27-12-2019, 05:55 PM
बाते करते करते दोनो कमरे पर पहुँच जाते हैं.
"क्या हुआ तुम दोनो के चेहरे क्यों लटके हुए हैं" अपर्णा ने पूछा.
"कुछ नही....कुछ भी हाथ नही लगा...पता नही कहा गायब हो गया वो" आशु ने कहा.
"भोलू के घर जाना चाहिए था ना" श्रद्धा ने कहा.
"वही से आ रहे हैं....चिकन का खून था उसकी कमीज़ पर और चाकू पर...मुर्गी काट-ते वक्त लग गया था.
"क्या कह रहे हो इसका मतलब मैने बिना मतलब के अपना मज़ा खराब किया आज" श्रद्धा ने कहा.
"बिल्कुल अगर तुम यहा ना आती तो अभी दूसरी बार गान्ड मार रहा होता भोलू तुम्हारी" सौरभ ने हंसते हुए कहा.
आशु ने सौरभ को इशारा किया. "गुरु अपर्णा जी के सामने ऐसी बाते मत करो" आशु ने सौरभ के कान में कहा.
"मेरी गान्ड है तुम्हे क्यों दर्द हो रहा है" श्रद्धा बोली.
"जाओ फिर वापिस वो वेट कर रहा है तुम्हारी और यहा पर ऐसी बाते मत करो...अपर्णा जी का ध्यान रखा करो" आशु ने कहा.
श्रद्धा ने पहले आशु को घूरा फिर अपर्णा को और बोली, "बड़ी हमदर्दी हो रही है...गान्ड में देती हूँ कि ये"
"श्रद्धा प्लीज़......" अपर्णा अपने कान पर हाथ रख कर चिल्लाई.
"ठीक है मैं चुप हो गयी ये लो मैने अपने मूह पर उंगली रख ली" श्रद्धा बोली.
"तेरे मूह में लंड डाल दूँगा अगर दुबारा बकवास की तो" सौरभ ने श्रद्धा के कान में कहा.
"उसे मूह में डालके क्या मिल जाएगा असली मज़ा तो चूत में आएगा...वैसे भी तुमने चूत में नही डाला अब तक" श्रद्धा भी धीरे से बोली.
"क्या हुआ तुम दोनो के चेहरे क्यों लटके हुए हैं" अपर्णा ने पूछा.
"कुछ नही....कुछ भी हाथ नही लगा...पता नही कहा गायब हो गया वो" आशु ने कहा.
"भोलू के घर जाना चाहिए था ना" श्रद्धा ने कहा.
"वही से आ रहे हैं....चिकन का खून था उसकी कमीज़ पर और चाकू पर...मुर्गी काट-ते वक्त लग गया था.
"क्या कह रहे हो इसका मतलब मैने बिना मतलब के अपना मज़ा खराब किया आज" श्रद्धा ने कहा.
"बिल्कुल अगर तुम यहा ना आती तो अभी दूसरी बार गान्ड मार रहा होता भोलू तुम्हारी" सौरभ ने हंसते हुए कहा.
आशु ने सौरभ को इशारा किया. "गुरु अपर्णा जी के सामने ऐसी बाते मत करो" आशु ने सौरभ के कान में कहा.
"मेरी गान्ड है तुम्हे क्यों दर्द हो रहा है" श्रद्धा बोली.
"जाओ फिर वापिस वो वेट कर रहा है तुम्हारी और यहा पर ऐसी बाते मत करो...अपर्णा जी का ध्यान रखा करो" आशु ने कहा.
श्रद्धा ने पहले आशु को घूरा फिर अपर्णा को और बोली, "बड़ी हमदर्दी हो रही है...गान्ड में देती हूँ कि ये"
"श्रद्धा प्लीज़......" अपर्णा अपने कान पर हाथ रख कर चिल्लाई.
"ठीक है मैं चुप हो गयी ये लो मैने अपने मूह पर उंगली रख ली" श्रद्धा बोली.
"तेरे मूह में लंड डाल दूँगा अगर दुबारा बकवास की तो" सौरभ ने श्रद्धा के कान में कहा.
"उसे मूह में डालके क्या मिल जाएगा असली मज़ा तो चूत में आएगा...वैसे भी तुमने चूत में नही डाला अब तक" श्रद्धा भी धीरे से बोली.