27-12-2019, 04:43 PM
Update 15
"बहुत खराब है ये आशु मुझे बदनाम करने पे तुला है...वैसे तुम्हारे कारण करना होगा मुझे उसके साथ" श्रद्धा ने कहा.
"तो क्या हुआ एक और साइज़ आजमा लेना, तेरा क्या बिगड़ेगा...तुझे तो लत है इस सब की""
"तुम अगर भोलू को देखोगी तो तुम्हे पता चलेगा कि इतना आसान नही है ये काम"
"तो रहने दे" अपर्णा ने कहा
"मैं आशु के लिए करूँगी"
"वाह-वाह ये खूब रही...यकीन नही होता"
"देखो बहुत भद्दा है वो भोलू, मेरा बिल्कुल मन नही है उसे देने का"
"ह्म्म फिर रहने दो ना."
"नही मुझे आशु के लिए जाना होगा. और क्या पता उसका लंड भी तगड़ा हो. आँखे मीच कर कर लूँगी"
"आ गयी ना हक़ीकत ज़ुबान पे"
"देखो जब मुझे ये काम करना ही है तो थोड़ा अपने मज़े के बारे में तो सोचूँगी ही"
"अभी फिलहाल अपने यहा के काम पे ध्यान दे" अपर्णा ने कहा.
"मेरा पूरा ध्यान है यहा, थोड़ा मूह उपर करो...वैसे एक बात है"
"अब क्या है?"
"तुम्हारी चुचियाँ मुझ से बड़ी हैं, आदमी तो मरते होंगे इन चुचियों पर"
"चुप कर" अपर्णा ने गुस्से में कहा
"पर मैं सच कह रही हूँ, अगर मैं लड़का होती तो अभी इन्हे बाहर निकाल कर खूब चूस्ति"
"हे भगवान यू आर टू मच..." अपर्णा ने कहा.
"क्या कहा आपने"
"कुछ नही यही की मुझे देर हो रही है"
"बस हो गया काम, 15 मिनट और लगेंगे इन बालो को ध्यान से करना होगा"
"ह्म्म जल्दी करो"
थोड़ी देर श्रद्धा चुप रही फिर अचानक बोली, "आशु बहुत अच्छे से चूस्ता है मेरे निपल"
"तो मैं क्या करूँ, मैं भी चुस्वा लूँ क्या जाकर उस से"
"नही-नही मैने ऐसा तो नही कहा...आप ऐसा सोचना भी मत आशु सिर्फ़ मेरा है"
"अपने आशु को अपने पास रख मुझे कोई शौक नही है"
"सौरभ आपके लिए ठीक रहेगा बहुत मोटा लंड है उसका भी, बिल्कुल आशु की तरह पर मुझे पता नही कि उसे चुचियाँ चूसनी आती है की नही, अभी तक एक बार ही मिली हूँ उस से. उसने बिना कुछ किए मेरी गान्ड में डाल दिया था. दुबारा कोई मोका नही मिला उस से मिलने का"
"तुम्हे कोई और बात भी सूझती है इन बातो के अलावा"
"मुझे बस अपने आशु की चिंता है, उस से दूर रहना, बहुत सुंदर हो तुम कहीं मेरा आशु बहक जाए."
"अरे मेरी मा मुझे तेरे आशु से कुछ लेना देना नही है और ना ही सौरभ से कुछ लेना देना है. मैं यहा मजबूरी में फँसी हूँ और तुम ऐसी बाते कर रही हो"
"फिर ठीक है"
उसके बाद श्रद्धा ने कोई बात नही की और चुपचाप अपने काम में लगी रही.
जब काम ख़तम हो गया तो वो बोली, " लो हो गया तुम्हारा हुलिया चेंज, कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे अब"
"बहुत खराब है ये आशु मुझे बदनाम करने पे तुला है...वैसे तुम्हारे कारण करना होगा मुझे उसके साथ" श्रद्धा ने कहा.
"तो क्या हुआ एक और साइज़ आजमा लेना, तेरा क्या बिगड़ेगा...तुझे तो लत है इस सब की""
"तुम अगर भोलू को देखोगी तो तुम्हे पता चलेगा कि इतना आसान नही है ये काम"
"तो रहने दे" अपर्णा ने कहा
"मैं आशु के लिए करूँगी"
"वाह-वाह ये खूब रही...यकीन नही होता"
"देखो बहुत भद्दा है वो भोलू, मेरा बिल्कुल मन नही है उसे देने का"
"ह्म्म फिर रहने दो ना."
"नही मुझे आशु के लिए जाना होगा. और क्या पता उसका लंड भी तगड़ा हो. आँखे मीच कर कर लूँगी"
"आ गयी ना हक़ीकत ज़ुबान पे"
"देखो जब मुझे ये काम करना ही है तो थोड़ा अपने मज़े के बारे में तो सोचूँगी ही"
"अभी फिलहाल अपने यहा के काम पे ध्यान दे" अपर्णा ने कहा.
"मेरा पूरा ध्यान है यहा, थोड़ा मूह उपर करो...वैसे एक बात है"
"अब क्या है?"
"तुम्हारी चुचियाँ मुझ से बड़ी हैं, आदमी तो मरते होंगे इन चुचियों पर"
"चुप कर" अपर्णा ने गुस्से में कहा
"पर मैं सच कह रही हूँ, अगर मैं लड़का होती तो अभी इन्हे बाहर निकाल कर खूब चूस्ति"
"हे भगवान यू आर टू मच..." अपर्णा ने कहा.
"क्या कहा आपने"
"कुछ नही यही की मुझे देर हो रही है"
"बस हो गया काम, 15 मिनट और लगेंगे इन बालो को ध्यान से करना होगा"
"ह्म्म जल्दी करो"
थोड़ी देर श्रद्धा चुप रही फिर अचानक बोली, "आशु बहुत अच्छे से चूस्ता है मेरे निपल"
"तो मैं क्या करूँ, मैं भी चुस्वा लूँ क्या जाकर उस से"
"नही-नही मैने ऐसा तो नही कहा...आप ऐसा सोचना भी मत आशु सिर्फ़ मेरा है"
"अपने आशु को अपने पास रख मुझे कोई शौक नही है"
"सौरभ आपके लिए ठीक रहेगा बहुत मोटा लंड है उसका भी, बिल्कुल आशु की तरह पर मुझे पता नही कि उसे चुचियाँ चूसनी आती है की नही, अभी तक एक बार ही मिली हूँ उस से. उसने बिना कुछ किए मेरी गान्ड में डाल दिया था. दुबारा कोई मोका नही मिला उस से मिलने का"
"तुम्हे कोई और बात भी सूझती है इन बातो के अलावा"
"मुझे बस अपने आशु की चिंता है, उस से दूर रहना, बहुत सुंदर हो तुम कहीं मेरा आशु बहक जाए."
"अरे मेरी मा मुझे तेरे आशु से कुछ लेना देना नही है और ना ही सौरभ से कुछ लेना देना है. मैं यहा मजबूरी में फँसी हूँ और तुम ऐसी बाते कर रही हो"
"फिर ठीक है"
उसके बाद श्रद्धा ने कोई बात नही की और चुपचाप अपने काम में लगी रही.
जब काम ख़तम हो गया तो वो बोली, " लो हो गया तुम्हारा हुलिया चेंज, कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे अब"