29-01-2019, 11:47 PM
शिल्पा जब दरवाजा बंद करके वापस आई तो ठाकुर ने उसे गोद में उठाते हुए बेड पर बिठा दिया। और उसके सारे कपड़े उतारकर उसे जमकर चोदा। आज शिल्पा तीन बार झड़ी थी। वैसे वो ठाकुर की चुदाई में दो बार झड़ती थी। ठाकुर का वीर्य अपनी चूत में छोड़ते ही वो शिल्पा के ऊपर ढेर हो गया।
शिल्पा ने कुछ देर के बाद ठाकुर से कहा- “आज तो आप बहुत उत्तेजित थे, मुझे तीन बार बहा दिया..”
ठाकुर ने शिल्पा की एक चूची को हाथों से सहलाते हुए कहा- “हाँ शिल्पा, आज मैं बहुत उत्तेजित था। मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी यही है की हमारे बेटों की शादी हो जाए और उन दोनों नालायकों ने अपने लिए छोरियां पसंद कर ली हैं...” ।
शिल्पा ने ठाकुर की बाहों से अपने आपको छुड़ाते हुए कपड़े पहनकर जाते हुए कहा- “आप कुछ देर आराम कर लो, शाम को आपको अपनी दोनों बहुओं को भी देखना है..” यह कहते हुए शिल्पा वहाँ से चली गई।
* * * * * * * * * *धन्नो और मौसी का लेस्बियन
मैं मौसी के घर सोई हुई थी की अचानक मुझे नींद में किसी का हाथ अपनी चूची पर महसूस हुआ, पहले मैंने वहम समझकर ध्यान नहीं दिया। मगर कुछ देर बाद मुझे अपनी कच्छी पर कुछ महसूस हुआ। मैंने अपनी आँखें खोलकर देखा तो मौसी मेरी खटिया पर बैठी हुई थी और मेरी साड़ी को थोड़ा ऊपर किए हुए अपने हाथ से मेरी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहला रही थी। मौसी का मेरी तरफ ध्यान नहीं था।
मैं भी देखना चाहती थी की वो आगे क्या करने वाली है? इसलिए मैं चुपचाप पड़ी रही। मौसी ने अपने हाथ से मेरी कच्छी को सहलाते हुए अपना मुँह मेरी गोरी जांघों पर रख दिया और अपनी जीभ निकालकर मेरी जांघों को चाटने लगी। मौसी की जीभ अपनी जांघों पर पड़ते ही मेरे पूरे जिम में बिजली का करेंट दौड़ गया। मौसी अपनी जीभ से मेरी जांघों को ऊपर से नीचे तक चाट रही थी।
मुझे मौसी के ऐसा करने से बहुत मजा आ रहा था। मेरा पूरा शरीर गर्म हो चुका था, मेरी चूत से पानी टपकना शुरू हो गया था। मौसी ने अचानक मेरे चूतड़ों को थोड़ा ऊपर करते हुए मेरी कच्छी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया। मेरी गुलाबी चूत मौसी के सामने थी और उत्तेजना में मेरी साँसें अटकने लगी, और मेरी चूत से बहुत जोर से पानी निकलने लगा। मौसी ने मेरी चूत को गौर से देखते हुए अपना मुँह नीचे ले जाते हुए उसे एक चुंबन दे दिया। मेरे मुँह से एक आहह... की सिसकी निकल गई।
मौसी ने हँसते हुए कहा- “मुझे पता है की तुम जाग रही हो, मजे लो, क्यों शर्माती हो?”
