27-12-2019, 05:05 PM
"बहुत देर हो गयी कहा रह गये ये दौनो" अपर्णा कार में बैठी हुई परेशान हो रही है.
अगले ही पल उसे आशु सौरभ और पूजा कार की ओर भागते नज़र आते.
"लगता है सच में कोई गड़बड़ हुई है...हे भगवान मैं किसी और मुसीबत में ना फँस जाउ" अपर्णा ने कहा.
"तुम पीछे बैठो हम आगे बैठ-ते हैं"आशु ने पूजा से कहा.
पूजा फ़ौरन पीछे का दरवाजा खोल कर बैठ गयी. आशु और सौरभ भी तुरंत बैठ गये. अगले ही पल कार सड़क पर दौड़े जा रही थी.
"कोई मुझे बताएगा कि यहा हो क्या रहा है?" अपर्णा ने कहा.
"अपर्णा जी पूरी बात तो हमे भी नही पता... हां बस इतना पता चला है कि उस घर में एक लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था और पूजा उसे रोकना चाहती थी" आशु ने कहा.
"अपर्णा....कुछ ऐसा ही नाम लिया था चौहान ने..... अरे हां वो नाम अपर्णा ही तो था" पूजा ने मन ही मन सोचा और बड़े गौर से अपर्णा की ओर देखा. पूजा ने न्यूज़ नही देखी थी इसलिए उसके लिए अपर्णा को पहचान-ना और भी मुश्किल था"
"क्या देख रही हो?" अपर्णा ने पूछा.
"कुछ नही.....उस कातिल का नाम भी अपर्णा है ना"
"हां तो क्या मैं तुम्हे कातिल नज़र आती हूँ.... मैने किसी का खून नही किया ये सब साजिस है उसी किलर की जो की असली कातिल है" अपर्णा ने कहा.
"नही मेरा वो मतलब नही था?" पूजा ने कहा.
"मैं तुम्हे सारी बात बताता हूँ ध्यान से सुनो" आशु ने पीछे मूड कर कहा.
आशु पूजा को पूरी बात बताता है. "वो अपर्णा जी को फसाना चाहता है क्योंकि इन्होने उसे देख लिया था"
"ह्म्म.....कैसे-कैसे खेल खेलती है किस्मत भी" पूजा ने कहा.
"सबसे बड़ी बात तो ये है कि वो विटनेस वो किलर नही है...उस से तो बस अपर्णा जी के खिलाफ गवाही दिलाई जा रही है" आशु ने कहा.
"मैं जानती हूँ कातिल कौन है और कहा रहता है" पूजा ने कहा.
"क्या!!!" अपर्णा, आशु और सौरभ ने एक साथ कहा.
बल्कि सौरभ तो इतना सर्प्राइज़्ड हुआ कि उसने फ़ौरन कार को ब्रेक लगा दिए.
"तुम कैसे जानती हो उस को" आशु ने पूछा.
"वो मैं आज.....वो सब छोड़ो. मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगी इस केस में."
"क्या तुम हमे उसके घर ले जा सकती हो..... और नाम क्या है उसका?" आशु ने पूछा.
"परवीन नाम है उसका.... घर तो उसका नही जानती मैं हां पर एक जगह है जहा वो मिल सकता है" पूजा ने कहा.
"तो हमे वहां ले चलो अभी" आशु ने कहा.
"अभी वो वहां नही मिलेगा" पूजा ने कहा.
"चलो फिलहाल घर चलते हैं और पूरी प्लॅनिंग के साथ उसे पकड़ेंगे" सौरभ ने कहा.
"पोलीस में कनेक्षन हैं उसके इसलिए थोड़ा ज़्यादा ध्यान रखना होगा हमे" पूजा ने कहा.
"क्या जो पोलीस वाला तुम्हे छोड़ कर गया था उस सड़क पर वो भी जानता है उसे" आशु ने कहा.
"हां" पूजा ने जवाब दिया.
"मामला बहुत गंभीर है गुरु" आशु ने कहा.
"कोई बात नही तुम साथ हो ना कहीं दुबारा फर्श तो....." सौरभ ने चुस्की ली.
"गुरु दुबारा ऐसी बात की तो मैं कभी तुमसे बात नही करूँगा" आशु ने कहा.
कुछ देर बाद कार सौरभ के कमरे के बाहर रुकती है.
"मैं चलती हूँ....फ्रेश हो कर तुमसे मिलूंगी...चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा" पूजा ने अपर्णा को कहा.
##
पूरा दिन एक अच्छे ख़ासे ड्रामे के साथ बीता. शाम हो चुकी है और अंधेरा घिरने को है.
"तुम यहा क्या कर रहे हो"श्रद्धा ने आशु से पूछा.
"भोलू हवलदार के पास जा रही हो ना"
"हां बाबा जा रही हूँ...तू क्या यही पूछने आया है"
"नही नही मैं तो तेरा हाल चाल पूछने आया था"
"पूजा कहा है?"
"सो रही है, लगता है आज कॉलेज में खूब थक गयी बेचारी"
"ह्म्म...एक बात का ध्यान रखना ज़्यादा मज़े मत देना भोलू को"
"तुझे उस से क्या वो कम मज़े ले या ज़्यादा"
"तू अपनी ख़ुशी से जा रही है ना"
"तेरे लिए जा रही हूँ"
अगले ही पल उसे आशु सौरभ और पूजा कार की ओर भागते नज़र आते.
