राइ करती है.
"क्या बात है...ये फोन क्यों नही उठा रहा" मोनिका बड़बड़ाई.
"शायद सो गया होगा....मैं भी थोड़ी देर लेट लेती हूँ....सुबह बात करूँगी सुरिंदर से."
मोनिका बिस्तर पर पसर जाती है.
"सुरिंदर के साथ कब तक चलेगा ये सब....किसी दिन संजय को पता चल गया तो....नही...नही ऐसा नही होगा....पर जो भी हो मुझे जल्दी ये सब ख़तम करना होगा"
"इस से पहले की मेरे तन की हवस मेरी ज़िंदागी बर्बाद कर दे...इस कहानी को यही ख़तम किया जाए. पर मैं ये भी जानती हूँ कि ये सब सोचना आसान है और करना मुश्किल...चलो देखते हैं किस्मत कहा ले जाती है"
"ना मैं उस दिन शादी में जाती और ना ही सुरिंदर के चक्कर में फस्ति......कम्बख़त ने पहली ही मुलाकात में फँसा लिया मुझे" मोनिका सोचते-सोचते ख़यालो में खो जाती है
.......................