27-12-2019, 05:32 PM
लन्ड पुछा चुची से, क्यों हो आज उदास!
बोली चुची, प्यारे ! न्याय की मुझे नही अब आस!!
मुझे नही अब आस, बडा हो रहा घोटाला,
तुने भ्रष्टाचार मेरे साथ कर डाला!
खोल के अपने रूप को, मै तुझे रिझाती,
साली चूत तुझे झट चट कर जाती!!