27-12-2019, 05:49 PM
Update 21
"ह्म्म....क्या पता तेरा पीछा करने वाला भोलू ना हो, बल्कि कोई और हो"
"उसके सिवा कौन हो सकता है...वही है वो किलर...हे भगवान मैं आज किलर को दे कर आई हूँ...अब तो मेरा भगवान ही मालिक है"
"सौरभ और आशु को आने दे सब पता चल जाएगा कि तेरे पीछे कौन था.
"एक घंटा हो गया उन्हे गये हुए...कहाँ रह गये दोनो...मुझे तो डर लग रहा है" श्रद्धा ने कहा.
"अभी तो कूद-कूद कर अपनी कहानी बता रही थी...अब डर लग रहा है तुझे हा" अपर्णा ने ताना मारा.
"मैं भी इंसान हू...कोई पत्थर नही हूँ....एक तो अपनी प्राइवेट बाते बताओ फिर ये सब सुनो...तुम्हे पता नही मेरी सहेलिया रास्ता रोक रोक कर सुनती हैं मेरी बाते और एक तू है जिसे मेरी बातो में कोई रूचि नही है...हा"
#
"कहा गया वो गुरु?" आशु ने कहा.
"नज़दीक ही जंगल शुरू होता है...हो सकता है उस तरफ भागा हो" सौरभ ने कहा.
"चलो फिर जंगल में ही चलते हैं" आशु ने कहा.
"तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?" आशु और सौरभ को किसी ने पीछे से आवाज़ दी.
वो दोनो तुरंत घूमे
"अरे रघु तू है...तूने तो डरा दिया....तू बता तू क्या कर रहा है इतनी ठंड में बाहर" आशु ने कहा.
"मैने अभी गोली की आवाज़ सुनी थी...वही सुन कर बाहर आया हूँ"
"वो तो हमने भी सुनी थी पर उस बात को तो कोई 20 मिनट हो गये...तू अब निकला है बाहर"
"हां मैं वो टॉयलेट में था तब अभी आया था देखने कि क्या बात है?"
"बड़ी अजीब बात है...किसी और को गोली की आवाज़ सुनाई नही दी...सिर्फ़ तुम निकले हो देखने"
"लोग टीवी में लगे रहते हैं सुनाई नही दिया होगा"
"जाओ अंदर बैठ जाओ जाकर....लगता है आज वो किलर इसी इलाक़े में शिकार करेगा"
"शुभ शुभ बोल मुझे डर लगता है ऐसी बातो से...मैं तो चला...तुम भी जाओ अपने-अपने घर"
रघु अपने घर में घुस गया और फ़ौरन अंदर से कुण्डी लगा ली.
"कही ये रघु ही तो श्रद्धा का पीछा नही कर रहा था गुरु?"
"नही ये ऐसी हरकत नही कर सकता....ये ज़रूर उसी किलर का काम है...मुझे यकीन है की वो आस पास ही है. कल इसी जंगल से तो आए थे हम.....वो भी शायद हमे ढूँढ रहा है"
"पर श्रद्धा जो कह रही थी उसका क्या...हो सकता है भोलू ही उसका पीछा कर रहा हो."
"ह्म्म.....चलो उसके घर चलते हैं....अभी सारी बात क्लियर हो जाएगी"
"पर एक बात है गुरु ये दोनो बहने अलग अलग इंसान को कातिल बता रही हैं"
"देखो मुझे पूजा की बात पर तो यकीन है....बाकी श्रद्धा का मैं कह नही सकता"
"पर श्रद्धा भी झुटि कहानी नही बनाएगी गुरु"
"चल फिर अभी भोलू के घर जा कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं"
"ठीक है"
"ह्म्म....क्या पता तेरा पीछा करने वाला भोलू ना हो, बल्कि कोई और हो"
"उसके सिवा कौन हो सकता है...वही है वो किलर...हे भगवान मैं आज किलर को दे कर आई हूँ...अब तो मेरा भगवान ही मालिक है"
"सौरभ और आशु को आने दे सब पता चल जाएगा कि तेरे पीछे कौन था.
"एक घंटा हो गया उन्हे गये हुए...कहाँ रह गये दोनो...मुझे तो डर लग रहा है" श्रद्धा ने कहा.
"अभी तो कूद-कूद कर अपनी कहानी बता रही थी...अब डर लग रहा है तुझे हा" अपर्णा ने ताना मारा.
"मैं भी इंसान हू...कोई पत्थर नही हूँ....एक तो अपनी प्राइवेट बाते बताओ फिर ये सब सुनो...तुम्हे पता नही मेरी सहेलिया रास्ता रोक रोक कर सुनती हैं मेरी बाते और एक तू है जिसे मेरी बातो में कोई रूचि नही है...हा"
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"कहा गया वो गुरु?" आशु ने कहा.
"नज़दीक ही जंगल शुरू होता है...हो सकता है उस तरफ भागा हो" सौरभ ने कहा.
"चलो फिर जंगल में ही चलते हैं" आशु ने कहा.
"तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?" आशु और सौरभ को किसी ने पीछे से आवाज़ दी.
वो दोनो तुरंत घूमे
"अरे रघु तू है...तूने तो डरा दिया....तू बता तू क्या कर रहा है इतनी ठंड में बाहर" आशु ने कहा.
"मैने अभी गोली की आवाज़ सुनी थी...वही सुन कर बाहर आया हूँ"
"वो तो हमने भी सुनी थी पर उस बात को तो कोई 20 मिनट हो गये...तू अब निकला है बाहर"
"हां मैं वो टॉयलेट में था तब अभी आया था देखने कि क्या बात है?"
"बड़ी अजीब बात है...किसी और को गोली की आवाज़ सुनाई नही दी...सिर्फ़ तुम निकले हो देखने"
"लोग टीवी में लगे रहते हैं सुनाई नही दिया होगा"
"जाओ अंदर बैठ जाओ जाकर....लगता है आज वो किलर इसी इलाक़े में शिकार करेगा"
"शुभ शुभ बोल मुझे डर लगता है ऐसी बातो से...मैं तो चला...तुम भी जाओ अपने-अपने घर"
रघु अपने घर में घुस गया और फ़ौरन अंदर से कुण्डी लगा ली.
"कही ये रघु ही तो श्रद्धा का पीछा नही कर रहा था गुरु?"
"नही ये ऐसी हरकत नही कर सकता....ये ज़रूर उसी किलर का काम है...मुझे यकीन है की वो आस पास ही है. कल इसी जंगल से तो आए थे हम.....वो भी शायद हमे ढूँढ रहा है"
"पर श्रद्धा जो कह रही थी उसका क्या...हो सकता है भोलू ही उसका पीछा कर रहा हो."
"ह्म्म.....चलो उसके घर चलते हैं....अभी सारी बात क्लियर हो जाएगी"
"पर एक बात है गुरु ये दोनो बहने अलग अलग इंसान को कातिल बता रही हैं"
"देखो मुझे पूजा की बात पर तो यकीन है....बाकी श्रद्धा का मैं कह नही सकता"
"पर श्रद्धा भी झुटि कहानी नही बनाएगी गुरु"
"चल फिर अभी भोलू के घर जा कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं"
"ठीक है"