मौसी की बात सुनकर मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूं? मौसी ने अपनी जीभ निकाली और मेरी चूत से निकलता हुआ पानी चाटने लगी। मैं बहुत गरम हो चुकी थी। इसलिए मैं मौसी को रोक नहीं पाई।
मौसी की जीभ से मेरे मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकलने लगी। मौसी मेरी चूत को चूसते हुए अपने एक हाथ से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगी। मौसी ने अचानक अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठों को खोलते हुए अपनी जीभ कड़ी करते हुए मेरी चूत में डाल दी, मेरे मुँह से जोर की आअह्ह्ह... निकल गई।
मौसी की जीभ बहुत कड़ी और लंबी थी। वो अपनी जीभ से मुझे किसी मर्द के लण्ड की तरह चोद रही थी। मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा, मेरे पूरे शरीर से पशीना निकल रहा था। मौसी अपनी जीभ मेरी चूत में बहुत जोर से अंदर-बाहर करते हुए अपने एक हाथ से मेरी चूत के दाने को भी मसलने लगी। मौसी की इस हरकत से मेरा। जिश्म बहुत जोर से काँपने लगा और मेरी चूत झटके खाने लगी।
ऊह्ह... आअह्ह्ह... इस्स्स्स ...” करते हुए मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी, और मैंने अपने हाथों से मौसी के सिर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा दिया।
मौसी मेरी चूत से निकलता हुआ पानी गटकने लगी। कुछ देर तक मैं अपनी आँखें बंद करके हाँफते हुए झड़ती रही और जब मेरा झड़ना बंद हुआ तो मैंने मौसी के सिर को छोड़ दिया और अपनी आँखें खोलकर मौसी को देखने लगी। मौसी का पूरा चेहरा मेरी चूत के पानी से भीगा हुआ था।
मौसी ने मुझे देखते हुए कहा- “धन्नो तुम तो बहुत नमकीन हो...”
मौसी की बात सुनकर मुझे अहसास हुआ की मैंने बहुत गलत कर दिया। मगर अब क्या हो सकता था? मौसी अपना चेहरा अपनी साड़ी से पोंछते हुए मेरे पास आ गई और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मौसी मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई मर्द चूसता है।
मेरे पूरे शरीर में फिर से सिहरन होने लगी। मैंने मौसी को धक्का देकर अपने आपसे दूर कर दिया और उसे डाँटते हुए कहा- “क्या कर रही हो आप?” और अपनी कच्छी को ऊपर करते हुए अपनी साड़ी को ठीक कर लिया।
मौसी मुझसे अलग होते हुए कहने लगी- “वाह बन्नो, जब तक चूत का पानी नहीं निकला था तो चुपचाप मजे ले रही थी और चूत का पानी निकलते ही बोलने लगी...”
मैं मौसी की बात सुनकर शर्म से पानी-पानी हो गई। मैंने मौसी से कहा- “मौसी मुझे यह सब पसंद नहीं है.”
शिल्पा ने कुछ देर के बाद ठाकुर से कहा- “आज तो आप बहुत उत्तेजित थे, मुझे तीन बार बहा दिया..”
ठाकुर ने शिल्पा की एक चूची को हाथों से सहलाते हुए कहा- “हाँ शिल्पा, आज मैं बहुत उत्तेजित था। मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी यही है की हमारे बेटों की शादी हो जाए और उन दोनों नालायकों ने अपने लिए छोरियां पसंद कर ली हैं...” ।
शिल्पा ने ठाकुर की बाहों से अपने आपको छुड़ाते हुए कपड़े पहनकर जाते हुए कहा- “आप कुछ देर आराम कर लो, शाम को आपको अपनी दोनों बहुओं को भी देखना है..” यह कहते हुए शिल्पा वहाँ से चली गई।
* * * * * * * * * *धन्नो और मौसी का लेस्बियन
मैं मौसी के घर सोई हुई थी की अचानक मुझे नींद में किसी का हाथ अपनी चूची पर महसूस हुआ, पहले मैंने वहम समझकर ध्यान नहीं दिया। मगर कुछ देर बाद मुझे अपनी कच्छी पर कुछ महसूस हुआ। मैंने अपनी आँखें खोलकर देखा तो मौसी मेरी खटिया पर बैठी हुई थी और मेरी साड़ी को थोड़ा ऊपर किए हुए अपने हाथ से मेरी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहला रही थी। मौसी का मेरी तरफ ध्यान नहीं था।
मैं भी देखना चाहती थी की वो आगे क्या करने वाली है? इसलिए मैं चुपचाप पड़ी रही। मौसी ने अपने हाथ से मेरी कच्छी को सहलाते हुए अपना मुँह मेरी गोरी जांघों पर रख दिया और अपनी जीभ निकालकर मेरी जांघों को चाटने लगी। मौसी की जीभ अपनी जांघों पर पड़ते ही मेरे पूरे जिम में बिजली का करेंट दौड़ गया। मौसी अपनी जीभ से मेरी जांघों को ऊपर से नीचे तक चाट रही थी।
मुझे मौसी के ऐसा करने से बहुत मजा आ रहा था। मेरा पूरा शरीर गर्म हो चुका था, मेरी चूत से पानी टपकना शुरू हो गया था। मौसी ने अचानक मेरे चूतड़ों को थोड़ा ऊपर करते हुए मेरी कच्छी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया। मेरी गुलाबी चूत मौसी के सामने थी और उत्तेजना में मेरी साँसें अटकने लगी, और मेरी चूत से बहुत जोर से पानी निकलने लगा। मौसी ने मेरी चूत को गौर से देखते हुए अपना मुँह नीचे ले जाते हुए उसे एक चुंबन दे दिया। मेरे मुँह से एक आहह... की सिसकी निकल गई।
मौसी ने हँसते हुए कहा- “मुझे पता है की तुम जाग रही हो, मजे लो, क्यों शर्माती हो?”