"लगता है सच में कोई गड़बड़ हुई है...हे भगवान मैं किसी और मुसीबत में ना फँस जाउ" अपर्णा ने कहा.
"तुम पीछे बैठो हम आगे बैठ-ते हैं"आशु ने पूजा से कहा.
पूजा फ़ौरन पीछे का दरवाजा खोल कर बैठ गयी. आशु और सौरभ भी तुरंत बैठ गये. अगले ही पल कार सड़क पर दौड़े जा रही थी.
"कोई मुझे बताएगा कि यहा हो क्या रहा है?" अपर्णा ने कहा.
"अपर्णा जी पूरी बात तो हमे भी नही पता... हां बस इतना पता चला है कि उस घर में एक लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था और पूजा उसे रोकना चाहती थी" आशु ने कहा.
"अपर्णा....कुछ ऐसा ही नाम लिया था चौहान ने..... अरे हां वो नाम अपर्णा ही तो था" पूजा ने मन ही मन सोचा और बड़े गौर से अपर्णा की ओर देखा. पूजा ने न्यूज़ नही देखी थी इसलिए उसके लिए अपर्णा को पहचान-ना और भी मुश्किल था"
"क्या देख रही हो?" अपर्णा ने पूछा.
"कुछ नही.....उस कातिल का नाम भी अपर्णा है ना"
"हां तो क्या मैं तुम्हे कातिल नज़र आती हूँ.... मैने किसी का खून नही किया ये सब साजिस है उसी किलर की जो की असली कातिल है" अपर्णा ने कहा.
"नही मेरा वो मतलब नही था?" पूजा ने कहा.
"मैं तुम्हे सारी बात बताता हूँ ध्यान से सुनो" आशु ने पीछे मूड कर कहा.
आशु पूजा को पूरी बात बताता है. "वो अपर्णा जी को फसाना चाहता है क्योंकि इन्होने उसे देख लिया था"
"ह्म्म.....कैसे-कैसे खेल खेलती है किस्मत भी" पूजा ने कहा.
"सबसे बड़ी बात तो ये है कि वो विटनेस वो किलर नही है...उस से तो बस अपर्णा जी के खिलाफ गवाही दिलाई जा रही है" आशु ने कहा.
"मैं जानती हूँ कातिल कौन है और कहा रहता है" पूजा ने कहा.
"क्या!!!" अपर्णा, आशु और सौरभ ने एक साथ कहा.
बल्कि सौरभ तो इतना सर्प्राइज़्ड हुआ कि उसने फ़ौरन कार को ब्रेक लगा दिए.
"तुम कैसे जानती हो उस को" आशु ने पूछा.
"वो मैं आज.....वो सब छोड़ो. मैं तुम्हारी पूरी मदद करूँगी इस केस में."
"क्या तुम हमे उसके घर ले जा सकती हो..... और नाम क्या है उसका?" आशु ने पूछा.
"परवीन नाम है उसका.... घर तो उसका नही जानती मैं हां पर एक जगह है जहा वो मिल सकता है" पूजा ने कहा.
"तो हमे वहां ले चलो अभी" आशु ने कहा.
"अभी वो वहां नही मिलेगा" पूजा ने कहा.
"चलो फिलहाल घर चलते हैं और पूरी प्लॅनिंग के साथ उसे पकड़ेंगे" सौरभ ने कहा.
"पोलीस में कनेक्षन हैं उसके इसलिए थोड़ा ज़्यादा ध्यान रखना होगा हमे" पूजा ने कहा.
"क्या जो पोलीस वाला तुम्हे छोड़ कर गया था उस सड़क पर वो भी जानता है उसे" आशु ने कहा.
"हां" पूजा ने जवाब दिया.
"मामला बहुत गंभीर है गुरु" आशु ने कहा.
"कोई बात नही तुम साथ हो ना कहीं दुबारा फर्श तो....." सौरभ ने चुस्की ली.
"गुरु दुबारा ऐसी बात की तो मैं कभी तुमसे बात नही करूँगा" आशु ने कहा.
कुछ देर बाद कार सौरभ के कमरे के बाहर रुकती है.
"मैं चलती हूँ....फ्रेश हो कर तुमसे मिलूंगी...चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा" पूजा ने अपर्णा को कहा.
##
पूरा दिन एक अच्छे ख़ासे ड्रामे के साथ बीता. शाम हो चुकी है और अंधेरा घिरने को है.
"तुम यहा क्या कर रहे हो"श्रद्धा ने आशु से पूछा.
"भोलू हवलदार के पास जा रही हो ना"
"हां बाबा जा रही हूँ...तू क्या यही पूछने आया है"
"नही नही मैं तो तेरा हाल चाल पूछने आया था"
"पूजा कहा है?"
"सो रही है, लगता है आज कॉलेज में खूब थक गयी बेचारी"
"ह्म्म...एक बात का ध्यान रखना ज़्यादा मज़े मत देना भोलू को"
"तुझे उस से क्या वो कम मज़े ले या ज़्यादा"
"तू अपनी ख़ुशी से जा रही है ना"
"तेरे लिए जा रही हूँ"