29-01-2019, 11:48 PM
मौसी ने अपने दाँत निकालते हुए कहा- “तो धन्नो फिर क्या पसंद है? मुझे बोलो वो ही लाकर देती हूँ...”
मैं मौसी की बात समझ गई की वो किस चीज की बात कर रही है। मगर मैंने अंजान बनते हुए कहा- “मौसी आप क्या कह रही हैं, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है?”
तभी अचानक करुणा ने अंगड़ाई लेते हुए अपनी आँखें खोली। करुणा ने अपनी आँखें खोलते हुए कहा- “क्या बातें हो रही हैं?”
मौसी करुणा को उठता हुआ देखकर कहने लगी- “कुछ नहीं, ऐसे ही मैं धन्नो से सोनाली के बारे में पूछ रही थी." यह कहते हुए मौसी वहाँ से रफू-चक्कर हो गई।
करुणा ने उठते हुए टाइम देखा शाम के 4:00 बज रहे थे। करुणा ने कहा- “धन्नो दीदी, नहाकर तैयार होते हैं, 5:00 बजे ठाकुर साहब के घर चलना है..."
करुणा की बात सुनकर मैंने उसे चिढ़ाते हुए कहा- “बहुत जल्दी है तुझे ठाकुर के घर जाने की?”
करुणा ने कहा- “मुझे तो जल्दी है। मगर मैं अपने देवर रवी को तेरे पीछे लगा देंगी और तुझे भी अपने साथ वहाँ की बहू बना देंगी.."
करुणा की बात सुनकर मैं हँसने लगी और करुणा भी मेरे साथ हँसने लगी।
मैं मौसी की बात समझ गई की वो किस चीज की बात कर रही है। मगर मैंने अंजान बनते हुए कहा- “मौसी आप क्या कह रही हैं, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है?”
तभी अचानक करुणा ने अंगड़ाई लेते हुए अपनी आँखें खोली। करुणा ने अपनी आँखें खोलते हुए कहा- “क्या बातें हो रही हैं?”
मौसी करुणा को उठता हुआ देखकर कहने लगी- “कुछ नहीं, ऐसे ही मैं धन्नो से सोनाली के बारे में पूछ रही थी." यह कहते हुए मौसी वहाँ से रफू-चक्कर हो गई।
करुणा ने उठते हुए टाइम देखा शाम के 4:00 बज रहे थे। करुणा ने कहा- “धन्नो दीदी, नहाकर तैयार होते हैं, 5:00 बजे ठाकुर साहब के घर चलना है..."
करुणा की बात सुनकर मैंने उसे चिढ़ाते हुए कहा- “बहुत जल्दी है तुझे ठाकुर के घर जाने की?”
करुणा ने कहा- “मुझे तो जल्दी है। मगर मैं अपने देवर रवी को तेरे पीछे लगा देंगी और तुझे भी अपने साथ वहाँ की बहू बना देंगी.."
करुणा की बात सुनकर मैं हँसने लगी और करुणा भी मेरे साथ हँसने लगी।