मौसी की बात सुनकर मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूं? मौसी ने अपनी जीभ निकाली और मेरी चूत से निकलता हुआ पानी चाटने लगी। मैं बहुत गरम हो चुकी थी। इसलिए मैं मौसी को रोक नहीं पाई।
मौसी की जीभ से मेरे मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकलने लगी। मौसी मेरी चूत को चूसते हुए अपने एक हाथ से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगी। मौसी ने अचानक अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठों को खोलते हुए अपनी जीभ कड़ी करते हुए मेरी चूत में डाल दी, मेरे मुँह से जोर की आअह्ह्ह... निकल गई।
मौसी की जीभ बहुत कड़ी और लंबी थी। वो अपनी जीभ से मुझे किसी मर्द के लण्ड की तरह चोद रही थी। मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा, मेरे पूरे शरीर से पशीना निकल रहा था। मौसी अपनी जीभ मेरी चूत में बहुत जोर से अंदर-बाहर करते हुए अपने एक हाथ से मेरी चूत के दाने को भी मसलने लगी। मौसी की इस हरकत से मेरा। जिश्म बहुत जोर से काँपने लगा और मेरी चूत झटके खाने लगी।
ऊह्ह... आअह्ह्ह... इस्स्स्स ...” करते हुए मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी, और मैंने अपने हाथों से मौसी के सिर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा दिया।
मौसी मेरी चूत से निकलता हुआ पानी गटकने लगी। कुछ देर तक मैं अपनी आँखें बंद करके हाँफते हुए झड़ती रही और जब मेरा झड़ना बंद हुआ तो मैंने मौसी के सिर को छोड़ दिया और अपनी आँखें खोलकर मौसी को देखने लगी। मौसी का पूरा चेहरा मेरी चूत के पानी से भीगा हुआ था।
मौसी ने मुझे देखते हुए कहा- “धन्नो तुम तो बहुत नमकीन हो...”
मौसी की बात सुनकर मुझे अहसास हुआ की मैंने बहुत गलत कर दिया। मगर अब क्या हो सकता था? मौसी अपना चेहरा अपनी साड़ी से पोंछते हुए मेरे पास आ गई और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मौसी मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई मर्द चूसता है।
मेरे पूरे शरीर में फिर से सिहरन होने लगी। मैंने मौसी को धक्का देकर अपने आपसे दूर कर दिया और उसे डाँटते हुए कहा- “क्या कर रही हो आप?” और अपनी कच्छी को ऊपर करते हुए अपनी साड़ी को ठीक कर लिया।
मौसी मुझसे अलग होते हुए कहने लगी- “वाह बन्नो, जब तक चूत का पानी नहीं निकला था तो चुपचाप मजे ले रही थी और चूत का पानी निकलते ही बोलने लगी...”
मैं मौसी की बात सुनकर शर्म से पानी-पानी हो गई। मैंने मौसी से कहा- “मौसी मुझे यह सब पसंद नहीं है.”